Aditya Malpani

Aditya Malpani Lives in Kishangarh, Rajasthan, India

मेरी जिंदगी कुछ यूं बयां करती है जो बात मेरे दिल में है, वही मेरे अश्कों में है और वही मेरे लफ्जों में है खुली किताब की तरह है हस्ती मेरी यही बात कुछ भरे हुए पन्नों में है यही बात बचे खाली कागजों में है

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जाने अनजाने में, कई बार तुम को सताता हूं, शायद पता नहीं चलता, पर तुम्हारा दिल दुखाता हूं। हो सके तो मुझे माफ कर देना, मेरे लिए अपना मन साफ कर देना। तुमसे बेइंतेहा प्यार है, बस सिर्फ यही कह पाता हूं, तुम हमेशा मेरा साथ दो, बस इतना ही तो चाहता हूं। कहा था तुमने कि मैं बनारस का घाट हूं, सच में गंगा सी पवित्र तो तुम हो, हर एक पल मैं, जो रहा तुम्हारी बाट हूं, मेरी सांसों में महकता इत्र तो तुम हो। माना तुम मेरे पास नहीं होती और मैं तुम्हारे पास होता नहीं हूं, यह भी माना कि तुम्हारी याद में अक्सर, रात में मैं सोता नहीं हूं। यूं तो मेरे हर एहसास में हो तुम, आती जाती मेरी हर सांस में हो तुम, यूं तो मेरे हर जज्बात में हो तुम, जो भी मैं कहूं, मेरी हर उस बात में हो तुम, यूं तो मेरी हर धड़क में हो तुम, मेरे अकेलेपन की तड़प में हो तुम, इश्क और मोहब्बत क्या है क्या पता, पर प्यार के मोती को मैं खोता नहीं हूं, कहीं तुम मेरे आंसुओं में बह न जाओ, इसलिए रोना चाहूं तो भी मैं कभी रोता नहीं हूं। शायद कह ना पाऊं कभी तुमसे,‌ पर यह प्रेम मेरा सत्य है, दुनिया अपना माने मुझे, पर सिर्फ आशिता का ही आदित्य है। ©Aditya Malpani

#Light  जाने अनजाने में, कई बार तुम को सताता हूं,
शायद पता नहीं चलता, पर तुम्हारा दिल दुखाता हूं।
हो सके तो मुझे माफ कर देना,
मेरे लिए अपना मन साफ कर देना।
तुमसे बेइंतेहा प्यार है, बस सिर्फ यही कह पाता हूं,
तुम हमेशा मेरा साथ दो, बस इतना ही तो चाहता हूं।
कहा था तुमने कि मैं बनारस का घाट हूं, सच में गंगा सी पवित्र तो तुम हो,
हर एक पल मैं,  जो रहा तुम्हारी बाट हूं, मेरी सांसों में महकता इत्र तो तुम हो।
माना तुम मेरे पास नहीं होती और मैं तुम्हारे पास होता नहीं हूं,
यह भी माना कि तुम्हारी याद में अक्सर, रात में मैं सोता नहीं हूं।
यूं तो मेरे हर एहसास में हो तुम, आती जाती मेरी हर सांस में हो तुम,
यूं तो मेरे हर जज्बात में हो तुम, जो भी मैं कहूं, मेरी हर उस बात में हो तुम,
यूं तो मेरी हर धड़क में हो तुम, मेरे अकेलेपन की तड़प में हो तुम,
इश्क और मोहब्बत क्या है क्या पता, पर प्यार के मोती को मैं खोता नहीं हूं,
कहीं तुम मेरे आंसुओं में बह न जाओ, इसलिए रोना चाहूं तो भी मैं कभी रोता नहीं हूं।
शायद कह ना पाऊं कभी तुमसे,‌ पर यह प्रेम मेरा सत्य है,
दुनिया अपना माने मुझे, पर सिर्फ आशिता का ही आदित्य है।

©Aditya Malpani

आशिता का आदित्य..!!! #Light

11 Love

मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम रब से जो मांगता हूं, वो इबादत हो तुम दिल मेरा बेचैन है तो, दिल की राहत हो तुम मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम इश्क कि वो नाजुक नज़ाकत हो तुम बेशक दूर सही, पर मेरी अमानत हो तुम गलतियों की सजा मंजूर है मुझे पर मेरी सजा की ज़मानत हो तुम मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम इतनी खास हो तुम, दूर होकर भी पास हो तुम मेरा अनकहा एहसास हो तुम, रब से मांगी अरदास हो तुम इतनी खास हो तुम, दूर होकर भी पास हो तुम मेरे जीवन की अदालत हो तुम, मेरे प्यार की वकालत हो तुम जैसे कोई अनमोल रत्न हो, मेरी वो बेशकीमती दौलत हो तुम मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम मुश्किलों में मेरी हिफ़ाज़त हो तुम, अपने करीब लाने की इजाज़त हो तुम एक पल तुम्हारे बिना नहीं रह सकता मैं, हर पल मेरी जरूरत हो तुम मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम मेरी जिंदगी की मंजिल हो तुम, मंजिल को जाने वाली राहें हो तुम मेरी डगमगाती कश्ती का साहिल हो तुम, समंदर की मौजें हो, पर्वतों की बांहें हो तुम मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम मेरे ख्वाबों में रोज आती हो, वही हकीकत हो तुम दिल मेरा बेचैन है तो, दिल की राहत हो तुम मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम ©Aditya Malpani

 मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम
रब से जो मांगता हूं, वो इबादत हो तुम
दिल मेरा बेचैन है तो,  दिल की राहत हो तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम
इश्क कि वो नाजुक नज़ाकत हो तुम
बेशक दूर सही, पर मेरी अमानत हो तुम
गलतियों की सजा मंजूर है मुझे
पर मेरी सजा की ज़मानत हो तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम
इतनी खास हो तुम, दूर होकर भी पास हो तुम
मेरा अनकहा एहसास हो तुम, रब से मांगी अरदास हो तुम
इतनी खास हो तुम, दूर होकर भी पास हो तुम
मेरे जीवन की अदालत हो तुम, मेरे प्यार की वकालत हो तुम
जैसे कोई अनमोल रत्न हो, मेरी वो बेशकीमती दौलत हो तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम
मुश्किलों में मेरी हिफ़ाज़त हो तुम,
अपने करीब लाने की इजाज़त हो तुम
एक पल तुम्हारे बिना नहीं रह सकता मैं,
हर पल मेरी जरूरत हो तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम
मेरी जिंदगी की मंजिल हो तुम,
मंजिल को जाने वाली राहें हो तुम
मेरी डगमगाती कश्ती का साहिल हो तुम,
समंदर की मौजें हो, पर्वतों की बांहें हो तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम
मेरे ख्वाबों में रोज आती हो, वही हकीकत हो तुम
दिल मेरा बेचैन है तो, दिल की राहत हो तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी चाहत हो तुम

©Aditya Malpani

मेरी मोहब्बत हो तुम मेरी राशि हो तुम मेरी चाहत हो तुम, मेरी आशि हो तुम ❤️❤️

12 Love

Kal Shayad Na rahun mai to ye Narazgi kise dikhaogi? Jo baat aaj hai dil mai, Use abhi Keh Do Agar mai na raha is duniya me To wo baat fir kise bataogi? Mere Chale Jaane ke baad Meri yaad to zarur aaegi Nazre Mujhe Talashegi Par Shayad Dhund nahi Paegi Mehsoos Karogi bas Mujhe Mere Saaye ko bhi Kareeb Paogi Par agar Mai kal na raha is Duniya me to Ye Narazgi Kise Dikhaogi? Mere Jaane ke baad Chai pina Mat Chhodna Mera dil to toda tha pr chai se rishta mat todna Jo Wade kie the, wo sath beth kr chai pine ke yaad krna wo lamhe jab kasme khai sath Jine ke Shayad tab meri kami khalegi bahut par apni aankho me aansu mat laana Accha Suno, Mere jane ke baad bhi Jab Chai Piyo, to Do Cup me hi laana Mai Chala gya to fir kise itna sataogi? Mere baad ye Narazgi, kise Dikhaogi? ©Aditya Malpani

#Heartbeat  Kal Shayad Na rahun mai
to ye Narazgi kise dikhaogi?
Jo baat aaj hai dil mai, Use abhi Keh Do
Agar mai na raha is duniya me
To wo baat fir kise bataogi?
Mere Chale Jaane ke baad
Meri yaad to zarur aaegi
Nazre Mujhe Talashegi
Par Shayad Dhund nahi Paegi
Mehsoos Karogi bas Mujhe
Mere Saaye ko bhi Kareeb Paogi
Par agar Mai kal na raha is Duniya me
to Ye Narazgi Kise Dikhaogi?
Mere Jaane ke baad Chai pina Mat Chhodna
Mera dil to toda tha pr chai se rishta mat todna
Jo Wade kie the, wo sath beth kr chai pine ke
 yaad krna wo lamhe jab kasme khai sath Jine ke
Shayad tab meri kami khalegi bahut
par apni aankho me aansu mat laana
Accha Suno, Mere jane ke baad bhi
Jab Chai Piyo, to Do Cup me hi laana
Mai Chala gya to fir kise itna sataogi?
Mere baad ye Narazgi, kise Dikhaogi?

©Aditya Malpani

Mere Baad #Heartbeat

12 Love

meri yaad tumko har waqt ye ehsaas dilaegi humare deewanepan ki kahani bhi amar ho jaegi itihas k panno me hoga tera nam zaroor magar vaha bhi khud ke pas tu hamesha mujhe hi paegi is janm me na sahi par agle janm meri hi hogi tu isi arzoo k sahare ye zindgi bhi gujar jaegi ...:) :) :)

#कविता #aarzoo  meri yaad tumko har waqt ye ehsaas dilaegi
humare deewanepan ki kahani bhi amar ho jaegi
itihas k panno me hoga tera nam zaroor magar
vaha bhi khud ke pas tu hamesha mujhe hi paegi
is janm me na sahi par agle janm meri hi hogi tu
isi arzoo k sahare ye zindgi bhi gujar jaegi ...:) :) :)

#aarzoo

9 Love

उम्मीद है कि, जल्द हीसब सही हो जाएगा उम्मीद है कि, कोरोना भी खत्म हो जाएगा उम्मीद है कि, फिर से ऐसी लहर आएगी जो हमको फिर प्रगति की ओर ले जाएगी उम्मीद है कि, आसमानों को छू कर भी हम हमेशा धरातल से जुड़े रखेंगे अपने कदम उम्मीद है कि, जिंदगी नए रंग दिखलाएगी उम्मीद है कि, फिर से खुशियां जगमगाएगी उम्मीद है कि, अब हमसब संभल कर चलेंगे उम्मीद है कि, जो करेंगे देश के हित में करेंगे उम्मीद है कि, दूर होगा पाप का घोर अंधेरा उम्मीद है कि, फिर से आदित्य से होगा नयासवेरा

#कविता #Night  उम्मीद है कि, जल्द हीसब सही हो जाएगा
उम्मीद है कि, कोरोना भी खत्म हो जाएगा
उम्मीद है कि, फिर से  ऐसी लहर आएगी
जो हमको फिर प्रगति की ओर ले जाएगी
उम्मीद है कि, आसमानों को छू कर भी हम
हमेशा धरातल से जुड़े रखेंगे अपने कदम
उम्मीद है कि, जिंदगी नए रंग दिखलाएगी
उम्मीद है कि, फिर से खुशियां जगमगाएगी
उम्मीद है कि, अब हमसब संभल कर चलेंगे
उम्मीद है कि, जो करेंगे देश के हित में करेंगे
उम्मीद है कि, दूर होगा पाप का घोर अंधेरा
उम्मीद है कि, फिर से आदित्य से होगा नयासवेरा

#Night Umeed Hai Ki part 2

10 Love

यूं ही चलते जा रहे हैं, जाना कहां, ना है पता मगर फिर भी क्यों कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं ताली भी बजाई, थाली भी बजाई जनता कर्फ्यू के दिन भी जनता घर से बाहर नजर आई सब किए कराए पर पानी फिरा रहे हैं जाना कहां, ना है पता मगर फिर भी क्यों कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं अफवाह से कभी बस भरी कभी बिना मतलब की भीड़ करी राज्य सरकारों की राजनीति में भोली भाली जनता ही मरी पर यूं ही चलते जा रहे हैं, जाना कहां, ना है पता मगर फिर भी क्यों हम घर से बाहर आ रहे हैं सब की सलाह दी कि घर में ही करो गुजारा जब कोई ना माना तो लगा दी 144 धारा बाहर निकले तो पुलिस का डंडा भी खाया पर बेशर्मी इतनी कि कभी पुलिस को ही मारा यह सब करके हम क्या पा रहे हैं जाना कहां, ना है पता मगर फिर भी क्यों कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं सनक ऐसी इन चंद लोगों की, कुछ गेरुए, काले और सफेद चोगों की नापाक कहूं या जाहिल कहूं नहीं सुन रहे बात जो भुक्तभोगों की इस तनाव में भी मरकज जमात लगा रहे हैं जाना कहां, ना है पता मगर फिर भी क्यों कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं मान जाओ, यह है संकट की घड़ी मजबूरी है, ऐसी विपदा आन पड़ी घर के भीतर बचे रहोगे दरवाजे के बाहर है मौत खड़ी क्यों अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं जाना कहां, ना है पता मगर फिर भी क्यों कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं आपात सेवाओं का सहयोग करो अपनी काया को निरोग करो घर में ही रहो और करो व्यायाम आदित्यनमस्कार करो तथा योग करो डॉक्टर्स भी है कि समझा रहे हैं अदृश्य शत्रु से लड़ रहे हैं हम तो फिर भी क्यों आप घर से बाहर आ रहे हैं

#indiafightsagainstcorona #Corona_Lockdown_Rush #कविता  यूं ही चलते जा रहे हैं,
जाना कहां, ना है पता
मगर फिर भी क्यों
कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं
ताली भी बजाई, थाली भी बजाई
जनता कर्फ्यू के दिन भी
जनता घर से बाहर नजर आई
सब किए कराए पर पानी फिरा रहे हैं
जाना कहां, ना है पता
मगर फिर भी क्यों
कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं
अफवाह से कभी बस भरी
कभी बिना मतलब की भीड़ करी
राज्य सरकारों की राजनीति में
भोली भाली जनता ही मरी
पर यूं ही चलते जा रहे हैं,
जाना कहां, ना है पता
मगर फिर भी क्यों
हम घर से बाहर आ रहे हैं
सब की सलाह दी कि घर में ही करो गुजारा
जब कोई ना माना तो  लगा दी 144 धारा
बाहर निकले तो पुलिस का डंडा भी खाया
पर बेशर्मी इतनी कि कभी पुलिस को ही मारा
यह सब करके हम क्या पा रहे हैं
जाना कहां, ना है पता
मगर फिर भी क्यों
कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं
सनक ऐसी इन चंद लोगों की,
कुछ गेरुए, काले और सफेद चोगों की
नापाक कहूं या जाहिल कहूं
नहीं सुन रहे बात जो भुक्तभोगों की
इस तनाव में भी मरकज जमात लगा रहे हैं
जाना कहां, ना है पता
मगर फिर भी क्यों
कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं
मान जाओ, यह है संकट की घड़ी
मजबूरी है, ऐसी विपदा आन पड़ी
घर के भीतर बचे रहोगे
दरवाजे के बाहर है मौत खड़ी
क्यों अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं
जाना कहां, ना है पता
मगर फिर भी क्यों
कुछ लोग घर से बाहर आ रहे हैं
आपात सेवाओं का सहयोग करो
अपनी काया को निरोग करो
घर में ही रहो और करो व्यायाम
आदित्यनमस्कार करो तथा योग करो
डॉक्टर्स भी है कि समझा रहे हैं
अदृश्य शत्रु से लड़ रहे हैं हम
तो फिर भी क्यों
आप घर से बाहर आ रहे हैं
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