दिव्य ज्योति सी वो , वो बच्चो का दुलार करती हैं
जब भी परेशान होता हैं, वो मुझे संभाला करती हैं ।
जब भी साथ हो पूरी कायनात भूल जाते हैं
डूब जाते हैं दोनो , फिर गले लग जाते हैं ।
एक दूसरे के साथ रहने के लिए एक दूसरे से झगड़ते हैं
सुबह की पहली किरण पर फिर साथ खड़े होते हैं ।
ये लड़ना , झगड़ना सब युही होता रहेगा
तेरा साथ जिंदगी भर बना रहेगा ।
जब मुश्किल आएं तो वो पुराने साथ वाले लम्हे याद करना
क्या रिश्ते की अहमियत हैं वो दिन याद करना।
लड़ेंगे घर वालो से या खुदा से लड़ जायेंगे ,
मेरे बच्चे साथ देना
एक वक्त बाद संग तेरे सारी खुशियां लुटाएंगे ।
@प्रवीण सिंह चौहान
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