ये इश्क की वादियाँ हैं ज़नाब,
आपसे कुछ कहना चाहती हैं ।
सदियाँ बितायी हैं इन्होने विरह मे,
कुछ पल आपके संग रहना चाहती हैं ।
इनके गलियारे सूने हैं बरसों से,
खिले हुए गुलशन के समान ये भी महकना चाहती हैं ।।
ये इश्क की वादियाँ हैं ज़नाब,
आपसे कुछ कहना चाहती हैं ।
सदियाँ बितायी हैं इन्होने विरह मे,
कुछ पल आपके संग रहना चाहती हैं ।
इनके गलियारे सूने हैं बरसों से,
खिले हुए गुलशन के समान ये भी महकना चाहती हैं ।।
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