मुसाफिर है तू, बस चलते जाना सीख
पत्थर दिखे राह में तो नज़रें मिलाना सीख ।
तारे चमकते होंगे ज़रूर आसमान की चौखट में
अंधेरों को रौशन कर बस जुगनू बन जाना सीख ।
डर, मुसीबत , तकलीफें, ये वक़्त सब दिखायेगा
सब मजबूरियां बताएंगे , तू हिम्मत बताना सीख ।।
_ अलंकार
©Alankar Samaddar
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