संजय श्रीवास्तव

संजय श्रीवास्तव

मुझसे मिलोगे तो दिल में उतर जाऊंगा

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क्या सचमुच हम चाहने लगते हैं बिना मिले ही किसी को शायद हां पहला प्रेम भी तो बिना मिले हुआ जब प्यासा की नायिका को देखकर पागलों की तरह बाहर निकला दिलों दिमाग पर जाने कब तक उसका नशा छाया रहा क्या पता मिलने के बाद भी उम्र के किसी दौर में किसी से प्रेम हुआ हो लेकिन याद नहीं अपूर्णता का अहसास ही ताउम्र जिंदा रखता है उस प्रेम को जिसमें सब कुछ सोच लेते हैं कल्पनाओं में ही सही क्यूंकि पता होता है यथार्थ की कड़वाहट शायद बर्दाश्त नहीं होता आखिर क्यूं या फिर क्या महसूस करते हैं चेहरा अल्फ़ाज़ या कोमल उंगलियों के पोर कुछ तो होता है वरना आज फिर से दूर होते चांद को नजदीक से देखने की चाहत उस पर फिर दिल ने कहा यही तो है तुम्हारी मुहब्बत ©संजय श्रीवास्तव

#कविता #Apocalypse  क्या सचमुच हम चाहने लगते हैं
बिना मिले ही किसी को
शायद हां
पहला प्रेम भी तो बिना मिले हुआ 
जब प्यासा की नायिका को देखकर
पागलों की तरह बाहर निकला 
दिलों दिमाग पर जाने कब तक
उसका नशा छाया रहा
क्या पता मिलने के बाद भी 
उम्र के किसी दौर में 
किसी से प्रेम हुआ हो 
लेकिन याद नहीं
अपूर्णता का अहसास ही
ताउम्र जिंदा रखता है
उस प्रेम को
जिसमें सब कुछ सोच लेते हैं
कल्पनाओं में ही सही
क्यूंकि पता होता है
यथार्थ की कड़वाहट
शायद बर्दाश्त नहीं होता
आखिर क्यूं या फिर क्या
महसूस करते हैं
चेहरा अल्फ़ाज़ या 
कोमल उंगलियों के पोर 
कुछ तो होता है 
वरना आज फिर से 
दूर होते चांद को
नजदीक से  देखने की चाहत
उस पर फिर दिल ने कहा 
यही तो है तुम्हारी मुहब्बत

©संजय श्रीवास्तव

#Apocalypse

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White कोई कहानी लिखी जा रही थी मगर एक किरदार तुमने निभाया नहीं वेदना अंतर्मन में घुमड़ती ही रही एक कतरा भी आंसूं बहाया नहीं दूर हम जो हुये तुम भी दूर हो गये यूं कि मिलने से भी मजबूर हो गये ख्वाब मिलकर देखा किये हमने जो सब के सब पल में चकनाचूर हो गये सोचकर तुमको मैं भी लिखने लगा सच तो है मैने तुमको भुलाया नही जब भी मौसम हसीन सुहाना हुआ दिल पर मेरे किसी ने दस्तक दिया झूमकर सरसराती पवन जब चली ऐसा लगता प्रियतम ने मुझको छुआ दिल के कोने में तुमको छिपाकर रखा तुम मिले भी तो तुमको बताया नही कोई कहानी लिखी जा रही थी मगर एक किरदार तुमने निभाया नहीं ©संजय श्रीवास्तव

#good_night_images #कविता  White 
कोई कहानी लिखी जा रही थी मगर
एक किरदार तुमने निभाया नहीं
वेदना अंतर्मन में घुमड़ती  ही रही
एक कतरा भी आंसूं  बहाया नहीं

दूर हम जो हुये तुम भी दूर हो गये
यूं कि मिलने से भी मजबूर हो गये
ख्वाब मिलकर देखा किये हमने जो
सब के सब पल में चकनाचूर हो गये
सोचकर तुमको मैं भी लिखने लगा
सच तो है मैने तुमको भुलाया नही

जब भी मौसम हसीन  सुहाना हुआ
दिल पर मेरे किसी ने दस्तक दिया
झूमकर सरसराती पवन जब चली
ऐसा लगता  प्रियतम ने मुझको छुआ
दिल के कोने में तुमको छिपाकर रखा
तुम मिले भी तो तुमको बताया नही

कोई कहानी लिखी जा रही थी मगर
एक किरदार तुमने निभाया नहीं

©संजय श्रीवास्तव

White सच बताना क्या तुम्हे --- मेरा नाम याद रहेगा साथ गुजरा जहां वो दर- ओ- बाम याद रहेगा बंद मुट्ठी में लिये फिरते हैं --हम अफसाना तेरा यूं भी होता मुहब्बत मे कोई नाकाम याद रहेगा तिरी आंखों की लाली कह जाती है बहुत कुछ हमें भी अपनी मुहब्बत का अंजाम याद रहेगा लगा दे आग कि जल जायें हर निशानी अपनी दफ्न हो जाना अपने किस्से- तमाम याद रहेगा कोई सोचे भी तो क्यूं सोचे ---तेरे बारे में संजय लगे है जितने भी तुझ पर-- इल्जाम याद रहेगा ©संजय श्रीवास्तव

#शायरी #milan_night  White 
सच बताना क्या तुम्हे --- मेरा नाम याद रहेगा
साथ गुजरा जहां वो दर- ओ- बाम याद रहेगा

बंद मुट्ठी में लिये फिरते हैं --हम अफसाना तेरा
यूं भी होता मुहब्बत मे कोई नाकाम याद रहेगा

तिरी आंखों की लाली कह जाती है बहुत कुछ
हमें भी अपनी मुहब्बत का अंजाम याद रहेगा

लगा दे आग कि जल जायें हर निशानी अपनी
दफ्न हो जाना अपने किस्से- तमाम याद रहेगा

कोई सोचे भी तो क्यूं सोचे ---तेरे बारे में संजय
लगे है जितने भी तुझ पर-- इल्जाम याद रहेगा

©संजय श्रीवास्तव

#milan_night

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#शायरी #rajdhani_night  White 
तेरे शहर में गुजरा तो तेरी आशनाई याद आयी
हमको भी जाने जाना अपनी शैदाई याद आयी
बारहा सोचा किये हम - कि दीदार हो जाये तेरा
जेहन मे फिर से हमको तेरी बेवफाई याद आयी

©संजय श्रीवास्तव

White राह में चलना इतना भी दुश्वार नही था नजर में उनका इतना इंतजार नही था ढूंढ ली है हमने एक अनजान बस्ती इश्क का जहां कोई कारोबार नही था पलट कर देखा भी नही उसने हमको कहो फिर मुहब्बत का इजहार नही था रात भर गुजरी मेरी रात उसके पहलू में क्या कहा ये मुहब्बत का इकरार नही था तोड़ दिया अपना वादा किसी मजबूरी में हमको भी संजय उस पर एतबार नहीं था ©संजय श्रीवास्तव

#शायरी #cg_forest  White 
राह में चलना इतना भी दुश्वार नही था
नजर में उनका इतना इंतजार नही था

ढूंढ ली है हमने  एक अनजान बस्ती 
इश्क का जहां कोई कारोबार नही था

पलट कर देखा भी  नही उसने हमको
कहो फिर मुहब्बत का इजहार नही था

रात भर गुजरी मेरी रात उसके पहलू में
क्या कहा ये मुहब्बत का इकरार नही था

तोड़ दिया अपना वादा किसी मजबूरी में
हमको भी संजय उस पर एतबार नहीं था

©संजय श्रीवास्तव

#cg_forest

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#शायरी #GoodMorning  White  
तेरी हथेली पर वो नाम किसका था
मेरी डायरी में खत बेनाम किसका था


एक मुद्दत से हमने उनसे राब्ता नही रखा
सर पर मुहब्बत का इल्जाम किसका था


किया तगाफुल हमेशा  महफिल में हमको
छोड़ गया जो आखिरी जाम किसका था


सफर में मिला था औरों से कुछ अलग 
किया नजरों से जो कत्लेआम किसका था


हम भी पागल थे संजय सोच कर रह गये
कह कर गया वो मुझसे पयाम किसका था

©संजय श्रीवास्तव

#GoodMorning

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