वो प्यार प्यार ही क्या जो रोज जताना पड़ता हो।
तुमसे करते प्यार बहुत ये रोज बताना पड़ता हो।।
ऐसा लगता है जैसे कि तुमने नादानी पाल रखी।
लगता है जैसे गुरूर से हो दोस्ती तुमने पाल रखी।।
वहां प्रेम नहीं हो सकता जहां अहसास करना पड़ता हो।
करते हैं तुमसे प्यार मगर इसका तुमको अहसास नहीं,
स्वीकृत होगा इजहार मेरा ऐसी मुझको कोई आस नहीं,
तुम्हारी भाव-भंगिमा बता देती है प्यार-नफ़रत के लक्षण,
ये प्यार भरी फरवरी है फिर भी मेरे लिए कुछ खास नहीं।
वहां प्रेम नहीं हो सकता जहां आपस में सताना पड़ता हो।।
लफ़्ज़ों में रूखापन का होना भी प्यार नहीं होता है।
प्रेम के बदले मिले प्रेम ही यह हर बार नहीं होता है।।
रखते क्यों हो तुम प्रेम में कुछ पाने की अभिलाषा।
आदान-प्रदान मुक्त होती है सच्चे प्रेम की परिभाषा।।
वहां प्रेम नहीं कभी हो सकता जहां ऐंठ दिखाना पड़ता हो।
आदित्य यादव उर्फ
- कुमार आदित्य यदुवंशी ✍️
©Aditya Yadav
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