Upasana Gautam

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अपनी तारीफ मे अब क्या लिखे गौतम बस यूँ समझ लो कि खामोशियों से इश्क़ कर बैठे है

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bahut he santi se baithe hu mai magar jo cheekh dil me hai use dabau kaise chillau kaise?? ©Upasana Gautam

#IFPWriting #guzarish #Gulzar #shyari #cheekh  bahut he santi se baithe hu mai

magar jo cheekh dil me hai use dabau kaise

chillau kaise??

©Upasana Gautam

मै- भेज तो देती हूँ तुम्हें खत मैं इस लहजे से कि तुम पढोगे ज़रूर तुम्हें वक़्त ना मिले जो खत देखने का भी तो मेरे खत भेजने का भी क्या फायदा वो- नहीं ये हक़िकत नहीं कि वक़्त नहीं खत देखने का भी मेरे पास तेरे खत का जवाब ना दे पाऊ मैं फिर मेरे खत पढ़ने का भी क्या फायदा ©Upasana Gautam

#darkest #latter #Time #Dark  मै- 
भेज तो देती हूँ तुम्हें खत मैं 
इस लहजे से कि तुम पढोगे ज़रूर
तुम्हें वक़्त ना मिले जो खत देखने का भी 
तो मेरे खत भेजने का भी क्या फायदा

वो- 
नहीं ये हक़िकत नहीं 
कि वक़्त नहीं खत देखने का भी मेरे पास
तेरे खत का जवाब ना दे पाऊ मैं
फिर मेरे खत पढ़ने का भी क्या फायदा

©Upasana Gautam

मै- भेज तो देती हूँ तुम्हें खत मैं इस लहजे से कि तुम पढोगे ज़रूर तुम्हें वक़्त ना मिले जो खत देखने का भी तो मेरे खत भेजने का भी क्या फायदा वो- नहीं ये हक़िकत नहीं

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कौन है वो कोई मुझे भी बताओ ज़रा नींद से जग गया मैं मुझे ख्वाब से उठाओ ज़रा झरने कि बौछार किसे नहीं पसंद आती ये अनोखा कौन है इनसे मुझे भी मिलाओ ज़रा आखिर अरसा बिता दिए तुम लौट कर आते - आते अब ज़माने से भी गुफ्तगू मेरी कराओ ज़रा हवाओ का तो काम है छू के चली जायगी जो साताऐ तुम्हें ये तो मुझे भी बताओ ज़रा कौन जाहिल इश्क़ से निकलना चाहता है मिले तुम्हें कोई तो मुझे भी मिलाओ ज़रा ऐसे ही तिल तिल के बर्बाद होने की शौक़ीन है दुनिया जो तबाही से बचा हो कोई तो मुझे भी बचाओ ज़रा आखिर कौन है वो मुझे भी बताओ ज़रा बेदर्द होते चलें गए हम रुसवाई मे केवल गुस्सा तुम भी आकर हम पे दिखाओ ज़रा मुस्कुरा के जवाब दे देंगे तुम्हें भी जरा मेरी ही तरह तुम भी पेश आओ ज़रा अब इच्छाएं खत्म होती जा रही धीरे धीरे मेरी किसी शौक़ीन शक्श से मुझे भी मिलाओ ज़रा हम भी देखें उनके संवरने का तरीका उसकी पायल कि झनक मेरे कान तक लाओ ज़रा कौन है वो कोई मुझे भी बताओ ज़रा ©Upasana Gautam

#कविता #Light  कौन है वो कोई मुझे भी बताओ ज़रा
नींद से जग गया मैं 
मुझे ख्वाब से उठाओ ज़रा

झरने कि बौछार किसे नहीं पसंद आती
ये अनोखा कौन है इनसे मुझे भी मिलाओ ज़रा

आखिर अरसा बिता दिए तुम लौट कर आते - आते
अब ज़माने से भी गुफ्तगू मेरी कराओ ज़रा
हवाओ का तो काम है छू के चली जायगी
जो साताऐ तुम्हें ये तो मुझे भी बताओ ज़रा

कौन जाहिल इश्क़ से निकलना चाहता है
मिले तुम्हें कोई तो मुझे भी मिलाओ ज़रा
ऐसे ही तिल तिल के बर्बाद होने की शौक़ीन है दुनिया
जो तबाही से बचा हो कोई तो मुझे भी बचाओ ज़रा
आखिर कौन है वो मुझे भी बताओ ज़रा

बेदर्द होते चलें गए हम रुसवाई मे केवल
गुस्सा तुम भी आकर हम पे दिखाओ ज़रा
मुस्कुरा के जवाब दे देंगे तुम्हें भी 
जरा मेरी ही तरह तुम भी पेश आओ ज़रा

अब इच्छाएं खत्म होती जा रही धीरे धीरे मेरी
किसी शौक़ीन शक्श से मुझे भी मिलाओ ज़रा
हम भी देखें उनके संवरने का तरीका
उसकी पायल कि झनक मेरे कान तक लाओ ज़रा

कौन है वो कोई मुझे भी बताओ ज़रा

©Upasana Gautam

#Light

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Pal pal jb dil me basne lage, Muhabbat sir pe chadhne lage, Ishq ulfalt me baadalne lage, Chahat rang badalnenlage tb, Bata dena mujhy.......!! ©Upasana Gautam

#शायरी #YouNme  Pal pal jb dil me basne lage,

Muhabbat sir pe chadhne lage,

Ishq ulfalt me baadalne lage,

Chahat rang badalnenlage tb,

Bata dena mujhy.......!!

©Upasana Gautam

#YouNme

10 Love

#विचार

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#शायरी  आज नफरत से खुन्नस में कुछ खास लिख दिया मैंने
तेरा नाम लिख दिया मैने 
सोच लेते है हम की क्या हो तुम
अपने कसूर में तुझे गुनेहगार लिख दिया मैने
क्या चीज हो तुम हमे भी बतलाना कभी
आज तो इत्तेफाक से इत्तेफाक लिख दिया मैने 
नासुर ना बनने पाये ये जख्म दुनियां के दिये हुए है
कमाल तो ये हैं की कमाल लिख दिया मैने
वो कह कर गया था इंतजार करना तुम
कही उसकी बातो को सच मान लिया मैने
इन रंगो में एक रंग सफेद भी हैं 
ना जाने क्यूँ लाल रंग चुन लिया मैंने
तरस तरस कि बात है लोग तरस जाते हैं
तुम्हें ही एक तरसते नहीं देखा मैंने
हम तो गिरफ्त मे ले लिए जाएंगे एक दिन कहीं
तुम्हें तो गिरफ्त से आज़ाद करा दिया मैंने

©Upasana Gautam

आज नफरत से खुन्नस में कुछ खास लिख दिया मैंने तेरा नाम लिख दिया मैने सोच लेते है हम की क्या हो तुम अपने कसूर में तुझे गुनेहगार लिख दिया मैने क्या चीज हो तुम हमे भी बतलाना कभी आज तो इत्तेफाक से इत्तेफाक लिख दिया मैने नासुर ना बनने पाये ये जख्म दुनियां के दिये हुए है कमाल तो ये हैं की कमाल लिख दिया मैने वो कह कर गया था इंतजार करना तुम कही उसकी बातो को सच मान लिया मैने इन रंगो में एक रंग सफेद भी हैं ना जाने क्यूँ लाल रंग चुन लिया मैंने तरस तरस कि बात है लोग तरस जाते हैं तुम्हें ही एक तरसते नहीं देखा मैंने हम तो गिरफ्त मे ले लिए जाएंगे एक दिन कहीं तुम्हें तो गिरफ्त से आज़ाद करा दिया मैंने ©Upasana Gautam

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