jahajisandesh

jahajisandesh Lives in Allahabad, Uttar Pradesh, India

मैं नहीं कहता कोई व्यक्ति विशेष हूँ, बस गौरव के नाम में अब भी शेष हूँ। मैं स्केच भी बनाता हूँ और हिंदी में रचनाएं भी लिखता हूँ । आप मुझे फॉलो कर सकतें हैं ।

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#jahajisandesh #BatayeinTumhe  कि अब भी तुम्हारे पसीने से भीगी रुमाल मेरी जेब में है,

कभी मिलो तो हम बतायें तुम्हें ...
इन कपड़ों में अब भी तुम्हारी खुशबू तैरती है,

कभी मिलो तो हम बतायें तुम्हें 
कि अब भी सड़को में चलते वक़्त तुम्हारे हाँथ की दरकार रहती है,

कभी मिलो तो बताएं तुम्हें ...!

©jahajisandesh

कि अब भी तुम्हारे पसीने से भीगी रुमाल मेरी जेब में है, कभी मिलो तो हम बतायें तुम्हें ... इन कपड़ों में अब भी तुम्हारी खुशबू तैरती है, कभी मिलो तो हम बतायें तुम्हें कि अब भी सड़को में चलते वक़्त तुम्हारे हाँथ की दरकार रहती है, कभी मिलो तो बताएं तुम्हें ...! ©jahajisandesh

#jahajisandesh #BatayeinTumhe  कि अब भी तुम्हारे पसीने से भीगी रुमाल मेरी जेब में है,

कभी मिलो तो हम बतायें तुम्हें ...
इन कपड़ों में अब भी तुम्हारी खुशबू तैरती है,

कभी मिलो तो हम बतायें तुम्हें 
कि अब भी सड़को में चलते वक़्त तुम्हारे हाँथ की दरकार रहती है,

कभी मिलो तो बताएं तुम्हें ...!

©jahajisandesh

दिल के क़रीब हुआ करते थे जो , उनसे दूर हैं हम, उनकी यादें हमसे रोज कहती है, ये आँखें उन्हीं के यादों में रोज बहती हैं ... ये तस्वीर भी न ...! कितना कुछ कहती है? ©jahajisandesh

#कोट्स #jahajisandesh #ImageStories  दिल के क़रीब हुआ करते थे जो ,
उनसे दूर हैं हम,
उनकी यादें हमसे रोज कहती है,
ये आँखें उन्हीं के यादों में रोज बहती हैं ...
ये तस्वीर भी न ...! 
कितना कुछ कहती है?

©jahajisandesh

💝 हिंदी दिवस...💝 सुनो!!! "श्रृंगार की रति-सी,प्रेम मति-सी, विभाव उद्दीपन सी,तुम मेरी मात्रा की बिंदी हो, मैं बिगड़े बोल व्याकरण के,तुम मेरी सुधरी हिंदी हो..." ✍🏻 गौरव शुक्ला'अतुल' #हिन्दी

#हिन्दी  💝 हिंदी दिवस...💝

सुनो!!!

"श्रृंगार की रति-सी,प्रेम मति-सी,
विभाव उद्दीपन सी,तुम मेरी मात्रा की बिंदी हो,
मैं बिगड़े बोल व्याकरण के,तुम मेरी सुधरी हिंदी हो..."

✍🏻 गौरव शुक्ला'अतुल'
#हिन्दी

💝 हिंदी दिवस...💝 सुनो!!! "श्रृंगार की रति-सी,प्रेम मति-सी, विभाव उद्दीपन सी,तुम मेरी मात्रा की बिंदी हो, मैं बिगड़े बोल व्याकरण के,तुम मेरी सुधरी हिंदी हो..." ✍🏻 गौरव शुक्ला'अतुल' #हिन्दी

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ज्यादा ख़ुशी या ज्यादा पाने के अपेक्षा में जो है उसकी उपेक्षा न कीजिये .... @jahajisandesh

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ख्वाब जब हकीकत दिखे...

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