ashish soni

ashish soni

♦️ writer & composer ♦️Karma BELIEVER⚛️ ♦️Music is Lyf ♦️Deep & relatable#OwnLyric ♦️ GAJENDRAVERMA#Celbpostlike 🎵Behind every song there is a story

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वो बदन पर लगी आग, हवस कि आग से लड़ रही थी। उस वक्त..... उस वक्त..... जब वो बेटी सुलग कर मर रही थी।। @Ashish._.soni

#Justice_For_womens  वो बदन पर लगी आग,
 हवस कि आग से लड़ रही थी।
उस वक्त.....
उस वक्त.....
जब वो बेटी सुलग कर मर रही थी।।
 
      @Ashish._.soni

महसूस करो वो आग...!!

 महसूस करो वो आग...!!

महसूस करो वो आग...!!

4 Love

ख्वाब टूटते यह देख रोई अब्सार है। बोखलाता दिल यह कहता व्यर्थ संसार है आसमा से टूटा तारा भी अब रो रो के कह रहा। आसितो की आरजू का नीचे बाजार है।। अंजुमन में शबब कि एहतमाम ना मिली। तालिया तो मिली पर सरेआम ना मिली।। नफरतो कि इस भिड़ मे प्यार आदिक कहा। वाह सबकी मिली पर सरेआम ना मिली।।। दूर यु ना तुम बेठो आगोश खाली है। सावन के जुलो से सजी लम्बी सी डाली है।। तुने काँधे पे सर आपना रखा तो रूत गवारा हुई। और ख्वाब उडे तो कुर्ते मे फंसी,तेरे कानो कि बाली है।। कलम-अशीष_सोनी

 ख्वाब टूटते यह देख रोई अब्सार  है।
बोखलाता दिल यह कहता व्यर्थ संसार है
आसमा से टूटा तारा भी अब रो रो के कह रहा।
आसितो की आरजू का नीचे बाजार है।।

अंजुमन में शबब कि एहतमाम ना मिली।
तालिया तो मिली पर सरेआम ना मिली।।
नफरतो कि इस भिड़ मे प्यार आदिक कहा।
वाह सबकी मिली पर सरेआम ना मिली।।।

दूर यु ना तुम बेठो आगोश खाली है।
सावन के जुलो से सजी लम्बी सी डाली है।।
तुने काँधे पे सर आपना रखा तो रूत गवारा हुई।
और ख्वाब उडे तो कुर्ते मे फंसी,तेरे कानो कि बाली है।।
           
           कलम-अशीष_सोनी

गग

3 Love

नज़र मे लिख दू , तुझे सबर मे लिख दू, दोनो तेरे इन्तजार के आंसू बहाते हे। ये दिल ,ये दिमाग और मेरी रूह के जर्रे, मुझसे बे'मतलब' कि हमदर्दी जताते हे।। कलम_अशीष सोनी

 नज़र मे लिख दू , तुझे सबर मे लिख दू,
दोनो तेरे इन्तजार के आंसू बहाते हे।
ये दिल ,ये दिमाग और मेरी रूह के जर्रे,
मुझसे बे'मतलब' कि हमदर्दी जताते हे।।
        
                 कलम_अशीष सोनी

4 Love

तुम गंगा की पावन काया । तुम अमृत का मधुजल हो।। तुम हृदय प्रफुल्लित माया। तुम जीवन की मुसलसल हो।। तुम कुशुमाशव सी मीठी ख्वाईश। तुम हकिकत-ए गलगल हो।। तुम ही मेरी इश्क़-ए नुमाइश तुम ही दिलो की मक्तल हो।। कलम-आशीष सोनी

 तुम गंगा की पावन काया ।
तुम अमृत का मधुजल हो।।
तुम हृदय प्रफुल्लित माया।
तुम जीवन की मुसलसल  हो।।
तुम कुशुमाशव सी मीठी ख्वाईश।
तुम हकिकत-ए गलगल हो।।
तुम ही मेरी इश्क़-ए नुमाइश
तुम ही दिलो की मक्तल  हो।।
                    
               कलम-आशीष सोनी

ख्वाईश❤

6 Love

वो बनाता रहा मनगढ़ कहानियां मेरी, लेखक बनने के प्रयास में. हकीकत जो है उसे कोई बया नहीं करता ,जब कोई पूछे हुलिया तुम्हारा, वह कमियों से नकाब ढक देता हैं। मेने अपनी कमियां उसकी थाली में जानबूझकर परोसी थी। क्योकी थाली उसकी गंदी थी मेरी नहीं, जैसी थाली उसे वैसा ही खाना मिलता है।।चलो छोड़ो उसकी बातें ,अब तुम तुम्हारी बताओ तुमने तो अभी तक मुझे इतना भी नहीं समझा होगा कि अगर मैं पूछू कि मैं कैसा हूं ,तो तुम कहो की इतनी बात कहा हुइ है अभी हमारी।। जवाब दे सकते थे तुम मेरे सवाल का पर शायद तुम्हें भी भूख लगी थी, कुछ मेरे बारे में जानने की।। पर तुम उस झूठी थाली में जा कर बैठे जिस थाली में मैंने परोसी तो हकीकत थी,पर थाली जुठी होने के कारण ,हकिकत कमियों मे बदल गयी।। अगली बार जब भूख लगे कुछ जानने के लिए, तो जरा मेरी थाली में आकर बैठना। मैं यकीन दिलाता हूं तुम्हें .मेरी परोंसी हुई हकीकत तुम्हे भी स्वादिष्ट लगेगी।।।ओर फिर से हमारी बाते शुरू होंगी ।।ओर फिर वही सवाल......(.कि मे कैसा हु।।) ।।।।।।❤अब जवाब तुम्हारा❤ #क़लम-आशीष सोनी

#विचार #क़लम  वो बनाता रहा मनगढ़ कहानियां मेरी, लेखक बनने के प्रयास में. हकीकत जो है उसे कोई बया नहीं करता ,जब कोई पूछे हुलिया तुम्हारा, वह कमियों से नकाब ढक देता हैं। मेने अपनी कमियां उसकी थाली में जानबूझकर परोसी थी। क्योकी थाली उसकी गंदी थी मेरी नहीं, जैसी थाली उसे वैसा ही खाना मिलता है।।चलो छोड़ो उसकी बातें ,अब तुम तुम्हारी बताओ तुमने तो अभी तक मुझे इतना भी नहीं समझा होगा कि अगर मैं पूछू कि मैं कैसा हूं ,तो तुम कहो की इतनी बात कहा हुइ है अभी हमारी।। जवाब दे सकते थे तुम मेरे सवाल का पर शायद तुम्हें भी भूख लगी थी, कुछ मेरे बारे में जानने की।। पर तुम उस झूठी थाली में जा कर बैठे जिस थाली में मैंने परोसी तो हकीकत थी,पर थाली जुठी होने के कारण ,हकिकत कमियों मे बदल गयी।। अगली बार जब भूख लगे कुछ जानने के लिए, तो जरा मेरी थाली में आकर बैठना। मैं यकीन दिलाता हूं तुम्हें .मेरी परोंसी हुई हकीकत तुम्हे भी स्वादिष्ट लगेगी।।।ओर फिर से हमारी बाते शुरू होंगी ।।ओर फिर वही सवाल......(.कि मे कैसा हु।।) ।।।।।।❤अब जवाब तुम्हारा❤
#क़लम-आशीष सोनी

Nowadays😪 #

6 Love

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