वैवस्वत सिंह

वैवस्वत सिंह Lives in New Delhi, Delhi, India

यूं ही पन्नों पर कुछ अल्फ़ाज़ लिख देता हूं, मेरी भावनाएं है कुछ, कुछ समस्या बयान कर देता हूं। Lawyer, Writer, Traveler.

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है बादलों में धूप सी ये ज़िन्दगी, है सर्द में कुछ गर्म सी ये खुशी, जो खुश यहां दिख रहा है भीड़ में, पी रहा है गम के घूट हर घड़ी, चादरों की सिलवटों में है छुपा, हर बूंद आंसू का जो है गिरा, हां थाम कर जो हांथ तेरा मैं बढ़ा, तू छोड़ कर वो हांथ आगे बढ़ गई, सिकवा नहीं है दिल मेरे अब कोई, तू था नहीं वो जिसको मैं हूं ढूंढ़ता, है बादलों में धूप सी ये ज़िन्दगी, है सर्द में कुछ गर्म सी ये खुशी। - वैवस्वत सिंह।

#CloudyNight  है बादलों में धूप सी ये ज़िन्दगी,
है सर्द में कुछ गर्म सी ये खुशी,
जो खुश यहां दिख रहा है भीड़ में,
पी रहा है गम के घूट हर घड़ी,
चादरों की सिलवटों में है छुपा,
हर बूंद आंसू का जो है गिरा,
हां थाम कर जो हांथ तेरा मैं बढ़ा,
तू छोड़ कर वो हांथ आगे बढ़ गई,
सिकवा नहीं है दिल मेरे अब कोई,
तू था नहीं वो जिसको मैं हूं ढूंढ़ता,
है बादलों में धूप सी ये ज़िन्दगी,
है सर्द में कुछ गर्म सी ये खुशी।
- वैवस्वत सिंह।

चलो एक नई दास्तां लिखते है, खाली पन्नों पर बेइंतहां लिखते है, कुछ नए मोड़ को आजमां लेते है, बंद दरवाजों को खट खटा लेते है, कुछ मंसूबों को भी बयां करते है, चलो इश्क़ को अब रवां करते है, चलो कुछ तो नया करते है, पिछला छोड़ अगला बेपन्हां करतें है, सितम छोड़ बस अब रहम करते है, चलो एक नई दास्तां लिखते है, अंधेरों में अब दिया करते है, चलो कुछ तो नया करते है। - वैवस्वत सिंह।

#Lights  चलो  एक नई दास्तां लिखते है,
खाली पन्नों पर बेइंतहां लिखते है,
कुछ नए मोड़ को आजमां लेते है,
बंद दरवाजों को खट खटा लेते है,
कुछ मंसूबों को भी बयां करते है,
चलो  इश्क़ को अब रवां करते है,
चलो कुछ तो नया करते है,
पिछला छोड़ अगला बेपन्हां करतें है,
सितम छोड़ बस अब रहम करते है,
चलो एक नई दास्तां लिखते है,
अंधेरों में अब दिया करते है,
चलो कुछ तो नया करते है।
- वैवस्वत सिंह।

#Lights

11 Love

खामोशियों को कैद कर के, हिम्मत वो दिखा रहा है, शीशे सा टूटकर भी, देखो वो मुस्कुरा रहा है। - वैवस्वत सिंह।

#Hope  खामोशियों को कैद कर के,
हिम्मत वो दिखा रहा है,
शीशे सा टूटकर भी,
देखो वो मुस्कुरा रहा है।
- वैवस्वत सिंह।

#Hope to all those who are fighting a battle inside, never lose hope, you can win the battle.

9 Love

मैं नम आंखो से तेरे निशान ढूंढ़ता हूं, तू है जहां मैं वो जहां ढूंढ़ता हूं। - वैवस्वत सिंह।

#nishaan  मैं नम आंखो से तेरे निशान ढूंढ़ता हूं,
तू है जहां मैं वो जहां ढूंढ़ता हूं।
- वैवस्वत सिंह।

#nishaan To a lost friend, to a lost love, to lost family.

8 Love

इस सफ़र में कोई हमसफ़र है नहीं, अकेला ही सही बेअदब मैं नहीं, तोड़ जाती है इस क़दर वो बेपरवाह, धड़कने तो है पर दिल मेरा है नहीं। - वैवस्वत सिंह।

#brokenheart  इस सफ़र में कोई हमसफ़र है नहीं,
अकेला ही सही बेअदब मैं नहीं,
तोड़ जाती है इस क़दर वो बेपरवाह,
धड़कने तो है पर दिल मेरा है नहीं।
- वैवस्वत सिंह।

काश मैं बारिश बन जाऊं, बूंदों सा गिरकर, सब को छू जाऊं, धरती को राहत की सांस दिलाऊं, तन मन भी गीला कर जाऊं, सबको चैन दिलाऊं, काश मैं बारिश बन जाऊं, सबसे जुड़ कर, सबके मन पढ़ पाऊं, कभी ज़ोर से बरसूं, कभी आहिस्ते गिर जाऊं, सबका दिल बहलाऊं, काश मैं बारिश बन जाऊं, जो मिल ना सके, उन्हें भी मिलाऊं, धरती को गगन से मिलाऊं, सबके गम पढ़ पाऊं, दिल से दिल को मिलाऊं काश मैं बारिश बन जाऊं, बूंदों सा गिरकर, सबको छू जाऊं। - वैवस्वत सिंह।

#SoIcanReadthepain #Imagination #raining  काश मैं बारिश बन जाऊं,
बूंदों सा गिरकर, 
सब को छू जाऊं,
धरती को राहत की सांस दिलाऊं,
तन मन भी गीला कर जाऊं,
सबको चैन दिलाऊं,
काश मैं बारिश बन जाऊं,
सबसे जुड़ कर,
सबके मन पढ़ पाऊं,
कभी ज़ोर से बरसूं,
कभी आहिस्ते गिर जाऊं,
सबका दिल बहलाऊं,
काश मैं बारिश बन जाऊं,
जो मिल ना सके,
उन्हें भी मिलाऊं,
धरती को गगन से मिलाऊं,
सबके गम पढ़ पाऊं,
दिल से दिल को मिलाऊं
काश मैं बारिश बन जाऊं,
बूंदों सा गिरकर,
सबको छू जाऊं।
- वैवस्वत सिंह।
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