Kavi niketan

Kavi niketan Lives in Dehradun, Uttarakhand, India

हिंदी कवि एवं वक्ता ! https://youtube.com/kaviniketan

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#कविता #पिता #FathersDay #father
#कविता #lockdown #covid19 #Mother

एक गरीब माँ और बच्चे का दर्द #lockdown #Mother #covid19

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तू कहीं नहीं गया, मेरे आसपास तेरे निशान बहुत हैं ! तू बिसर जाए ऐसा हो नहीं सकता, तुझे याद करने वाले इंसान बहुत हैं !! Love You always Sir ! Youtube/KaviNiketan

#विचार #irrfankhan  तू कहीं नहीं गया,
मेरे आसपास तेरे निशान बहुत हैं !

तू बिसर जाए ऐसा हो नहीं सकता,
तुझे याद करने वाले इंसान बहुत हैं !!

Love You always Sir ! 

Youtube/KaviNiketan

#irrfankhan

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#कविता #CoronaWarrior #corona

त्याग किया सीता बनकर तो मैला मुझको बतलाया , उस रावण का क्या पौरुष था जो धोखे से मुझको हर लाया । महलों से खुद को दूर रखा और कुटिया में सांसे भरती थी, मेरे राम कभी तो आएंगे बस यही दुआ मैं करती थी !! पुरषोत्तम की शंका बनकर जीना भी मुझको ना भाया, अग्निकुंड में जा बैठी जब संकोच पुरुष का गहराया !! उन लपटों से पौरुषता की दुविधा ना फिर भी जल पाई, मैं रघुवंशी रघुवर से बिछड़ी और घोर गहन में चल आई !!! अब पीड़ा और परित्याग के संग ही मुझे बसेरा लगता है, कहीं छुपा इस भीड़भाड़ में जीवन मेरा लगता है !! कवि निकेतन पूरी कविता Youtube/kaviniketan पर !

#कविता #सीता #ramayan #Sita  त्याग किया सीता बनकर तो मैला मुझको बतलाया ,
उस रावण का क्या पौरुष था जो धोखे से मुझको हर लाया । 
महलों से खुद को दूर रखा और कुटिया में सांसे भरती थी,
मेरे राम कभी तो आएंगे बस यही दुआ मैं करती थी !!
पुरषोत्तम की शंका बनकर जीना भी मुझको ना भाया,
अग्निकुंड में जा बैठी जब संकोच पुरुष का गहराया !!
उन लपटों से  पौरुषता की दुविधा ना फिर भी जल पाई,
मैं रघुवंशी रघुवर से बिछड़ी और घोर गहन में चल आई !!!

अब पीड़ा और परित्याग के संग ही मुझे बसेरा लगता है,
कहीं छुपा इस भीड़भाड़ में जीवन मेरा लगता है !!

कवि निकेतन

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