Rahul Ranjan

Rahul Ranjan Lives in Gaya, Bihar, India

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इस मतलबी सी दुनिया में,बेमतलब सा सहारे के लिए शुक्रिया। बेहद कठिन था सफ़र इस कॉलेज का,उसे आसान बनाने के लिए शुक्रिया।। गैरों के भीड़ में अपनों का पहचान करवाने के लिये शुक्रिया। 'मैं क्या हूँ, कैसा हूँ' ये सब बताने के लिए शुक्रिया ।। मेरी छोटी छोटी गलतियां जो तेरी नसीहतों से सुधर रही, कभी भूला जो अपनी पहचान तो,'मैं क्या हूँ' ये समझाने के लिए शुक्रिया।। चारदीवारी में सिमटी हुई ज़िन्दगी,अनजान शहर,हर शक्श अजनबी, मुझे पतझड़ से निकल कर कुछ हसीन मंजर दिखाने के लिए शुक्रिया।। जब भी फ़िजूल की चर्चायें होती थी हमारी,उससे खुद का पल्ला झाड़ने के लिए शुक्रिया। नई लड़कियों के एंट्री पर साथ बैठ कर ताड़ने के लिए शुक्रिया।। जब रुत थी इम्तिहानों की,या फिर प्रोग्रेस रिपोर्ट दिखाने की, क्या कुछ हो सकता है आख़िरी रात में,वो जादु सीखाने के लिए शुक्रिया।। चलो! अब वक़्त ने समेटा है खुद को कुछ इस तरह.... उलझे रास्तों को सुलझाने के लिए शुक्रिया।। ©Rahul Ranjan

#कविता #यादें #kitaabein #farewell #LastDay  इस मतलबी सी दुनिया में,बेमतलब सा सहारे के लिए शुक्रिया।
बेहद कठिन था सफ़र इस कॉलेज का,उसे आसान बनाने के लिए शुक्रिया।।

गैरों के भीड़ में अपनों का पहचान करवाने के लिये शुक्रिया।
'मैं क्या हूँ, कैसा हूँ' ये सब बताने के लिए शुक्रिया ।।

मेरी छोटी छोटी गलतियां जो तेरी नसीहतों से सुधर रही,
कभी भूला जो अपनी पहचान तो,'मैं क्या हूँ' ये समझाने के लिए शुक्रिया।।

चारदीवारी में सिमटी हुई ज़िन्दगी,अनजान शहर,हर शक्श अजनबी,
मुझे पतझड़ से निकल कर कुछ हसीन मंजर दिखाने के लिए शुक्रिया।।

जब भी फ़िजूल की चर्चायें होती थी हमारी,उससे खुद का पल्ला झाड़ने के लिए शुक्रिया।
नई लड़कियों के एंट्री पर साथ बैठ कर ताड़ने के लिए शुक्रिया।।

जब रुत थी इम्तिहानों की,या फिर प्रोग्रेस रिपोर्ट दिखाने की,
क्या कुछ हो सकता है आख़िरी रात में,वो जादु सीखाने के लिए शुक्रिया।।

चलो! अब वक़्त ने समेटा है खुद को कुछ इस तरह....
उलझे रास्तों को सुलझाने के लिए शुक्रिया।।

©Rahul Ranjan

मिलना कभी रकीब से तो बताना जरूर... करी थी जो कभी वादा मुझसे वो निभाना जरूर।। ©Rahul Ranjan

#प्यार_और_फ़रेब #प्यार #बेवफा #शायरी #इश्क़  मिलना कभी रकीब से तो बताना जरूर...

करी थी जो कभी वादा मुझसे वो निभाना जरूर।।

©Rahul Ranjan

वो गुजरा हुआ जमाना मुझे बहुत याद आता है... वो रह रह कर तेरा खिलखिलाना मुझे आज भी बहुत याद आता है। वो कॉलेज के नॉलेज पार्क, और पार्क में फव्वारें फव्वारें में एक साथ पैर डाल कर घंटो बैठना थोड़ा लड़ना थोड़ा रूठना और मनाना मुझे आज भी बहुत याद आता है। वो अचानक मिलने की ज़िद, क्लास बंक करने की क़सिद और बिन कुछ बोले कॉलेज की आखिरी सीढ़ी पर जा कर बैठ जाने की उम्मीद मुझे आज भी बहुत याद आता है। वो कॉलेज की पिया मिलन चौक, और उस चौक के सर्किल पर बैठ के इतराना थोड़ा हँसना थोड़ा गुनगुनाना और फिर चिल्लाना मुझे आज भी बहुत याद आता है। वो शहर की तंग गलियां,डूबते सूरज की लालियाँ मुस्कुराते हुए तुम,साथ देखे हुए ख़्वाब और सजाये सपनों की अनगिनत डालियाँ मुझे आज भी बहुत याद आता है। वो गुजरा हुआ जमाना मुझे बहुत याद आता है... वो रह रह कर तेरा खिलखिलाना मुझे आज भी बहुत याद आता है। ©Rahul Ranjan

#प्यार #कविता #यादें #जमाना #nojohindi  वो गुजरा हुआ जमाना मुझे बहुत याद आता है...
वो रह रह कर तेरा खिलखिलाना मुझे आज भी बहुत याद आता है।

 वो कॉलेज के नॉलेज पार्क, और पार्क में फव्वारें
फव्वारें में एक साथ पैर डाल कर घंटो बैठना
थोड़ा लड़ना थोड़ा रूठना और मनाना मुझे आज भी बहुत याद आता है।

वो अचानक मिलने की ज़िद, क्लास बंक करने की क़सिद
और बिन कुछ बोले कॉलेज की आखिरी सीढ़ी पर जा कर बैठ जाने की उम्मीद मुझे आज भी बहुत याद आता है।

वो कॉलेज की पिया मिलन चौक, और उस चौक के सर्किल पर बैठ के इतराना
थोड़ा हँसना थोड़ा गुनगुनाना और फिर चिल्लाना मुझे आज भी बहुत याद आता है।

वो शहर की तंग गलियां,डूबते सूरज की लालियाँ
मुस्कुराते हुए तुम,साथ देखे हुए ख़्वाब और सजाये सपनों की अनगिनत डालियाँ मुझे आज भी बहुत याद आता है।

वो गुजरा हुआ जमाना मुझे बहुत याद आता है...
वो रह रह कर तेरा खिलखिलाना मुझे आज भी बहुत याद आता है।

©Rahul Ranjan

हर वखत शब्दों से बोलूं, ऐसा ना तू गढ़ लेना... ख़ामोश अगर हो जाऊं मैं, मौन अधर को पढ़ लेना...!! ©Rahul Ranjan

#प्रेम #प्यार #बिहार #इश्क़ #शब्द  हर वखत शब्दों से बोलूं, ऐसा ना तू गढ़ लेना...

ख़ामोश अगर हो जाऊं मैं, मौन अधर को पढ़ लेना...!!

©Rahul Ranjan

गैरों के गुल भी मैं अब बड़ा ख़ामोशी से अपना लेता हूँ कई अपनों ने पत्थर भी बड़ा अदब से मारे हैं मुझे। ©Rahul Ranjan

#nojohindi #Engineer #Quotes #shikha #pyaar  गैरों के गुल भी मैं अब बड़ा ख़ामोशी से अपना लेता हूँ

कई अपनों ने पत्थर भी बड़ा अदब से मारे हैं मुझे।

©Rahul Ranjan
#YourQuoteAndMine #प्यार #इश्क़ #Feeling #roseday  हर वखत मैं शब्दों से बोलूं, ऐसा ना तू गढ़ लेना...

हो जाऊँ ख़ामोश अगर मैं,मौन अधर को पढ़ लेना।

©Rahul Ranjan
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