अंकित दुबे

अंकित दुबे Lives in Murliganj, Bihar, India

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एक सदके में मेरी भी जब जान वारी जाएगी तू सुनकर अनजान बनेगी, मगर पुकारी जाएगी तब मेरी नज़र लगेगी तुझको, ऐसा दिन भी आएगा जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी मैं एक गुमनाम सा साया बनकर, तन्हा दुनिया भटकूँगा जब तु दुल्हन के जोड़े में, कहीं सवारी जाएगी एक सदके में मेरी भी तब जान वारी जाएगी जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी ताना कसेंगे लोग लेकर नाम तेरी जब उलफ़तत का तब दफन मोहब्बत की तुर्बत पर याद उखारी जाएगी तू सुनकर अंजान बनेगी मगर पुकारी जाएगी जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी वो एक बूंद तेरी आँखों का जब सागर बन जाएगा होकर कैसे खारा पानी सबकी प्यास बुझाएगा तब तू गागर में भरकर फिर सहज सुतारी जाएगी जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी ©अंकित दुबे

#कविता #DarkWinters  एक सदके में मेरी भी जब जान वारी जाएगी
तू सुनकर अनजान बनेगी, मगर पुकारी जाएगी
तब मेरी नज़र लगेगी तुझको, ऐसा दिन भी आएगा
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

मैं एक गुमनाम सा साया बनकर, तन्हा दुनिया भटकूँगा
जब तु दुल्हन के जोड़े में, कहीं सवारी जाएगी
एक सदके में मेरी भी तब जान वारी जाएगी
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

ताना कसेंगे लोग लेकर नाम तेरी जब उलफ़तत का
तब दफन मोहब्बत की तुर्बत पर याद उखारी जाएगी
तू सुनकर अंजान बनेगी मगर पुकारी जाएगी
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

वो एक बूंद तेरी आँखों का जब सागर बन जाएगा
होकर कैसे खारा पानी सबकी प्यास बुझाएगा
तब तू गागर में भरकर फिर सहज सुतारी जाएगी
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

©अंकित दुबे

#DarkWinters

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#कविता #angrygirl  एक सदके में मेरी भी जब जान वारी जाएगी
तू सुनकर अनजान बनेगी, मगर पुकारी जाएगी
तब मेरी नज़र लगेगी तुझको, ऐसा दिन भी आएगा
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

मैं एक गुमनाम सा साया बनकर, तन्हा दुनिया भटकूँगा
जब तु दुल्हन के जोड़े में, कहीं सवारी जाएगी
एक सदके में मेरी भी तब जान वारी जाएगी
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

ताना कसेंगे लोग लेकर नाम तेरी जब उलफ़तत का
तब दफन मोहब्बत की तुर्बत पर याद उखारी जाएगी
तू सुनकर अंजान बनेगी मगर पुकारी जाएगी
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

वो एक बूंद तेरी आँखों का जब सागर बन जाएगा
होकर कैसे खारा पानी सबकी प्यास बुझाएगा
तब तू गागर में भरकर फिर सहज सुतारी जाएगी
जब गैरों के हाथों तेरी नज़र उतारी जाएगी

©अंकित दुबे

#angrygirl

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#कविता #lonelynight  किसी का चेहरा देखकर खूं से रवानी लिखते हैं
उफनती एक मोहब्बत को जवानी लिखते हैं
निगाहें बंद होते ही तुम्हारा चेहरा दिखता है
तुम्ही को देखकर  रोज एक नई कहानी लिखते हैं
 ~ अंकित दुबे

©अंकित दुबे

#lonelynight

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तुम्हारी भी ये चाहत है कि फिर से हो इश्कबाज़ी वो फिर से दिल मेरा तोरें , हमें मंजूर कैसे हो ©अंकित दुबे

#शायरी  तुम्हारी भी ये चाहत है कि फिर से हो इश्कबाज़ी
वो फिर से दिल मेरा तोरें , हमें मंजूर कैसे हो

©अंकित दुबे

तुम्हारी भी ये चाहत है कि फिर से हो इश्कबाज़ी वो फिर से दिल मेरा तोरें , हमें मंजूर कैसे हो ©अंकित दुबे

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बड़ी आरज़ू है दीदार की, कुछ बात है है जरूरत इजहार की, कुछ बात है मैं ही नहीं फ़क़त तुम्हें सोचता हूँ मुझे हो रही है हिचकियाँ , कुछ बात है ©अंकित दुबे

#BooksBestFriends #शायरी  बड़ी आरज़ू है दीदार की, कुछ बात है
है जरूरत इजहार की, कुछ बात है
मैं ही नहीं फ़क़त तुम्हें सोचता हूँ
मुझे हो रही है हिचकियाँ , कुछ बात है

©अंकित दुबे

हम तपिस में हैं और तुम जले जा रहे तुम जमे बर्फ से हम गले जा रहे तुमको छू कर ये पानी भी पावन हुआ तुम्हे देख मौसम भी सावन हुआ हम मोहब्बत में सबकुछ ही सच कह गए पर तुमने ही हमको क्यों झुठला दिया हम तुम्हारे लिए तो बने ही नही फिर भी किश्मत ने तुमसे क्यों टकरा दिया तोर कर चाँद तारे नहीं लाऊंगा ना कोई महल मैं तो बनवाऊँगा ऐसे वादों का बोलो तो क्या फायदा गर मोहब्बत में ना हो कोई कायदा। जब सपनों में अपनों को पाने लगे नींद ने ही हमें फिर क्यों ठुकरा दिया हम तुम्हारे लिए तो बने ही नहीं फिर भी किश्मत नें तुमसे क्यों टकरा दिया ©अंकित दुबे

#peace  हम तपिस में हैं और तुम जले जा रहे
तुम जमे बर्फ से हम गले जा रहे
तुमको छू कर ये पानी भी पावन हुआ
तुम्हे देख मौसम भी सावन हुआ 
हम मोहब्बत में सबकुछ ही सच कह गए
पर तुमने ही हमको क्यों झुठला दिया
हम तुम्हारे लिए तो बने ही नही 
फिर भी किश्मत ने तुमसे क्यों टकरा दिया

तोर कर चाँद तारे नहीं लाऊंगा
ना कोई महल मैं तो बनवाऊँगा
ऐसे वादों का बोलो तो क्या फायदा
गर मोहब्बत में ना हो कोई कायदा।
जब सपनों में अपनों को पाने लगे
नींद ने ही हमें फिर क्यों ठुकरा दिया
हम तुम्हारे लिए तो बने ही नहीं
फिर भी किश्मत नें तुमसे क्यों टकरा दिया

©अंकित दुबे

#peace

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