आँखों में आँखें डाल के जो देखता मुझे,
ऐसा कहीं मिला न कोई आईना मुझे।
मैं तो ख़ुद अपने आप में खोई हुई सी थी,
लेकर चराग़ कोई कहाँ ढूँढता मुझे।
मिलने का वक़्त, प्यार का अहसास,क़ुरबतें,
जो भी दिया किसी ने वो कम ही दिया मुझे।
तूफ़ाँ का ज़ोर, नाख़ुदा बेबस, हवा ख़िलाफ़,
साहिल प ले के आया है मेरा ख़ुदा मुझे।
रोशन रहे हमेशा तेरी शोहरतों का चाँद,
देकर गया है प्रिया कोई यह दुआ मुझे।
प्रिया ख़ुश्बू
©priya khushbu
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