Maligram Yadav

Maligram Yadav Lives in Varanasi, Uttar Pradesh, India

Aim of life is to give

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हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में ©Maligram Yadav

#mountainsnearme  हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं 

उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में

©Maligram Yadav
#mountainsnearme #loveshayari  मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी 

किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी

Basir Badra

©Maligram Yadav

कई जीत बाकी है . कई हार बाकी है ... अभी तो जिंदगी का सार बाकी है . .....यहाँ से चलें है नई मजिल के लिए ....ये तो एक पन्ना था ... अभी तो पूरी किताब बाकी है ....!! ©Maligram Yadav

#शायरी #welove  कई जीत बाकी है . कई हार बाकी है ... अभी तो जिंदगी का 

सार बाकी है . .....यहाँ से चलें है नई मजिल के लिए ....ये तो एक

 पन्ना था ... अभी तो पूरी किताब बाकी है ....!!

©Maligram Yadav

हर मर्ज की दवा नही होती दवाखाने में, कुछ दर्द चले जाते है सिर्फ मुस्कुराने से । - Maligram Yadav

#Shiva  हर मर्ज की दवा नही होती दवाखाने में,

कुछ दर्द चले जाते है सिर्फ मुस्कुराने से ।
                  
                        - Maligram Yadav

#Shiva

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बुझते हुए दीये पर हवा काम आई, माँ ने जब दुआ की तब दबा काम आई ।

#अनुभव #HopeMessage  बुझते हुए दीये पर हवा काम आई,

माँ ने जब दुआ की तब दबा काम आई ।

दोस्त आज से तुमको ही बेटे का फर्ज है निभाना, मेरे बाद मेरे माँ को है संभाल कर रखना । आज जिंदगी की सबसे बड़ी तैयारी है करना, माँ भारती का कर्ज है उतारना। छोटकी के कन्यादान तुम्ही को है करना, बापू के कंधे की सहारा तुम्हीं को है बनना। मुझे इसबार माफ़ कर देना माँ नहीं निभा पाया तेरा फर्ज मैं । माँ से कहना, एक माँ को छोड़कर दूसरी में समा गया, वतन के रास्ते वतन को भा गया । एक हाथ में था माँ का कर्ज, तो दूसरी में देश का फर्ज । बापू आपने शेर को था जन्म दिया, जिन्होंने अकेले ही दस-दस का संहार किया। इतना ताकत कहाँ था दुश्मनों के बाजुओं में, जो हिला सके फौलाद-सी चट्टानों को। हम तो जीतते ही है बाहर के हरामखोरो से, कब तक हारते रहेंगे देश के नमक हरामो से। क्या कभी नही ऐसी नेतृत्व आएगी, जिससे देश की तकदीर बदल जायेगी । ✍️✍️✍️Maligram Yadav

#कविता #waiting  दोस्त आज से तुमको ही बेटे का फर्ज है निभाना,
मेरे बाद मेरे माँ को है संभाल कर  रखना ।
आज जिंदगी की सबसे बड़ी तैयारी है करना,
माँ भारती का कर्ज है उतारना।

छोटकी के कन्यादान तुम्ही को है करना,
बापू के कंधे की सहारा तुम्हीं को है बनना।
 मुझे इसबार माफ़ कर देना माँ
 नहीं निभा पाया तेरा फर्ज मैं ।


माँ से कहना, एक माँ को छोड़कर दूसरी में समा गया,
वतन के रास्ते वतन को भा गया ।
एक हाथ में था माँ का कर्ज,
तो दूसरी में देश का फर्ज ।

बापू आपने शेर को था जन्म दिया,
जिन्होंने अकेले ही दस-दस का संहार किया।
इतना ताकत कहाँ था दुश्मनों के बाजुओं में,
जो हिला सके फौलाद-सी चट्टानों को।

हम तो जीतते ही है बाहर के हरामखोरो से,
कब तक हारते रहेंगे देश के नमक हरामो से।
क्या कभी नही ऐसी नेतृत्व आएगी,
जिससे देश की तकदीर बदल जायेगी ।

            ✍️✍️✍️Maligram Yadav

#waiting

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