veena khandelwal

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White जो होना था हो गया, अब छोड़ो तकरार, लोकतंत्र को मान दो,जो जीता स्वीकार। जनता तो सब जानती ,जन सेवा सम्मान - प्रगति देश की जो करे,उसको देती प्यार।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#कविता #flowers  White 

जो होना था हो गया, अब छोड़ो तकरार,
लोकतंत्र को मान दो,जो जीता स्वीकार।
जनता तो सब जानती ,जन सेवा सम्मान -
प्रगति देश की जो करे,उसको देती प्यार।।

वीणा खंडेलवाल 
तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

#flowers

9 Love

White यह चुनाव दिखला दिया, सियासती के रूप। किसी तरह गद्दी मिले, बस बन जाऊं भूप चार दिनों के वास्ते,बन कर छद्मी मित्र फिर जो बेगाने लगे,भले गिरे वो कूप‌‌।। जनता सब समझती है ‌‌। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र। ©veena khandelwal

#कविता #Smile  White यह चुनाव दिखला दिया, सियासती के रूप।
किसी तरह गद्दी मिले, बस बन जाऊं भूप
चार दिनों के वास्ते,बन कर छद्मी मित्र 
 फिर जो बेगाने लगे,भले गिरे वो कूप‌‌।।
 जनता सब समझती है ‌‌।

                                  वीणा खंडेलवाल 
                                   तुमसर महाराष्ट्र।

©veena khandelwal

#Smile

14 Love

#कविता

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#भूल_न_पाता_मन_कभी भूल ना पाता मन कभी,वो आंचल की छाॅंव। जहाॅं सुबह से शाम तक, नेह बरसता ठाॅंव।। अॅंगुली पकड़ी जिस पिता,सीखी जीवन चाल। अब उन्हीं की झुकी कमर,थकित हो गये पाॅंव।। भूल ना पाता मन कभी,बचपन वाले खेल। कागज की कश्ती कभी, छुक-छुक करती रेल। प्यारे दिन मस्ती भरे,बचपन के सब दोस्त- हुई लड़ाई एक पल,अगले ही पल मेल।। भूल ना पाता मन कभी, किलकारी की गुंज। सुत आया जब गोद में,मन खुशियों का कुंज। मुदित हुआ मन मां बनी,दिल में खुशी अपार - यह सुख जग सबसे बड़ा,बाकी सब सुख मुंज।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#भूल_न_पाता_मन_कभी #कविता #umeedein  #भूल_न_पाता_मन_कभी

भूल ना पाता मन कभी,वो आंचल की छाॅंव।
जहाॅं सुबह से शाम तक, नेह बरसता ठाॅंव।।
अॅंगुली पकड़ी जिस पिता,सीखी जीवन चाल।
अब उन्हीं की झुकी कमर,थकित हो गये पाॅंव।।

भूल ना पाता मन कभी,बचपन वाले खेल।
कागज की कश्ती कभी, छुक-छुक करती रेल।
प्यारे दिन मस्ती भरे,बचपन के सब दोस्त-
हुई लड़ाई एक पल,अगले ही पल मेल।।

भूल ना पाता मन  कभी, किलकारी की गुंज।
सुत आया जब गोद में,मन खुशियों का कुंज।
मुदित हुआ मन मां बनी,दिल में खुशी अपार -
यह सुख जग सबसे बड़ा,बाकी सब सुख मुंज।।

                              वीणा खंडेलवाल 
                        तुमसर महाराष्ट्र

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#umeedein

11 Love

White बीती बातें भूलकर नयी करें शुरुआत, लेकिन पहले आप भी समझो कुछ जज़्बात।। समझो कुछ जज़्बात,ज़रा कुछ सुनो‌ हमारी। बोले अपने बोल,यह आदत है तुम्हारी। अंतस में है प्रेम,भावना फिर क्यों रीती। बची हुई है शाम ,तीन चौथाई बीती।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#कविता  White बीती बातें भूलकर नयी करें शुरुआत, 
लेकिन पहले आप भी समझो कुछ जज़्बात।।
समझो कुछ जज़्बात,ज़रा कुछ सुनो‌ हमारी।
बोले अपने बोल,यह आदत है तुम्हारी।
अंतस में है प्रेम,भावना फिर क्यों रीती।
बची हुई है शाम ,तीन चौथाई बीती।।


                          वीणा खंडेलवाल 
                         तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

White बीती बातें भूलकर नयी करें शुरुआत, लेकिन पहले आप भी समझो कुछ जज़्बात।। समझो कुछ जज़्बात,ज़रा कुछ सुनो‌ हमारी। बोले अपने बोल,यह आदत है तुम्हारी। अंतस में है प्रेम,भावना फिर क्यों रीती। बची हुई है शाम ,तीन चौथाई बीती।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

12 Love

आग उगलते नौ तपा, ढूंढ रहे हम छांव , सूर्य निभाता धर्म है, दिखा रहा ना ताव। वृक्ष काट सयंत्र लगा, सुख वैभव‌ की चाह- बुला प्राकृतिक आपदा, खुद की छीने ठांव।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#कविता #2023Recap  आग उगलते नौ तपा, 
ढूंढ रहे हम छांव ,
सूर्य निभाता धर्म है,
दिखा रहा ना ताव।
वृक्ष काट सयंत्र लगा,
सुख वैभव‌ की चाह-
बुला प्राकृतिक आपदा,
खुद की छीने ठांव।।




                       वीणा खंडेलवाल 
                       तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

#2023Recap

11 Love

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