शीर्षक:- काग़ज की कतरन
Dr. कुमार विश्वास की कविता "कोई दीवाना कहता है" की तर्ज़ पर पढियेगा✌️
4 Love
यहाँ 'सच' की गलियों में ईमान बिकता है..
'झूठ' है पानी मगर सरेआम बिकता है..
तकल्लुफ़ कर रहा जमाना हर बात छिपाने की..
यहाँ तुल कर तराज़ू में अख़बार बिकता है..
- AnDy
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