चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

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#विचार  एक क़लमकार को क़लम और डायरी की आवश्यकता  आजीवन पड़ती है । 
१५/३/२००२४ , शुक्रवार , ११:५५ पूर्वाह्न

©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

एक क़लमकार को क़लम और डायरी की आवश्यकता आजीवन पड़ती है । १५/३/२००२४ , शुक्रवार , ११:५५ पूर्वाह्न,

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जिन हाथों ने रोटी खिलाकर अपनों को जिलाया , आज उन्हीं हाथों में अपयश ! दिल ❤ निकालकर हथेली पर रख दिया, कितने आसान शब्दों में कह दिया - 'मेरे लिए किसी ने कुछ किया ही नहीं। '✍️ ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

#विचार  जिन हाथों ने रोटी खिलाकर अपनों को जिलाया  , आज उन्हीं हाथों में अपयश ! 
दिल ❤ निकालकर हथेली  पर रख दिया, कितने आसान शब्दों में कह दिया -
'मेरे लिए किसी ने कुछ किया  ही नहीं। '✍️

©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

जिन हाथों ने रोटी खिलाकर अपनों को जिलाया , आज उन्हीं हाथों में अपयश ! दिल ❤ निकालकर हथेली पर रख दिया, कितने आसान शब्दों में कह दिया - 'मेरे लिए किसी ने कुछ किया ही नहीं। '✍️ ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

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#विचार  चेतना प्रकाश चितेरी का सुविचार  – 
अगर, आपके साथ
 आपके अपने ही छल  कर रहें हैं, तो आप दु:खी मत  होईए ! 
यकीन , मानिए! मेरा 
 वे अपना कर्म बिगाड़ रहे हैं। 
 उन्हें दूसरे का अन्न ,धन लूटने में बहुत अच्छा लगता है , 
ऐसे  व्यक्तियों से परेशान ना होईए! 
आपके लिए एक विकल्प है -
झूठे रिश्तों से दूर रहना ही अच्छा है। 

(स्वरचित) 
चेतना प्रकाश चितेरी 
१/१२/२०२३ , ११:४९ पूर्वाह्न

©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

चेतना प्रकाश चितेरी का सुविचार – अगर, आपके साथ आपके अपने ही छल कर रहें हैं, तो आप दु:खी मत होईए ! यकीन , मानिए! मेरा वे अपना कर्म बिगाड़ रहे हैं। उन्हें दूसरे का अन्न ,धन लूटने में बहुत अच्छा लगता है , ऐसे व्यक्तियों से परेशान ना होईए! आपके लिए एक विकल्प है -

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#विचार #Dance  कल का क्या भरोसा ? आज तो हमारा है, 
मेरे जीने का अंदाज़ औरों से निराला है ।

 ___ चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज
२९/११/२०२३ , ९:४०  पूर्वाह्न

©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

#Dance

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मेरी आंखों में कितना दर्द है, सिर्फ मां के सिवाय, यह कोई नहीं जान पाता। 20/1/2022,12:45a.m. ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

#विचार #Thinking  मेरी आंखों में कितना दर्द है,

सिर्फ मां के सिवाय,

 यह कोई नहीं जान पाता। 

20/1/2022,12:45a.m.

©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज

#Thinking

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