Jain Saroj

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मैं ग्रहणी हूं

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#विचार  White *नाव* की *अहमियत* को देखकर सीखें *जीवन* का *महत्व*..  *स्वयं* जल में *होकर* भी *औरों* को, पार  कराती है.. *दायित्व* ईश्वर *उसी* को देते हैं, जो *औरों* का *भार* उठा सकता है।

©Jain Saroj

शुभ विचार

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#विचार  White कुछ *रिश्ते* होते हो जिन्हे कोई 
*नाम* देना *मुमकिन नही होता*, 
फिर भी आपस में जाने किस 
डोर से बंधे होते है,
 *रूह की गहराईयों तक.*....

©Jain Saroj

'अच्छे विचार'

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#शायरी #weather_today  White वफ़ाओं से मुकर जाना 
       हमें आया नही अब तक,...
मगर जो वाक़िफ़ न हों चाहत से 
      हम उन से ज़िद नही करते..!!

©Jain Saroj

#weather_today गम भरी शायरी

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#कविता #Sad_shayri  White बहुए भाग जाती हैं…

बहुए भाग जाती हैं…
क्यूँकि वो अपने हिस्से का शोक मनाना चाहती हैं !
बहुएँ भाग जाती हैं…
क्यूँकि वो सम्पत्ति के बँटवारे की चर्चा में नहीं पड़ना चाहती !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब वो सांत्वना नहीं पाती !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब वो सम्मान नहीं पाती !
बहुएं भाग जाती है…
जब वो ‘अपनों’ में अकेली पड़ जाती हैं !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब वो असुरक्षित हो जाती हैं !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब अचानक ऐसे अपना भविष्य अंधेरे में पाती हैं!
बहुएँ भाग जाती हैं…
जब जीवन जीना ही सबसे बड़ी चुनौती लगने लगता है !
बहुएँ भाग जाती हैं…
जब जीवन भर साथ निभाने का वायदा 5 महीने में टूट जाता है !
साहसी होती है भागने वाली बहुएं…
बस समाज के खांचे में असहाय होकर फिट नहीं बैठतीं ऐसी बहुएँ !
इसलिए,
बहुएँ भाग जाती हैं।

©Jain Saroj

#Sad_shayri प्रेरणादायी कविता मराठी

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#कविता #Sad_shayri  White बहुए भाग जाती हैं…

बहुए भाग जाती हैं…
क्यूँकि वो अपने हिस्से का शोक मनाना चाहती हैं !
बहुएँ भाग जाती हैं…
क्यूँकि वो सम्पत्ति के बँटवारे की चर्चा में नहीं पड़ना चाहती !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब वो सांत्वना नहीं पाती !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब वो सम्मान नहीं पाती !
बहुएं भाग जाती है…
जब वो ‘अपनों’ में अकेली पड़ जाती हैं !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब वो असुरक्षित हो जाती हैं !
बहुएं भाग जाती हैं…
जब अचानक ऐसे अपना भविष्य अंधेरे में पाती हैं!
बहुएँ भाग जाती हैं…
जब जीवन जीना ही सबसे बड़ी चुनौती लगने लगता है !
बहुएँ भाग जाती हैं…
जब जीवन भर साथ निभाने का वायदा 5 महीने में टूट जाता है !
साहसी होती है भागने वाली बहुएं…
बस समाज के खांचे में असहाय होकर फिट नहीं बैठतीं ऐसी बहुएँ !
इसलिए,
बहुएँ भाग जाती हैं।

©Jain Saroj

#Sad_shayri प्रेरणादायी कविता हिंदी

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#विचार #love_shayari  White ॥ अनुरोध ॥ 

आँखों में 
आँसुओं की नदी के किनारे जैसे रहता है दुःख
वैसे ही तुम रहती हो मेरी हर साँस में 
गरमी की तरह.

मेरे वश में कहाँ है कि मैं कहूँ साँस से 
गरमी पर सिर्फ सूरज का हक है. 
मैं कहूँ आँखों से 
तुम सिर्फ आँसुओं के लिए बनी हो 
दुःख को मत बसाओ अपने हृदय में. 

आज मैं हार कर तुमसे कहता हूँ  
मैं अपराधी हूँ और अब दण्ड पाकर 
मुक्त हो जाना चाहता हूँ 
साँसों की गरमी और आँखों के नीचे जमा दुःख से 
आओ स्वीकार करो मुझे 
मृत्यु बन कर.

अंततः मृत्यु की प्रतीक्षा में ही तो जीते हैं हम!

©Jain Saroj

#love_shayari अच्छे विचार शायरी The Advisor @SONA DEVI Nîkîtã Guptā @Anupriya @Anshu writer

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