विविधताओं में भी दिखता है समजस्य इनमें
बोल सकते नहीं मगर बहुत कुछ कह जाते है
कभी देखो! सुनो इन्हें।
ये देते बहुत हैं मगर हम देने की बात करते नहीं
कभी देकर देखें
और सबसे मजेदार बात ये हैं की
प्रेम की भाषा जानते है
निभाते बखूबी है बिलकुल एक सच्चे मित्र की तरह
मित्र बनाओ इन्हें
काटने की कवायद नहीं कर पाओगे
जब मित्र बन जायेंगे
और हां
ये जितना दे सकते हैं बखूबी देते हैं
फल से लेकर जड़ तक सब कुर्बान है मेरे दोस्त
ऐसी शक्ति enhi मै है
❣️
©वीrendra yadav
nature love #Save soil #Save trees ❣️