प्रवीण चतुर्वेदी

प्रवीण चतुर्वेदी

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#जन्मस्थान

कार्तिक माह की एकादशी को मंगल उत्सव यह होता है। माता तुलसी के संग शालिग्राम का विवाह होता है।। हर घर के आँगन में मण्डप गन्ने का सजता है। कई तरह के फलों संग मिष्ठान का भोग लगता है।। माता मानकर ही वृन्दा को हर दिन पूजा जाता है। मंजरी की वजह से इन्हें मंजरीक भी कहा जाता है।। मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश आज से ही किया जाता है। श्रीहरि की आराधना करके कार्य शुरू किया जाता है।। श्री श्याम का ही रूप शालिग्राम को माना जाता है। माता वृंदावनी के संग ही सदैव उन्हें भी पूजा जाता है।।

 कार्तिक माह की एकादशी को
मंगल उत्सव यह होता है।
माता तुलसी के संग
शालिग्राम का विवाह होता है।।

हर घर के आँगन में
मण्डप गन्ने का सजता है।
कई तरह के फलों संग
मिष्ठान का भोग लगता है।।

माता मानकर ही वृन्दा को
हर दिन पूजा जाता है।
मंजरी की वजह से इन्हें
मंजरीक भी कहा जाता है।।

मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश
आज से ही किया जाता है।
श्रीहरि की आराधना करके
कार्य शुरू किया जाता है।।

श्री श्याम का ही रूप
शालिग्राम को माना जाता है।
माता वृंदावनी के संग ही
सदैव उन्हें भी पूजा जाता है।।

तुलसी

5 Love

प्रकाशमय हो यह जीवन आप सपरिवार का, आनन्द लें सब मिलकर दीवाली त्योहार का। देवी-देवताओं की बनी रहे सदा कृपा हम पर- 'प्रवीण' है चाहता, साथ रहे सदा परिवार का।।

 प्रकाशमय हो यह जीवन आप सपरिवार का,
आनन्द लें सब मिलकर दीवाली त्योहार का।
देवी-देवताओं की बनी रहे सदा कृपा हम पर-
'प्रवीण' है चाहता, साथ रहे सदा परिवार का।।

दिप

3 Love

करवाचौथ का व्रत है खास चेहरे पर दिख रहा उत्साह- उमंग, करवाचौथ के दिन खिलता है रंग। सालभर करती हैं पर्व का इंतजार, व्रत रखने खातिर रहती बेकरार। सुहागनें पति की दीर्घायु के लिये, अविवाहिता अच्छे साथी के लिये। आज देंगी परीक्षा माताएँ- बहनें, पहन सुहाग का जोड़ा और गहनें। हाथों में मेहन्दी, आलता पैरों पर, दुल्हन सी सजेंगी इस अवसर पर। बिना कुछ खाये, पिये बिना जल, व्रत करेंगी कठोर दिवस सकल। इंतजार करेंगी चाँद निकलने का, वही मुख्य पात्र होता इस व्रत का। चाँद भी आज नखरा दिखायेगा, विलम्ब से वह भी नज़र आएगा। दिखते ही चँदा मामा पूजे जाते हैं, जीवनसाथी भी संग पूजे जाते हैं। लेती हैं आशीष आरती उतारकर, महिलाएँ सर पर पल्ला डालकर। इस व्रत का है महत्व बड़ा खास, इसीलिये करती हैं सब उपवास। रहे सलामत सदा सुहाग आपका, दुआ करता शुभचिंतक आपका।

 करवाचौथ का व्रत है खास

चेहरे पर दिख रहा उत्साह- उमंग,
करवाचौथ के दिन खिलता है रंग।
सालभर करती हैं पर्व का इंतजार,
व्रत रखने  खातिर  रहती बेकरार।
सुहागनें पति  की दीर्घायु के लिये,
अविवाहिता अच्छे साथी के लिये।
आज देंगी  परीक्षा  माताएँ- बहनें,
पहन सुहाग का जोड़ा और गहनें।
हाथों में  मेहन्दी, आलता पैरों पर,
दुल्हन सी सजेंगी इस अवसर पर।
बिना  कुछ खाये, पिये बिना जल,
व्रत  करेंगी कठोर  दिवस सकल।
इंतजार करेंगी  चाँद निकलने का,
वही मुख्य पात्र होता इस व्रत का।
चाँद  भी आज  नखरा दिखायेगा,
विलम्ब  से वह  भी नज़र आएगा।
दिखते ही चँदा मामा पूजे जाते हैं,
जीवनसाथी भी संग पूजे जाते हैं।
लेती हैं आशीष आरती उतारकर,
महिलाएँ सर पर पल्ला डालकर।
इस व्रत का है  महत्व बड़ा खास,
इसीलिये करती  हैं सब उपवास।
रहे सलामत सदा सुहाग आपका,
दुआ करता  शुभचिंतक आपका।

करवाचौथ

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#Pehlealfaaz यह चाँद भी कितना चँचल है, दिख रहा कितना शीतल है। शरद पूर्णिमा की इस बेला में- हर शख्स इसी का कायल है।।

#Pehlealfaaz  #Pehlealfaaz यह चाँद भी कितना चँचल है,
दिख रहा कितना शीतल है।
शरद पूर्णिमा की इस बेला में-
हर शख्स इसी का कायल है।।

दगड

4 Love

#बर्थडे
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