Azhar Ali Saifi

Azhar Ali Saifi Lives in New Delhi, Delhi, India

ज्यादा कुछ नहीं, बस लफ़्ज़ों से खेलने की आदत है मेरी।।

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नफरतों के दौर में मोहब्बत कर रहा हूं लोग कह रहे हैं , मैं यह बहुत बड़ा गुनाह कर रहा हूं रुशवाई तो मिलनी ही थी अज़हर झूठ कि दुनिया में , मैं जो सच बोल रहा हूं ।। ©Azhar Ali Saifi

#Trading #Quotes #SAD  नफरतों के दौर में मोहब्बत कर रहा हूं
लोग कह रहे हैं , मैं यह बहुत बड़ा गुनाह कर रहा हूं 
रुशवाई तो मिलनी ही थी अज़हर
झूठ कि दुनिया में , मैं जो सच बोल रहा हूं ।।

©Azhar Ali Saifi

#Trading #SAD

12 Love

#isaq  अच्छा सुनो , कुछ कहना है तुमसे 
तुम सुनोगी क्या ?
मेरा हाथ पकड़,मेरे साथ इस शोर शराबे वाली दुनिया से कही दूर चलोगी क्या?
एक कविता लिखी है तुमपे, हाय!मुझे शर्म आती हैं ।
मेरे लिए तुम इसे पढ़ोगी क्या ?
इज़हार-ए-इश्क़ करना मुस्किल हैं मुझ जैसे शर्मिले लड़के के लिए 
करती हूं तुम से प्यार ! ऐसा तुम मुझ से कहोगी क्या?

©Azhar Ali Saifi

#isaq

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Kavitayein Dil Se

Kavitayein Dil Se

Sunday, 12 February | 02:00 pm

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तुम ना समझ पाओगे मेरे और उसके दरमियां वाला रिस्ता बता दिया था उसे ,तू एकतरफ़ा इश्क हैं मेरा उसने कहा था अज़हर तू एक सच्चा दोस्त है मेरा और सुन प्यार वाले रिस्ते अक्सर तूट जाया करते हैं एक यार ही हैं जो मरते दम करते निभाया करते हैं और आज भी जब मैं तूट कर बिखर जाता हूँ बिन बुलाए वो आती हैं , उठाती है , सवारती है , समझाती हैं , हौशला बढ़ाती हैं अपनी दोस्ती निभाती हैं । और ख़ामोशी से अज़हर को फ़िर अज़हर बना चली जाती हैं ।

#विचार #iktarfa #alone  तुम ना समझ पाओगे 
मेरे और उसके दरमियां वाला रिस्ता 
 बता दिया था उसे ,तू एकतरफ़ा इश्क हैं मेरा 
उसने कहा था अज़हर तू एक सच्चा दोस्त है मेरा 
और सुन  प्यार वाले रिस्ते अक्सर तूट जाया करते हैं
एक यार ही हैं जो मरते दम करते निभाया करते हैं 
और आज भी जब मैं तूट कर बिखर जाता हूँ 
बिन बुलाए वो आती हैं ,
उठाती है , सवारती है , समझाती हैं , हौशला बढ़ाती हैं 
अपनी दोस्ती निभाती हैं ।
और ख़ामोशी से अज़हर को फ़िर अज़हर बना चली जाती हैं ।
#कविता #StoryOnline #IndianArmy #OpenMIC

#StoryOnline #bharat maa ki santan #OpenMIC #Indian #Nojoto #IndianArmy full video on YouTube (heartbeat diary)

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रिश्ता पूछ रहे हो, "मेरा" उससे तुम ? तो लो सुनो.. मेरा इश्क़ ही नहीं मेरा प्यार ही नहीं मेरा दिल ही नहीं मेरी जान ही नहीं मेरा मजहब ही नहीं मेरा इमान ही नहीं मेरा नमाज़ ही नही मेरी इबादत ही नहीं उसका नाम मेरे लिए वो क़लमा बन चुका हैं, जिसकी तिलावत मैं सुबहों-शाम करता हूँ ।।

#footsteps  रिश्ता पूछ रहे हो,  "मेरा" उससे तुम ?
तो लो सुनो..
मेरा इश्क़ ही नहीं
मेरा प्यार ही नहीं 
मेरा दिल ही नहीं
मेरी जान ही नहीं
मेरा मजहब ही नहीं 
मेरा इमान ही नहीं 
मेरा नमाज़ ही नही
मेरी इबादत ही नहीं
उसका नाम मेरे लिए वो क़लमा बन चुका हैं,
जिसकी तिलावत मैं सुबहों-शाम करता हूँ ।।

#footsteps

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