Anshuman yadav

Anshuman yadav Lives in Delhi, Delhi, India

poet

  • Latest
  • Popular
  • Video

मातृभाषा जब एक नवजात शिशु प्रथम बार बुदबुदाता है... अपने कोमल अधरों से कुछ टूटा-फूटा गाता है... तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर उसकी जीभ थामती है... टूटा-फूटा जो भी बोले हर शब्द संभालती है... जब एक नवजात शिशु प्रथम बार बुदबुदाता है... अपने कोमल अधरों से कुछ टूटा-फूटा गाता है... जब प्रकृति सौंदर्य से मन ललचाता है... या कोई शोक,विषाद, तनाव निराशामय हो जाता है... तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर उसका ह्रदय थामती है... उसके कोमल भावों को शब्द रूप देकर उसे कवि बनाती है... जब कोई प्रेमी प्यार मे पड़ता है या कोई डांटा-डपटा जाता है... तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर उसका मन टटोलती है... प्यार,घृणा जो कुछ भी है सब बाहर निकालती है... जब कोई वैज्ञानिक नया आविष्कार करता है... या कोई कुछ नया रचता है तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर उसका दिमाग खंगालती है... सोचने समझने का ज्ञान देकर उसे विचारवान बनाती है... और,जो सभ्यता अपनी भाषा नहीं बचाती विचारों से गूंगी भावों से अपाहिज हो जाती है...

#Hindidiwas #budbudana #adharo #komal #poem  मातृभाषा



जब एक नवजात शिशु
प्रथम बार बुदबुदाता है...
अपने कोमल अधरों से
कुछ टूटा-फूटा गाता है...
तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर
उसकी जीभ थामती है...
टूटा-फूटा जो भी बोले
हर शब्द संभालती है...
जब एक नवजात शिशु
प्रथम बार बुदबुदाता है...
अपने कोमल अधरों से
कुछ टूटा-फूटा गाता है...
जब प्रकृति सौंदर्य से       
मन ललचाता है...
या कोई शोक,विषाद, तनाव
निराशामय हो जाता है...
तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर
उसका ह्रदय थामती है...
उसके कोमल भावों को
शब्द रूप देकर उसे कवि बनाती है...
जब कोई प्रेमी प्यार मे पड़ता है
या कोई डांटा-डपटा जाता है...
तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर
उसका मन टटोलती है...
प्यार,घृणा जो कुछ भी है
सब बाहर निकालती है...
जब कोई वैज्ञानिक नया
आविष्कार करता है...
या कोई कुछ नया रचता है
तब मातृभाषा ही आगे बढ़कर
उसका दिमाग खंगालती है...
सोचने समझने का ज्ञान देकर
उसे विचारवान बनाती है...
और,जो सभ्यता अपनी भाषा नहीं बचाती
विचारों से गूंगी
भावों से अपाहिज हो जाती है...

जो नन्हे बच्चे को सही-गलत का अन्तर बतलाए... जो कोमल मन को प्यार से दुलराए... जो हर चीटी को पहाड़ चढ़ना सिखलाए... आसमान मे उडा़न भरने को, जो सीढ़ियां लगाए... वो गुरु है जो ज्वार-भाटों पर भी नाव चलाना सिखलाए... मां के प्यार को सीमित करता उसका दुलार... पिता की मार से भी ज्यादा गहरी उसकी फटकार... वो गुरु है जो प्यार और फटकार मे सामंजस्य बैठाए... कई युद्धों मे देवता जीते,कईयों मे असुर वो गुरु ही है जो शुक्राचार्य बन जब जिस तरफ आए... जीत उसी की हो जाए... जो नन्हे बच्चे को सही गलत का अन्तर बतलाए...

#कविता #Teachersday #guru #5sep  जो नन्हे बच्चे को सही-गलत का अन्तर बतलाए...
जो कोमल मन को प्यार से दुलराए...
जो हर चीटी को पहाड़ चढ़ना सिखलाए...
आसमान मे उडा़न भरने को,
जो सीढ़ियां लगाए...
वो गुरु है जो ज्वार-भाटों पर भी नाव चलाना सिखलाए...
मां के प्यार को सीमित करता उसका दुलार...
पिता की मार से भी ज्यादा गहरी उसकी फटकार...
वो गुरु है जो प्यार और फटकार मे सामंजस्य बैठाए...
कई युद्धों मे देवता जीते,कईयों मे असुर
वो गुरु ही है जो शुक्राचार्य बन जब जिस तरफ आए...
जीत उसी की हो जाए...
जो नन्हे बच्चे को सही गलत का अन्तर बतलाए...

घंटों आसमान को घूरता रहता है... एक शख्स पागल है बहुत, उसने सुना है ऊपर खुदा रहता है.... हर बारिश मे खुद को डुबो लेता है एक ही सवाल उसके जहन मे कि,ऐ खुदा तू क्यों रोता है.....

#Hopeless #barish #Aasman #Ghanto #ghurna  घंटों आसमान को घूरता रहता है...
एक शख्स पागल है बहुत,
उसने सुना है ऊपर खुदा रहता है....
हर बारिश मे खुद को डुबो लेता है
एक ही सवाल उसके जहन मे
कि,ऐ खुदा तू क्यों रोता है.....
#दिग्मंडल #सूनापन #कोलाहल #स्मृति #यादे #आंसू
#तेरेबिन #वेदना #दर्द #काले #साये #Loneliness

"अतीत" हर बार इसे भुलाकर आगे बढ़ जाना चाहा... फिर फिर भी बार-बार यादों की बरसात मे उग आता है कुकुरमुत्ते की तरह... सफेद होता है कुकुरमुत्ता, बिल्कुल कफन की तरह.... कफन कि जिसमे लिपटा है 'अतीत' जिंदा लाश की तरह...

#कुकुरमुत्ता #बारिश #यादें #बचपन #अतीत #कफन  "अतीत"


हर बार इसे भुलाकर आगे बढ़ जाना चाहा...
फिर फिर भी बार-बार यादों की बरसात मे उग आता है कुकुरमुत्ते की तरह...
सफेद होता है कुकुरमुत्ता,
बिल्कुल कफन की तरह....
कफन कि जिसमे लिपटा है
'अतीत' जिंदा लाश की तरह...
Trending Topic