Sandhya

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दुख दे कर बेरंग न करे मन किसी का, हो सके तो खुशी बांट मन खुश करे किसी का, प्रेम बांट कर प्रेम का रंग फैला दो फिजाओं में, इस रंग के आगे फीका लगे हर रंग किसी का, मान सम्मान का रंग कुछ यूं फैला दो, आत्मसम्मान का रंग पक्का हो हर किसी का, खरीदो नफरत, ईर्ष्या का रंग कच्चा ही, प्रेम और लगाव का रंग पक्का हो हर किसी का, झूठ, छल कपट का रंग कही न मिले तो, कितना खुशहाल हो जीवन हर किसी का, नैतिक जीवन का रंग हो जीवन में तो, परिवार में सुंदर रंग दिखे हर किसी का, अपने आस पास के पर्यावरण की रक्षा करे तो, हरियाली का रंग दिखे चारो ओर हर किसी का, सबके हित के भाव रंग का उपयोग करे तो, कभी आहत और व्यथित मन न हो किसी का, महादेव जी की भक्ति के रंग में डूबे तो, इनकी भक्ति में उद्धार हो हर किसी का।। आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं 💐 _संध्या कनौजिया ©Sandhya

#happyholi #wishes  दुख दे कर बेरंग न करे मन किसी का,
हो सके तो खुशी बांट मन खुश करे किसी का,
प्रेम बांट कर प्रेम का रंग फैला दो फिजाओं में,
इस रंग के आगे फीका लगे हर रंग किसी का,
मान सम्मान  का रंग कुछ यूं फैला दो,
आत्मसम्मान का रंग पक्का हो हर किसी का,
खरीदो नफरत, ईर्ष्या का रंग कच्चा ही,
प्रेम और लगाव का रंग पक्का हो हर किसी का,
झूठ, छल कपट का रंग कही न मिले तो,
कितना खुशहाल हो जीवन हर किसी का,
नैतिक जीवन का रंग हो जीवन में तो,
परिवार में सुंदर रंग दिखे हर किसी का,
अपने आस पास के पर्यावरण की रक्षा करे तो,
हरियाली का रंग दिखे चारो ओर हर किसी का,
सबके हित के भाव रंग का उपयोग करे तो,
कभी आहत और व्यथित मन न हो किसी का,
महादेव जी की भक्ति के रंग में डूबे तो,
इनकी भक्ति में उद्धार हो हर किसी का।।
आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
    _संध्या कनौजिया

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#happyholi

13 Love

थोड़ा थम जा , थोड़ा ठहर जा, ये जिंदगी है जनाब, इसके दो पहलू है, रुकना और चलना, रुका तो चलना तय है, और चला तो रुकना भी, लेकिन सब समाप्त कर लेना जिंदा होते हुए भी मर जाने जैसा है, इसलिए ठहरो विचारो और फिर से सफर पे चल पड़ो, मंजिल मिल ही जायेगी।। -Sandhya Kanojiya ©Sandhya

#Books  थोड़ा थम जा ,
थोड़ा ठहर जा,
ये जिंदगी है जनाब,
इसके दो पहलू है,
रुकना और चलना,
रुका तो चलना तय है,
और चला तो रुकना भी,
लेकिन सब समाप्त कर लेना
जिंदा होते हुए भी मर जाने जैसा है,
इसलिए ठहरो विचारो और 
फिर से सफर पे चल पड़ो,
मंजिल मिल ही जायेगी।।
-Sandhya Kanojiya

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#Books

8 Love

हां मेरे अंदर अभी भी बचपन है, प्यार से कहे दो शब्द से मान लेती हूं अपना, नही है पैसे की भूख और दिखावे का जीवन, सबका साथ और प्यार ही मेरा है सपना, मतलब के रिश्ते देती बहुत है पीड़न, उम्र में होते जा रहे हम बड़े, साथ जीवन में छूट रहे जो पहले थे संग खड़े, काश सब मन में बैर और ईर्ष्या का भाव न लाते, और उम्र में बड़े और मन से बच्चे ही कहलाते, लेकिन सब दिखावे की भीड़ का हिस्सा हो गए, और बस हम सब बचपन का किस्सा हो गए, लेकिन आज भी बिना झिझक मैं हंस लेती हूं, बिना स्वार्थ के मैं सबसे बातें कर लेती हूं, ये स्वभाव मेरा मुझे कभी कभी खुद डंस जाता है, अच्छे के लिए अच्छा लेकिन बुरा बड़ा दुख दे जाता है, इतना सहने पर भी ये स्वभाव बदल न पाता है, मेरा बचपन ही मुझे कभी सुख और कभी पीड़ा दे जाता है।। Sandhya kanojiya ©Sandhya

#ChildrensDay  हां मेरे अंदर अभी भी बचपन है,
प्यार से कहे दो शब्द से मान लेती हूं अपना,
नही है पैसे की भूख और दिखावे का जीवन,
सबका साथ और प्यार ही मेरा है सपना,
मतलब के रिश्ते देती बहुत है पीड़न,
उम्र में होते जा रहे हम बड़े,
साथ जीवन में छूट रहे जो पहले थे संग खड़े,
काश सब मन में बैर और ईर्ष्या का भाव न लाते,
और उम्र में बड़े और मन से बच्चे ही कहलाते,
लेकिन सब दिखावे की भीड़ का हिस्सा हो गए,
और बस हम सब बचपन का किस्सा हो गए,
लेकिन आज भी बिना झिझक मैं हंस लेती हूं,
बिना स्वार्थ के मैं सबसे बातें कर लेती हूं,
ये स्वभाव मेरा मुझे कभी कभी खुद डंस जाता है,
अच्छे के लिए अच्छा लेकिन बुरा बड़ा दुख दे जाता है,
इतना सहने पर भी ये स्वभाव बदल न पाता है,
मेरा बचपन ही मुझे कभी सुख और कभी पीड़ा दे जाता है।।

Sandhya kanojiya

©Sandhya

मैंने खुद को खुद स्वीकार किया है, कोई अब स्वीकार न भी करे फर्क नही पड़ता, मैंने खुद को खुद पसंद किया है, कोई अब पसंद करे न करे फर्क नही पड़ता।। _Sandhya Kanojiya ©Sandhya

 मैंने खुद को खुद स्वीकार किया है,
कोई अब स्वीकार न भी करे फर्क नही पड़ता,
मैंने खुद को खुद पसंद किया है,
कोई अब पसंद करे न करे फर्क नही पड़ता।।
_Sandhya Kanojiya

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मैंने खुद को खुद स्वीकार किया है, कोई अब स्वीकार न भी करे फर्क नही पड़ता, मैंने खुद को खुद पसंद किया है, कोई अब पसंद करे न करे फर्क नही पड़ता।। _Sandhya Kanojiya ©Sandhya

9 Love

पैसों से मदद न भी करें किसी अपने की, उसे अपना कुछ वक्त दे , और वो वक्त आपके उस अपने के लिए सबसे अच्छा होगा क्योंकि साथ वक्त से होता है पैसे तो कुछ वक्त के लिए होते है।। _Sandhya Kanojiya ©Sandhya

 पैसों से मदद न भी करें किसी अपने की,
उसे अपना कुछ वक्त दे , और वो वक्त आपके उस अपने के लिए सबसे अच्छा होगा क्योंकि साथ वक्त से होता है पैसे तो कुछ वक्त के लिए होते है।।
_Sandhya Kanojiya

©Sandhya

पैसों से मदद न भी करें किसी अपने की, उसे अपना कुछ वक्त दे , और वो वक्त आपके उस अपने के लिए सबसे अच्छा होगा क्योंकि साथ वक्त से होता है पैसे तो कुछ वक्त के लिए होते है।। _Sandhya Kanojiya ©Sandhya

11 Love

चढ़ा जो परवान ज़िन्दगी में कुछ कर गुजरने का, कायनात भी अगर एक बार पीछे हट जाए, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता कर्म पे और अगर कर्म में कोई अंतर ना आए तो , नहीं रोक सकता कोई भी आगे बढ़ने से, और ज़िन्दगी में कुछ बड़ा करने से..... _Sandhya Kanojiya ©Sandhya

#BooksBestFriends  चढ़ा जो परवान ज़िन्दगी में कुछ कर गुजरने का,
कायनात भी अगर एक बार पीछे हट जाए,
तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता कर्म पे और 
अगर कर्म में कोई अंतर ना आए तो ,
नहीं रोक सकता कोई भी आगे बढ़ने से,
और ज़िन्दगी में कुछ बड़ा करने से.....
_Sandhya Kanojiya

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