Dr Yatendra Gurjar

Dr Yatendra Gurjar

poetry lover/writer✍️

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#summer_vacation #expolrepage  White पेड़ की छांव अब कम मिलती है
तुम्हारी तरह ये भी राहगीर चुनती है
बदल गया है अब दौर भी पहले से
इश्क की गलियों में अब धूप कम निकलती है

©Dr Yatendra Gurjar
#Quotes #Free  White बेकार है ये इश्क विश्क

एक तरफा ही शुरू होता है
एक तरफा ही रह जाता है.....

©Dr Yatendra Gurjar

#Free

108 View

#Quotes #mango  White कोई नहीं समझता किसी की परेशानी 
हम बेकार में तुमसे दिल लगाए बैठे हैं

©Dr Yatendra Gurjar

#mango

99 View

#Romantic #Quotes  White मेरा नाम लेकर तुमसे कोई पूछे
तो टाल देना
तुम्हारे सिवा कोई नहीं जानता
की तुम मेरी हो.......

©Dr Yatendra Gurjar

#Romantic

117 View

मजबूरी बनाती है एक औरत को वैश्या कोई मन से इस दलदल में नहीं उतरता हर तरह के ग्राहक मिलते हैं रोज कोई इनसे सीधे मुंह बात नहीं करता एक जानवर की तरह पेश आता है हवस से भूखा इंसान नशे में सुधबुध खोकर निकालता है अपने सभी अरमान भूल जाता है ये भी किसी की मां बहन बेटी है मजबूरी में ये सब करती है आत्म इसकी भी उतना ही दर्द लेती है ©Dr Yatendra Gurjar

#aaina  मजबूरी बनाती है एक औरत को वैश्या
कोई मन से इस दलदल में नहीं उतरता
हर तरह के ग्राहक मिलते हैं रोज 
कोई इनसे सीधे मुंह बात नहीं करता

एक जानवर की तरह पेश आता है
हवस से भूखा इंसान
नशे में सुधबुध खोकर
निकालता है अपने सभी अरमान

भूल जाता है ये भी
किसी की मां बहन बेटी है
मजबूरी में ये सब करती है
आत्म इसकी भी उतना ही दर्द लेती है

©Dr Yatendra Gurjar

#aaina

16 Love

#mothers_day  White वो मजा अब कहां मां

जो तेरी गोद में बैठकर खाने में आया करता था 
लग जाए अगर कोई ठस्का तेरे थप थापने से जाया करता था

मेरे लाख मना करने पर तू नहीं मानती थी मां
पेट भर जाता था मेरा तू जानती थी ना मां

मेरी हर परेशानी को तू चेहरे से पड़ लेती थी
हों चाहे लाख बुराइयां मुझमें तू सब से लड़ लेती थी मां

कब खाया कब सोया क्यों हंसा क्यों रोया
हर बात से मेरी तुझे मतलब था मां

मेरी हर दुआ में बस तेरा ही नाम रहता है मां
तू सलामत रहे दिल बार बार यही कहता है मां

©Dr Yatendra Gurjar

#mothers_day

135 View

Trending Topic