Jitendra Suryavanshi

Jitendra Suryavanshi

Jitendra Suryavanshi is a talented and versatile Indian author, columnist, and YouTuber, born in Uttar Pradesh, India. With a unique writing style, he has gained recognition for his ability to explain complex concepts in a concise and engaging manner, making learning accessible to a wide audience.

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#भक्ति  White हर बात में हो सादगी
नटखट सा एक मिजाज हो,
माना में कृष्ण ना सही
पर राधा मुझे तो चाहिए।
बिन श्रृंगार के चारु लगे
मन्दार सा एक तेज हो,
सुरम्य, रम्य, रमणीय
वो साध मुझको चाहिए।
माना में कृष्ण ना सही
पर राधा मुझे तो चाहिए।

©Jitendra Suryavanshi

राधा मुझे तो चाहिए।

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#JitendraSuryavanshi  White Duniya mein sab log alag hain,
Sab kee alag kahaanee thee.
Kuchh bin pairon ke daud pade,
Aisee kya usane thaanee thee?

©Jitendra Suryavanshi

है नहीं आसान फिर भी, डूबना मुझे आ गया। बीच दरिया दूर है, मैं तो किनारे आ गया। चमचमाते-टिमटिमाते हैं खिलौने हाथ में क्यों है उदास फिर भी वो? जरूर कोई बात है। जल रहा है घर वो उसका, बस रोशनी उसे दिख रही क्या मिला है इसको ऐसा? क्यों यूं मुस्कुरा रहा? जरूर कोई बात है, जरूर कोई बात है? ©Jitendra Suryavanshi

#JitendraSuryavanshi #BadhtiZindagi  है नहीं आसान फिर भी,
डूबना मुझे आ गया।

बीच दरिया दूर है,
मैं तो किनारे आ गया।

चमचमाते-टिमटिमाते
हैं खिलौने हाथ में

क्यों है उदास फिर भी वो?
जरूर कोई बात है।

जल रहा है घर वो उसका,
बस रोशनी उसे दिख रही

क्या मिला है इसको ऐसा?
क्यों यूं मुस्कुरा रहा?

जरूर कोई बात है,
जरूर कोई बात है?

©Jitendra Suryavanshi

आराम है कुछ काम है, कुछ ये करूं कुछ वो करूं। कुछ भागता कुछ ठहरता, फिर उड़ पड़ूं या गिर पड़ूं। है वही विथामान जिसको, ढूंढता मैं फिर रहा। इसे पास लूं थोड़ा सांस लूं, ये भी करूं वो भी करूं। ©Jitendra Suryavanshi

#JitendraSuryavanshi #suspense #WorkOn  आराम है कुछ काम है,
कुछ ये करूं कुछ वो करूं।

कुछ भागता कुछ ठहरता,
फिर उड़ पड़ूं या गिर पड़ूं।

है वही विथामान जिसको,
ढूंढता मैं फिर रहा।

इसे पास लूं थोड़ा सांस लूं,
ये भी करूं वो भी करूं।

©Jitendra Suryavanshi
#JitendraSuryavanshi #erotica  वो बात अभी आधी ही है
ये बात तुम्हें बतानी है।

हां डूब रहा है। वो नभ में पर,
शाम अभी भी बाकी है।

चल दिन ढल जाए बात नहीं,
यह रात अभी भी बाकी है।

वो बात अभी आधी ही है
ये बात तुम्हें बतानी है ।

चल काम तेरा, वो काम सही
बोली तूने हर बात सही पर,

उदधि के उस दर्पण में तुझे
तेरी छवि दिखानी है।

वो बात अभी आधी ही है
ये बात तुझे बतानी है ।

है एक समंदर पतझड़ सा
यह राख नहीं बस आंधी है

और तू भूले वो बात अलग पर,
बात अभी भी बाकी है।

©Jitendra Suryavanshi
#JitendraSuryavanshi #SpeakUp   If you can't speak then learn to shout!

©Jitendra Suryavanshi
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