जेब खाली इक जुबां है
रात गहरी भी जवां है
ये गुरूरी बात भारी
मेर में ग़ालिब गुमां है
ज़िंदगी है ख़ाक तो भी
शाइरों के ये बयां है।
12 Love
#2YearsOfNojoto मेरा ज़हर नुझमे ऐसे बढ़ता गया
देता मैं चीख इससे पहले मरता गया।
नफरत-ए -सियाशी कुछ यूँ बढ़ती रही
हिन्दू तो कभी मुसलमां सब कटता गया।
वो संभाल ले अपनी कोरी खाक ये
मैं खुद आसमां बुनकर रब बनता गया।
#2YearsOfNojoto मेरा ज़हर नुझमे ऐसे बढ़ता गया
देता मैं चीख इससे पहले मरता गया।
नफरत-ए -सियाशी कुछ यूँ बढ़ती रही
हिन्दू तो कभी मुसलमां सब कटता गया।
वो संभाल ले अपनी कोरी खाक ये
मैं खुद आसमां बुनकर रब बनता गया।
11 Love
बशिस्तें इश्क़ में बात सिर्फ इतनी है
मुझे हर बात सिर्फ तुम से करनी है।
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