मेरी प्यारी सासु मां...
एक मां जिसने पति खोकर संपत्ति खोकर बड़े संघर्ष से ना घर परिवार बच्चों को संभाला.. लेकिन एक सांस को खुश कर पाना मेरे यानि एक बहूं के बस की बात नहीं हो पाती हमेशा ! दिन में चार बार वो फुलाती हैं अगर मैं उन्हें घर में छोड़कर घर के बाहर भी खड़ी हुई तो... अपने दोस्तों से बातें कर रही हूं तो... गलती से कहीं चली गई मैं घर में छोड़कर तो...
बार-बार मानती हूं कई बार छोड़ कर देता हूं गुस्से आता है तो खामोशी से चुप रहना और नजरअंदाज करना बेहतर समझती हूं। ज्यादा दर्द दुखी बेचारी सी नजर
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