deepak raina

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I'm a writer poet I write for my kashmir

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दीदार न सही ,कभी याद तो कर लिया करो हिचकिया तुमहे भी आती होगी इकरार तो कर लिया करो हमारी चाहत मे तो कोई कमी नही है, थोढा सा ही सही हमसे कभी तुम भी पयार कर लिया करो दीदार न सही,कभी याद तो कर लिया करो हमने तेरे पयार मे जिनदगी गुजार दी यू ही अपनी महोबत का तुम भी तो इज़हार कर लिया करो वफा पे अपनी हमे यकीन तो है मेरी वफा की तुम भी तो हामी बर लिया करो दीदार न सही, कभी याद तो कर लिया करो हिचकिया तुमहे भी आती होगी,इकरार तो कर लीया करो ©deepak raina

#लव #poem  दीदार न सही ,कभी याद तो कर लिया करो
हिचकिया तुमहे भी आती होगी इकरार तो कर लिया करो
हमारी चाहत मे तो कोई कमी नही है, 
थोढा सा ही सही हमसे
कभी तुम भी पयार कर लिया करो
दीदार न सही,कभी याद तो कर लिया करो
हमने तेरे पयार मे जिनदगी गुजार दी यू ही
अपनी महोबत का तुम भी तो इज़हार कर लिया करो
वफा पे अपनी हमे यकीन तो है
मेरी वफा की तुम भी तो हामी बर लिया करो
दीदार न सही, कभी याद तो कर लिया करो
हिचकिया तुमहे भी आती होगी,इकरार तो कर लीया करो

©deepak raina

#poem

3 Love

साथी तेरे साथ से हर खुशी मययसर है मुझे तेरे होने से कायनात है मेरी यह शायद मालूम नही है तुझे तेरी बेरुखी से सासे थम जाती है मेरी,तेरी एक हँसी से जिनदगी मिल जाती है मुझे साथी तेरे साथ से हर खुशी मययसर है मुझे तू दूर होती हो मुझसे तो जिनदगी वीरान से लगती है मुझे हर शय दुनिया की अनजान से लगती है मुझे तपते रेगिसतान सी सुलगती रहती है जिनदगी मेरी तेरे पास होने से मिलती है फिर राहत सी मुझे तू गैर है इसका भी अहसास है दिलको मगर न जाने कयो लगती हो तुम मेरी चाहत सी मुझे साथी तेरै साथ से हर खुशी मययसर है मुझे तेरे होने से कायनात है मेरी,यह शायद मालूम नही है तुझे ©deepak raina

#कविता #Roses #poem  साथी तेरे साथ से हर खुशी मययसर है मुझे
तेरे होने से कायनात है मेरी यह शायद मालूम नही है तुझे
तेरी बेरुखी से सासे थम जाती है मेरी,तेरी एक हँसी से जिनदगी मिल जाती है मुझे
साथी तेरे साथ से हर खुशी मययसर है मुझे
तू दूर होती हो मुझसे तो जिनदगी वीरान से लगती है मुझे
हर शय दुनिया की अनजान से लगती है मुझे
तपते रेगिसतान सी सुलगती रहती है जिनदगी मेरी
तेरे पास होने से  मिलती है फिर राहत सी मुझे
तू गैर है इसका भी अहसास है दिलको
मगर न जाने कयो लगती हो तुम मेरी चाहत सी मुझे
साथी तेरै साथ से हर खुशी मययसर है मुझे
तेरे होने से कायनात है मेरी,यह शायद मालूम नही है तुझे

©deepak raina

#poem #Roses

6 Love

फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया फिर एक बार हमने अपने आप को बेबस ओर लाचार पाया फिर से आज चिनारो मे गूजती है मोत की चीखे फिर आज उस गुलिसतान को हमने वीरान पाया फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया तडपते है फिर से बचचे अपने मा बाप के खातिर फिर से हमने मासूम बचचो को यतीम पाया हर तरफ सुनाई देती है फिरसे मोत की चीखे अपने हमसाये को ही हमने फिर से अपना कातिल पाया फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया फिर एक बार हमने अपने आप को बेबस ओर लाचार पाया ©deepak raina

#कविता #Roses #poem  फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया
फिर एक बार हमने अपने आप को बेबस ओर लाचार पाया
फिर से आज चिनारो मे गूजती है मोत की चीखे 
फिर आज उस गुलिसतान को हमने वीरान पाया
फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया
तडपते है फिर से बचचे अपने मा बाप के खातिर
फिर से हमने मासूम बचचो को यतीम पाया
हर तरफ सुनाई देती है फिरसे मोत की चीखे
अपने हमसाये को ही हमने फिर से अपना कातिल पाया
फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया
फिर एक बार हमने अपने आप को बेबस ओर लाचार पाया

©deepak raina

#poem on kashmir #Roses

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मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है रखता हू हर पल तुमहे महफूज़ अपनी बनद पलको मे मगर आखो से मेरी अशको का समनदर छलक जाता है मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है तेरी हर याद को हाथ की हथेली मे बनद कर के मै रखता हू तेरा वजूद रेत बनकर हाथो से फिसल जाता है बन के शममा तू रोशन करती है अभी भी मेरे दिल के आशियाने को रात डलते ही तेरा तससअवूर मोम बनकर पिगल जाता है मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है.... ©deepak raina

#लव #RIP_KK  मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है
तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है
रखता हू हर पल तुमहे महफूज़ अपनी बनद पलको मे
 मगर आखो से मेरी अशको का समनदर छलक जाता है
मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है 
तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है
तेरी हर याद को हाथ की हथेली मे बनद कर के मै रखता हू
तेरा वजूद रेत बनकर हाथो से फिसल जाता है
बन के शममा तू रोशन करती है अभी भी मेरे दिल के आशियाने को
रात डलते ही तेरा तससअवूर मोम बनकर पिगल जाता है
मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है
तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है....

©deepak raina

#RIP_KK

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मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है अकेले मे भी यू लगता है जैसे पूरी कायनात मेरे साथ होती है तेरी याद को अकसर सीने मे दबा देता हू तेरे अकस से हर लमहा मेरी बात होती है दिन के ऊजाले अभ मुझे रास नही आते है रात की गहराई मे तुमसे फुरसत मे दिल की बात होती है मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है तेरी जुदाई का गम अब दिल मे घर कर गया है तुझसे खवाब मे मिलता हू तो खुश रहता हू नीनद से जागर मेरी फिर पलके रोती है मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है ©deepak raina

#RIPSidhuMoosewala #कविता  मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है
अकेले मे भी यू लगता है जैसे पूरी कायनात मेरे साथ होती है
तेरी याद को अकसर सीने मे दबा देता हू
तेरे अकस से हर लमहा मेरी बात होती है
दिन के ऊजाले अभ मुझे रास नही आते है
रात की गहराई मे तुमसे फुरसत मे दिल की बात होती है
मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है
तेरी जुदाई का गम अब दिल मे घर कर गया है
तुझसे खवाब मे मिलता हू तो खुश रहता हू
नीनद से जागर मेरी फिर पलके रोती है
मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है

©deepak raina

तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है बहाने से ही सही मुलाकाते हो जाये तो अचछा है ना मै कुछ कहू तुमसे ना तुम कहो कुछ मुझसे आखो आखो मे ही बाते हो जाये तो अचछा है तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है न गमे जननत ही हो और न गमे दोज़ख ही हो सारी कायनात उस एक पल मे सिमट जाये तो अचछा है जिसम को जिसम की छुवन महसूस न हो रुह से रुह का मिलन हो जाये तो अचछा है तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है ©deepak raina

#कविता #Travel  तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है
बहाने से ही सही मुलाकाते हो जाये तो अचछा है
ना मै कुछ कहू तुमसे ना तुम कहो कुछ मुझसे
आखो आखो मे ही बाते हो जाये तो अचछा है
तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है
न गमे जननत ही हो और न गमे दोज़ख ही हो 
सारी कायनात उस एक पल मे सिमट जाये तो अचछा है
जिसम को जिसम की छुवन महसूस न हो
रुह से रुह का मिलन हो जाये तो अचछा है
तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है

©deepak raina

#Travel

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