नमन मंच 🙏🙏🙏
शीर्षक - राधा का प्यार
सुध बुध खो के राधा बैठी है आज देखो,
न ही मुस्कुराती है वो न किया श्रृंगार देखो।
अश्कों को रोक दिया नयनों के कोर पर,
कान्हा का मान रखती राधा का प्यार देखो।
साथ में रचायीं रासें दिनों से थीं उजली रातें,
यमुना के तीर पर हुईं प्यारी प्यारी बातें,
उन्हीं यादों पर ये जीवन कर दिया निसार देखो।
कान्हा का मान रखती राधा का प्यार देखो।
जबसे गए हैं कान्हा कुंज सूना हो गया,
कलियां नहीं अब खिलतीं भंवरा मौन हो गया,
मधुवन से रूठ गई जैसे बहार देखो।
कान्हा का मान रखती राधा का प्यार देखो।
आंखों में झलके पीड़ा हुआ निष्प्राण तन,
मिटी भूख प्यास सबकी पाता न चैन मन,
हर तरफ़ है सिर्फ़ कान्हा नाम की पुकार देखो।
कान्हा का मान रखती राधा का प्यार देखो।
सुध बुध खो के राधा बैठी है आज देखो,
न ही मुस्कुराती है वो न किया श्रृंगार देखो।
अश्कों को रोक दिया नयनों के कोर पर,
कान्हा का मान रखती राधा का प्यार देखो।
मीनेश चौहान "मीन"
फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)
©Minesh chauhan
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here