हजारों गम है मेरी जिन्दगी में
फिर भी तुम साथ आने की बात करते हो
रोते रोते कटती है मेरी रातें
फिर भी तुम साथ निभाने की बात करते हो
by ✍️✍️ Prabhat Thakur
आओ तुमको हकीकत से रूबरू करा दे हम
कितनी मोहब्बत है तुमसे तुमको बता दे हम
दो दिलों के मिलने को मोहब्बत समझते है हम
तो कैसे जिस्मों के मिलने को मोहब्बत समझ ले हम
By ✍️✍️Prabhat Thakur
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here