Blue Moon मैं हूं नहीं मनुष्य,मनुष्य तो मनु का अंश है
मैं तो बस एक इंसान हूं बाबा साहब को पूजता मन से है
तू ही आईना तू ही दर्पण, मेरा सब कुछ तुझे अर्पण
भक्ति में लीन इस कदर हूं, जय भीम बोले कण कण
महीना अप्रैल का आते आते होने लगते पागलपन से है
मैं हूं नहीं .................................................!
तू ही धन है तू ही दौलत, हम शिक्षित है तेरी बदौलत
जान भी तुझे निछावर है अगर मिल जाए एक मोहलत
सोनू सोहनलाल तेरा दीवाना बना बैठा बचपन से हैं
मैं हूं नहीं.........................................!
©Sonu Sohanlal
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