Alok Ranjan

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#मोटिवेशनल #अंतर्मन #परिवार #खामोशी #अनकहे #पड़ोस  White आपके आस पड़ोस, परिवार या जाननेवालों में से कुछ
 ऐसे भी लोग होंगे जो, समाज के अनकहे शब्दों के बोझ
 से थककर या किसी अन्य कारणों से, अंतर्मन की पीड़ा 
को समेटकर खामोश, मौन, चुप रहना ही बेहतर समझते होंगे !
इस तरह से... खामोश, मौन, चुप... रहने की वजह...
 उनकी समझदारी माना जाए, मजबूरी समझा जाए 
या शब्दों की कमी... ये तो ईश्वर जाने...!
परन्तु, भागमभाग के इस दौर में वे शायद एकांत-शांत 
जीवन जीना चाहते होंगे !
लेकिन, यह तय है कि उनकी खामोशियाँ, कुछ कर
गुज़रने के लिए उसके हृदय, मस्तिष्क में बेहद शोर 
करती होंगी, कोलाहल मचाती होंगी... 
उन्हें अवश्य झकझोरती भी होंगी ! 😊

©Alok Ranjan
#खूबसूरत #कॉमेडी #भगवान #महिला #अपना #डीपी  हे भगवान...!
इस ऐप को चलाने वाली सभी
महिलाओं को इतना खूबसूरत बना
दो कि वह सब अपनी खुद
की DP लगा सके!

©Alok Ranjan
#मुहब्बत #स्टेशन #रोमांस #लड़की #प्यार #कंबल  यात्रा-वृतांत...
ग्वालियर-बरौनी ट्रेन के 3rd AC में चारबाग, लखनऊ
से पटना का सफर करते हुए मदन जी को साइड अपर की
बर्थ मिली थी। रात के 11:30 बजे मदन जी को ठंढ़
लगने लगी। चारों तरफ नजर दौड़ाई तो देखा कि सभी
अपने-अपने बर्थ पर गहरी नींद में सो रहे हैं...  सामने लोअर
बर्थ एक खूबसूरत लड़की कान में इयरफोन लगाये गाना
सुन रही थी और उसी बर्थ पर कंबल का पैकेट भी पर
पड़ा हुआ है। उन्होंने झट से सामने वाले बर्थ पर बैठी
उस लड़की को आवाज लगाई...

आवाज सुनने के बाद वह लड़की मदन जी की ओर देखी...
मदन जी ने कहा -- “हेलो, मुझे बहुत ठंढ़ लग रही है, पैर
और कमर में दर्द भी है... चढ़ने उतरने में तकलीफ है...
आप अपने कोमल और नाजुक हाथों से, वो कंबल का
पैकेट मुझे दे दो... प्लीज ?”

लड़की दूसरे कान से भी ईयरफोन हटाकर मुस्कुराते
हुए बोली -- “अकेले सफर कर रहे हैं क्या?"

मदन जी बोले, - "सही पकड़े हैं... वो पैकेट... दे दो प्लीज!"

लड़की मुस्कुराते हुए बोली, -- "ठंढ़ तो मुझे भी लग रही है
लेकिन, मेरे पास ठंढ़ से बचने के लिए जबरदस्त
आइडिया है... आपका भी ठंढ़, कमर दर्द और पैदर्द
छूमंतर हो जायेगा।"

मदन जी खुश होकर बोले, -- "Wow... Great Idea,
बताओ, क्या करना है ?"

लड़की मुस्कान बिखेरती हुई बोली -- "क्यों न हम और
आप एक दूसरे से बातें करते हुए इस सफर और रात को
यादगार बना दें…! फिर जल्दी से उठिए और नीचे आइए!"

मदन जी बड़ी खुशी से एक ही झटके में ऊपर की बर्थ
से नीचे कूद पड़े... और लड़की से बोले, -- "मैं भी बर्थ
पर लेटे-लेटे बोर हो रहा था... मंजिल अभी दूर है और
रातें लंबी... अब रातें आराम से कट जायेगी... बातें
करते-करते...! अगले स्टेशन पर ट्रेन रूकती है तो
आपके लिए मस्त कड़क चाय मंगवाता हूँ!"

मदन जी उस लड़की की बर्थ पर बैठने ही वाले थे कि
 तभी लड़की बोली -- "सुनिए...! अभी रात के 11:45 बज
रहे हैं... इस कंपार्टमेंट में सिर्फ हम और आप ही जगे हैं...
लेकिन, मुझे चाय नहीं पीना है... कल से नवरात्र शुरू
हो रहे हैं... इसलिए, मैं सोने जा रही हूँ... और आप नीचे
आ गये हैं तो, आपका कमर और पैर दर्द भी ठीक ही हो
गया होगा... अपना कंबल उठाइए और जाकर सो जाइए !"
😝🙈😂😁🤣🤭

©Alok Ranjan
#विचार  आपके, हमारे जीवन में एक ऐसा पुरुष या महिला मित्र 
आभासी दुनिया का ही क्यों न हो) ज़रुर होना चाहिए,
 जिससे आप जब चाहें कॉल कर सकें, मैसेज कर सकें, 
सलाह-मशवरा कर सकें, निःसंकोच सुख-दुःख बाँट सकें,
डाँट सकें, लड़ सकें, खुलकर हँस सकें, घूम सकें, जब
चाहें मिल सकें, बेझिझक होकर सब कुछ उसे बता सकें...
बिना इस बात की परवाह किये कि सामने वाला
व्यक्ति क्या सोचेगा...!
सच में, अगर ऐसा एक भी मित्र आपके पास है तो,
वाकई आप दुनिया के सबसे खुशनसीब इंसान हैं!
हो सके तो किसी के अच्छे दोस्त बनिए, किसी को सुनने
का प्रयास कीजिये, क्योंकि, आज की भागमभाग और
चकाचौंध भरी दुनिया में अधिकांश लोग अकेलेपन के
अवसाद से ग्रसित होते जा रहे हैं, आये दिन
आत्महत्याएँ होती हैं!
क्या हम और आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों
होता है? क्योंकि, इनको सुनाने वाले तो बहुत मिलते हैं
लेकिन, सुनने वाला कोई नहीं...! 
कोशिश कीजिये... अपने आस-पास देखिए...
बहुत से ऐसे लोग मिल ही जाएंगे! शायद जीवन
किसी का बच जाये...! 😊😊😊😊😊

©Alok Ranjan

आपके, हमारे जीवन में एक ऐसा पुरुष या महिला मित्र आभासी दुनिया का ही क्यों न हो) ज़रुर होना चाहिए, जिससे आप जब चाहें कॉल कर सकें, मैसेज कर सकें, सलाह-मशवरा कर सकें, निःसंकोच सुख-दुःख बाँट सकें, डाँट सकें, लड़ सकें, खुलकर हँस सकें, घूम सकें, जब चाहें मिल सकें, बेझिझक होकर सब कुछ उसे बता सकें... बिना इस बात की परवाह किये कि सामने वाला व्यक्ति क्या सोचेगा...! सच में, अगर ऐसा एक भी मित्र आपके पास है तो, वाकई आप दुनिया के सबसे खुशनसीब इंसान हैं! हो सके तो किसी के अच्छे दोस्त बनिए, किसी को सुनने का प्रयास कीजिये, क्योंकि, आज की भागमभाग और चकाचौंध भरी दुनिया में अधिकांश लोग अकेलेपन के अवसाद से ग्रसित होते जा रहे हैं, आये दिन आत्महत्याएँ होती हैं! क्या हम और आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्योंकि, इनको सुनाने वाले तो बहुत मिलते हैं लेकिन, सुनने वाला कोई नहीं...! कोशिश कीजिये... अपने आस-पास देखिए... बहुत से ऐसे लोग मिल ही जाएंगे! शायद जीवन किसी का बच जाये...! 😊😊😊😊😊 ©Alok Ranjan

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#मॉर्निंग #क्रिकेट #बेपरवाह #बच्चों #कॉमेडी #हरकतें  आज मॉर्निंग वॉक के समय क्रिकेट मैदान के एक कोने
में खड़ी Rolls Royce की एक नई चमचमाती कार को
6-7 बच्चे बड़े अचरज से निहार रहे थे। मुझे लगा, बहुत
देर से बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे, हो सकता है क्रिकेट बॉल
कार के नीचे चली गई हो।
मैं उन बच्चों के पास जाकर पूछा, "क्या देख रहे हो। तुम
सबको क्या चाहिए।"
मुझे एकाएक सामने देखकर बच्चे सकपका गये, शायद उन
बच्चों को लगा कि कार का मालिक आ गया। एक बच्चा
दबे स्वर में शरमाते हुए अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा,
"थोड़ी देर हम सब, इस कार के साथ खेलना चाहते हैं।"
मुझे अपना बचपन याद आ गया और मैं भावुक होकर इन
बच्चों से बोला, "ठीक है बच्चो ! जाओ... जितनी देर मर्जी
हो, गाड़ी पर जाकर खेलो...।"
मैं दूर खड़ा होकर इन बच्चों को खेलते हुए देखकर खुश
होता रहा। कार पर पड़ने वाले डेंट से बेपरवाह उन सबकी
नादान हरकतें, बोनट, रूफ पर उनकी शरारत भरी
उछलकूद, साईड-व्यू-मिरर को जबरन कान की तरह
ऐंठना... और उनकी खिलखिलाती हँसी देखकर
कभी-कभी मैं भी बचपन में खो जाता था और भावुक
भी हो जा रहा था। फिर अचानक याद आया, अभी घर
जाकर नाश्ता भी करना है। इसलिए मैं उन बच्चों को
कार से खेलता छोड़ घर आ गया।

लेकिन, यहाँ, ध्यान देने वाली बात है कि... न ही उन बच्चों
से और न ही उस Rolls Royce कार से... मेरा दूर-दूर तक
का कोई नाता था।😂😂😂😂

©Alok Ranjan
#कॉमेडी #सेठजी #तोता  एक सेठजी ने एक तोता पाल रखा था!
सेठजी के यहाँ जो कोई आता... सब उस तोता से
खूब बात करता था... सेठजी के यहाँ रोज एक
मजदूर आता था... जैसे ही वह आता, तोता,
जोर-जोर से बोलने लगता... "मजदूर आ गया... 
मजदूर आ गया...!"
मजदूर खुश होकर, रोज कुछ न कुछ उसे खाने
को देता था! 
एक दिन मजदूर देरी से आया... तोता उसे देखते
ही जोर-जोर से बोलने लगा... "मजदूर एक घंटा देरी
से आया है... मजदूर एक घंटा देरी से आया है...!"
यह सुनते ही मजदूर उसके पास गया और उसे
एक अमरूद देते हुए बोला, "चुप हो जा,
सेठजी सुन लेंगे!"
कल फिर मजदूर देरी से आया, देखते ही तोता
जोर-जोर से बोलने लगा, "मजदूर एक घंटा
देरी से आया है...!" इस बार सेठजी ने सुन लिया...
उन्होंने मजदूर को हिदायत दी कि अगर देरी ही
आओगे तो कल से नहीं आना..."
मजदूर गुस्से में तोता की ओर देखकर बोला,
"तुम्हारे लिए आज ताजा लाल मिर्ची लाया था,
लेकिन अब नहीं दूंगा" और काम करने लगा...
तोता ने भी कहा, "जा, मुझे भी नहीं चाहिए...
कामचोर कहीं का!"
तोता रोज मजदूर को देखकर "कामचोर"
कहने लगा! एक दिन सेठजी ने कामचोर कहते
 हुए खुद सुन लिया! तोता की जमकर पिटाई
कर दी और हिदायत दी कि अगर, फिर ऐसा
बोला तो कल से दाना-पानी बंद कर देंगे!
एक सप्ताह बीत गया... मजदूर को देखकर,
तोता कुछ न बोलता! एक दिन मजदूर को पेड़
 की छाँव में बैठा देख तोता, जोर-जोर से
हँसने लगा! तोता को हँसता देख मजदूर बोला,
 " बिना मतलब के क्यों हँस रहा है, क्या हुआ...!"
तोता बोला, "समझ तो गया ही होगा...
"और फिर जोर-जोर से हँसने लगा!
🤣🤣🤣🤣🤣

©Alok Ranjan
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