#_अल्फ़ाज़_#

#_अल्फ़ाज़_# Lives in Alwar, Rajasthan, India

ना कर कोशिश समझने की मुझे, बस मेरे अल्फ़ाज़ को समझने की कोशिश कर, #_अल्फ़ाज़_#

https://www.facebook.com/pg/Mani.alfaazz/posts/

  • Latest
  • Popular
  • Video

मेरे महबूब ने दरबार सजाया है, बीते दिनों को फिर याद दिलाया है, थामे रहना इसी कदर, मेरे हाथों को, ये कह कर पता नही वो, क्यू मुस्कुराया है, #_अल्फ़ाज़_#

#_अल्फ़ाज़_ #शायरी #दरबार  मेरे महबूब ने दरबार सजाया है,

बीते दिनों को फिर याद दिलाया है,

थामे रहना इसी कदर, मेरे हाथों को,

ये कह कर पता नही वो, क्यू मुस्कुराया है,

#_अल्फ़ाज़_#

मोहब्बत-ए-दर्द की, गर दवा बने, तो दिए जख्मो जैसी, सफा बने, शराकत मेरी ही क्यू बने इसमें, थी शामिल तू भी तो, तेरे लिए भी जफ़ा बने, #_अल्फ़ाज़_#

#_अल्फ़ाज़_ #शायरी #शामिल  मोहब्बत-ए-दर्द की, गर दवा बने,

तो दिए जख्मो जैसी, सफा बने,

शराकत मेरी ही क्यू बने इसमें,

थी शामिल तू भी तो, तेरे लिए भी जफ़ा बने,

#_अल्फ़ाज़_#

मोहब्बत की भी अब गिनती होने लगी है, कहाँ पहली दफा वाली, ठहरने लगी है, माना जिस्म बिकने लगे है, किराये पर, फिर क्यू खरीदारों की जुबां से, मोहब्बत की बात होने लगी है, आम है ये कहना के तुम ही मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत हो, पर अगली सुबह, कोई और क्यू उनसे लिपटने लगी है, #_अल्फ़ाज़_#

#खरीददार #_अल्फ़ाज़_ #शायरी  मोहब्बत की भी अब गिनती होने लगी है,

कहाँ पहली दफा वाली, ठहरने लगी है,

माना जिस्म बिकने लगे है, किराये पर,

फिर क्यू खरीदारों की जुबां से, मोहब्बत की बात होने लगी है,

आम है ये कहना के तुम ही मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत हो,

पर अगली सुबह, कोई और क्यू उनसे लिपटने लगी है,

#_अल्फ़ाज़_#

अब तो तेरी हर बात को, हम दिल से लगाते है, भीड़ में भी तुझे, अब पहचान जाते है, तेरी राह के दरख्तों का, इमान डोल गया है शायद, तभी आजकल वो तेरा पता, गलत बताते है, #_अल्फ़ाज़_#

#_अल्फ़ाज़_ #शायरी #पहचान  अब तो तेरी हर बात को, हम दिल से लगाते है,

भीड़ में भी तुझे, अब पहचान जाते है,

तेरी राह के दरख्तों का, इमान डोल गया है शायद,

तभी आजकल वो तेरा पता, गलत बताते है,

#_अल्फ़ाज़_#

लगा के हाथों पे मेहंदी, वो आज ख़ुशी से सज रही होगी, ये कैसा आलम है, मेरी मोहब्बत आज मुझी से बट रही होगी, अब जीने की तमन्ना नही है तेरे बिन, और मेरे कफ़न की चर्चा, उसके मोहल्ले में, कुछ दिनों बाद भी चल रही होगी, #_अल्फ़ाज़_#

#_अल्फ़ाज़_ #मेहंदी #शायरी  लगा के हाथों पे मेहंदी, वो आज ख़ुशी से सज रही होगी,

ये कैसा आलम है, मेरी मोहब्बत आज मुझी से बट रही होगी,

अब जीने की तमन्ना नही है तेरे बिन,

और मेरे कफ़न की चर्चा, उसके मोहल्ले में, कुछ दिनों बाद भी चल रही होगी,

#_अल्फ़ाज़_#

मोहब्बत नीलाम हो रही थी किसी,जमाना बोली लगा रहा था, में कभी गुजरा नही था वहा से, लेकिन आज कल वही से गुजर रहा था, किसी ने होटो की,किसी ने आँखों की, किसी ने खूबसूरती की कीमत लगाई, ना खरीदा जख्मो,अश्को और जज्बातो को ,ये देख कर में अकेला ही रोया जा रहा था, #_अल्फ़ाज़_#

#_अल्फ़ाज़_ #शायरी #कीमत  मोहब्बत नीलाम हो रही थी किसी,जमाना बोली लगा रहा था,

में कभी गुजरा नही था वहा से, लेकिन आज कल वही से गुजर रहा था,

किसी ने होटो की,किसी ने आँखों की, किसी ने खूबसूरती की कीमत लगाई,

 ना खरीदा जख्मो,अश्को और जज्बातो को ,ये देख कर में अकेला ही रोया जा रहा था,

#_अल्फ़ाज़_#
Trending Topic