Sunil Nagar 'srgm'

Sunil Nagar 'srgm'

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#शायरी #Eid

#Eid

81 View

#कविता #eid_mubarak

#eid_mubarak

99 View

White दुआओं में असर ज़िंदा पूरी उम्मीद हो जाएँ, मुक़म्मल ज़िदगी होगी ख़ुदा की दीद हो जाएँ, ग़रीबों-मुफ़लिसों की ख़िदमतें जो हो गई तुमसे, दीदार-ए-चाँद का होकर तुम्हारी ईद हो जाएँ।। ©Sunil Nagar 'srgm'

#कविता #eidmubarak  White दुआओं में असर ज़िंदा पूरी उम्मीद हो जाएँ,
मुक़म्मल ज़िदगी होगी  ख़ुदा की दीद हो जाएँ,
ग़रीबों-मुफ़लिसों की ख़िदमतें जो हो गई तुमसे,
दीदार-ए-चाँद का होकर तुम्हारी ईद हो जाएँ।।

©Sunil Nagar 'srgm'

#eidmubarak

8 Love

क्या लिखूँ मैं ज़िंदगी में शामिल, हूँ कौन पढ़ लेना। मैं चुप रहूँ लेकिन , तुम मौन पढ़ लेना।। ©Sunil Nagar 'srgm'

#कविता #poem  क्या लिखूँ मैं ज़िंदगी में शामिल, हूँ कौन पढ़ लेना। 
मैं चुप रहूँ लेकिन , तुम मौन पढ़ लेना।।

©Sunil Nagar 'srgm'

#poem

14 Love

राम रामेति रामे रमेंगे सदा , दीप ख़ुशियों के जगमग जलेंगे सदा , हो गई है प्रतीक्षा पूरी आज तो , राम अपने ही घर में बसेंगे सदा। ©Sunil Nagar 'srgm'

#राममंदिर #कविता  राम  रामेति  रामे  रमेंगे  सदा ,
दीप ख़ुशियों के जगमग जलेंगे सदा ,
हो गई है प्रतीक्षा पूरी आज तो ,
राम अपने ही घर में बसेंगे सदा।

©Sunil Nagar 'srgm'

🌻सरस्वती वंदना🌻 अंधकार का भेदन करती जगजननी माँ शारदे , हाथ जोड़कर वंदन करते भव-सागर से तार दे। बुद्धिहीन हम शरण में तेरी ज्ञान की ज्योति जलाओं , महिमा तेरी गाऊँ भवानी अनहद नाद जगाओं । रसना में रस का आस्वादन सोहं की झंकार दे। हाथ जोड़कर वंदन करते ,भवसागर से तार दे।। वीणापाणि तुम ही वाणी वीणा का वादन हो तुम, काव्य गुणों की शक्ति तुम से गीतों का गायन हो तुम , कंठ विराजित होकर माता, गायन का अधिकार दे।।२।। हाथ जोड़कर वंदन करते,भवसागर से तार दे। छंद लयों का ताल तुकों का , गण की गणना का नियम , राग-अलापों ,यति-गति का, सप्त स्वरों की हो सरगम, अक्षर-अक्षर शोभित होवें, शब्दों का संसार दे।।३।। हाथ जोड़कर वंदन करते,भवसागर से तार दे। विनयशीलता की सृष्टि में , मद का कोई अंश न हो , कपट रहित व्यवहार करें सब , जग में कोई ध्वंस न हो। जीवन जीना तभी सफल माँ , 'सरगम" में कुछ सार दे।।४।। हाथ जोड़कर वंदन करते,भवसागर से तार दे।। ©Sunil Nagar 'srgm'

#सरस्वतीवंदना #कविता  🌻सरस्वती वंदना🌻

अंधकार का भेदन करती
 जगजननी माँ शारदे ,
हाथ जोड़कर वंदन करते 
भव-सागर से तार दे। 

बुद्धिहीन हम शरण में तेरी
 ज्ञान की ज्योति जलाओं ,
महिमा तेरी गाऊँ भवानी 
अनहद नाद जगाओं । 
       रसना में रस का आस्वादन 
       सोहं की झंकार दे। 
 हाथ जोड़कर वंदन करते ,भवसागर से तार दे।। 

वीणापाणि तुम ही वाणी 
वीणा का वादन हो तुम,
काव्य गुणों की शक्ति तुम से 
गीतों का गायन हो तुम ,
कंठ विराजित होकर माता,
गायन का अधिकार दे।।२।।
      हाथ जोड़कर वंदन करते,भवसागर से तार दे।

छंद लयों का ताल तुकों का ,
गण की गणना का नियम ,
राग-अलापों ,यति-गति का, 
 सप्त स्वरों की हो सरगम,
   अक्षर-अक्षर शोभित होवें,
    शब्दों का संसार दे।।३।।
हाथ जोड़कर वंदन करते,भवसागर से तार दे।

 विनयशीलता की सृष्टि में , 
मद का कोई अंश न हो ,
कपट रहित व्यवहार करें सब ,
जग में  कोई ध्वंस न हो।
      जीवन जीना तभी सफल माँ ,
       'सरगम" में कुछ सार दे।।४।।
हाथ जोड़कर वंदन करते,भवसागर से तार दे।।

©Sunil Nagar 'srgm'
Trending Topic