जब तक इंसान जिंदा होता है
आजाद नही होता है
बंधा होता है हर रिश्ते नाते में
जब वो परिवार के करीब होता है
रह जाते है सभी साथ वाले यही
इस मोह माया के बंधन से मुक्त होकर
उसको बड़ा ही दुख होता है
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
#कविता #शायरी #गजल
जब तक इंसान जिंदा होता है
आजाद नही होता है
बंधा होता है हर रिश्ते नाते में
जब वो परिवार के करीब होता है
रह जाते है सभी साथ वाले यही
इस मोह माया के बंधन से मुक्त होकर
उसको बड़ा ही दुख होता है