हो गई है इक तेरी आदत सी मुझे, न दिन कटती न रात अब बिना देखे तुझे, ऐ खुदा ये कैसा दस्तूर है, मेरी खुशी तो बस उसके आहट का नूर है, मोहब्बत ये तेरी इक हसीन दुनिया दिखाई है तेरे बिना जीने की सोचकर ये दिल भी अब घबराई है, मुस्कुराता चेहरा तेरा यूँ तस्वीर में देख देखकर, अपने दिल को अब तक मैने तसल्ली ही दिलाई है, अब न रहा जाएगा इतनी दूर मुझसे, यूँ तड़प तड़प कर ये दिल भी अपना फैसला सुनाई है, बस बोलकर इतना तुझसे मिलने की ही आस लगाई है!!
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