कण कण में बसा प्रभु देख रहा
चाहे पुण्य करो चाहे पाप करो
कोई उसकी नजर से बच न सका
चाहे पुण्य करो चाहे पाप करो
यह जगत रचा है ईश्वर ने
जीवो के कर्म करने के लिए
कुछ कर्म नए करने के लिए
पहले जो किए भरने के लिए
यही आवागमन का चक्र चला
चाहे पुण्य करो चाहे पाप करो
कण कण में बसा प्रभु देख रहा
सब पुण्य का फल तो चाहते हैं
पर पुण्य कर्म नहीं करते हैं
फल पाप करोगे नहीं चाहते
जग में दिन रात बिचरते हैं
मिलता है सभी को अपना किया
चाहे पुण्य करो चाहे पाप करो
कण कण में बसा प्रभु देख रहा
इंसान शुभाशुभ कर्म करे
अधिकार मिला है जमाने में
कर मोह में स्वतंत्र बना है
मगर परतंत्र सदा फल पाने में
न्याय प्रभु का बहुत कड़ा
चाहे पुण्य करो चाहे पाप करो
कण कण में बसा प्रभु देख रहा
इस जीवन में कर्मों का फल
हरगिज माफ नहीं होगा
सब सत्य यहां उगता है
कभी ये दामन साफ नहीं होगा
रहे याद पथिक ये नियम सदा
चाहे पुण्य करो चाहे पाप करो
कण कण में बसा प्रभु देख रहा
🌷हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे🌷
🌷हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे🌷
©santosh gaikwad
#DearKanha