सत्यमेव जयते

सत्यमेव जयते

सूरा सो पहिचानीऐ जु लरै दीन के हेत ॥ पुरजा पुरजा कटि मरै कबहू न छाडै खेतु ॥ ਪੁਰਜਾ ਪੁਰਜਾ ਕਟਿ ਮਰੈ ਕਬਹੂ ਨ ਛਾਡੈ ਖੇਤੁ ॥੨॥੨॥ पुरजा पुरजा कटि मरै कबहू न छाडै खेतु ॥२

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