White मैंने घास से तनिक "हरियाली" मांगी,
शंखपुष्पी से किरण की "ओक भर उजास"।
हवाओं से मांगी थोड़ा "खुलापन",
लहरों से इक रोम की "सिहरन भर उल्लास"।
मैंने आकाश से मांगी कुछ क्षण "निहारना",
और सागर से थोड़ी "गहराई"।
नदियों से मांगी "निरंतर चलने का हुनर",
पर्वतों से डटे रहने की "ताकत"।
पंछियों से मांगी "निश्वार्थता",
और धरा से "यथार्थ में रहने की सीख"।।
©Soni s...
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