pushpendra naruka

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ये तूफ़ान,ये बारिशें कहां मेरा रास्ता रोक पाती है, इक तेरी ख़ामोशी मेरे गाल गीले कर जाती है। ज़ख्मों को बड़े करीने से सजाता हूं ज़ेहन में, मगर तेरी याद सब कुछ बेतरतीब कर जाती है। @ पीयू'प्रीत' ©pushpendra naruka

#शायरी #यादें  ये तूफ़ान,ये बारिशें कहां मेरा रास्ता रोक पाती है, 
इक तेरी ख़ामोशी मेरे गाल गीले कर जाती है।

 ज़ख्मों को बड़े करीने से सजाता हूं ज़ेहन में, 
मगर तेरी याद सब कुछ बेतरतीब कर जाती है।
                                   @ पीयू'प्रीत'

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White मेरे अज़ीज़ों की मुझ पर रहनुमाई है , मेरी कश्ती पतवारों ने ही डूबाई है । हर मौसम ने आज़माया है मुझे, मेरी हर शाख सावन ने जलाई है । क्यूं शिकवा करें तेरी बेवफ़ाई का 'प्रीत' ताउम्र दर्द ने वफ़ा निभाई है। @पीयू'प्रीत' ©pushpendra naruka

#शायरी #तनहाई  White मेरे अज़ीज़ों की मुझ पर रहनुमाई है ,
मेरी कश्ती पतवारों ने ही डूबाई है ।

 हर मौसम ने आज़माया है मुझे,
 मेरी हर शाख सावन ने जलाई है ।

क्यूं शिकवा करें तेरी बेवफ़ाई का 'प्रीत'
 ताउम्र दर्द ने  वफ़ा निभाई है।
                          @पीयू'प्रीत'

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मेरे अज़ीज़ों की मुझ पर रहनुमाई है, मेरी कश्ती पतवारों ने ही डुबाई है । हर मौसम ने आज़माया है मुझे, मेरी हर शाख सावन ने जलाई है । क्यूं शिकवा करें तेरी बेवफ़ाई का 'प्रीत' ताउम्र दर्द ने वफ़ा निभाई है । ‌ ‌ ‌ ‌ ‌ ‌ ‌ ‌ ‌@पीयू'प्रीत' ©pushpendra naruka

#शायरी #yaddein  मेरे अज़ीज़ों की मुझ पर रहनुमाई है,
 मेरी कश्ती पतवारों ने ही डुबाई है ।

हर मौसम ने आज़माया है मुझे,
 मेरी हर शाख सावन ने जलाई है ।

 क्यूं शिकवा करें तेरी बेवफ़ाई का 'प्रीत'
 ताउम्र दर्द ने वफ़ा निभाई है ।
 ‌ ‌  ‌          ‌  ‌       ‌             ‌ ‌ ‌@पीयू'प्रीत'

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#yaddein 'दर्द भरी शायरी'

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#शायरी  Red sands and spectacular sandstone rock formations यूं ना आया कर मेरे जे़हन-ओ-जहान में,
तेरी यादों से मेरे अल्फ़ाज़ भीग जाते हैं।

ना करना सुकूं का सौदा किसी और से,
मुहब्बत में सारे जज़्बात भीग जाते हैं।

मुफ़लिसों को नवाज़ा है आशियाने से हुकूमत ने,
देखकर बारिशें मेरे हालात भीग जाते हैं।
                                       
                                            पीयू'प्रीत'

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# yaade

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दिल से तेरी यादों के भंवर क्यूं नहीं जाते। नासूर बने हैं ज़ख़्म, भर क्यूं नहीं जाते ।। अब तो गुज़र चुके हैं मौसम कई 'प्रीत'। बंजर पड़े हैं खेत,संवर क्यूं नहीं जाते।। ‌ ‍ पीयू 'प्रीत' ©pushpendra naruka

#शायरी #intezaar  दिल से तेरी यादों के भंवर क्यूं नहीं जाते। नासूर बने हैं ज़ख़्म, भर क्यूं नहीं जाते ।।

अब तो गुज़र चुके हैं मौसम कई 'प्रीत'।
 बंजर पड़े हैं खेत,संवर क्यूं नहीं जाते।।
         ‌   ‍                        
                             पीयू 'प्रीत'

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#intezaar

12 Love

#शायरी #intezaar  दिल से तेरी यादों के भंवर नहीं जाते।
 नासूर बन हैं ज़ख्म भर क्यूं नहीं जाते ।।

अब तो गुजर चुके हैं कई मौसम 'प्रीत'।
बंजर पड़े हैं खेत,संवर क्यूं नहीं जाते।।
                                  ‌पीयू 'प्रीत'

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#intezaar

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