Vibha Pathak

Vibha Pathak

जानने जैसा कुछ है नहीं पढ़ लीजिये उतना काफ़ी हैं। First Book 📕= बनारस की शाम Second Book📕= अहम का मोहरा

https://youtu.be/71bS_wYIEWw

  • Latest
  • Popular
  • Video
#शायरी #banarasi_writes #Vibhapathak
#banarasi_writes #शायरी #Tutehuyekhwaab #Bihari_writes #Vibhapathak

टूटे हुए ख़्वाब.. #Tutehuyekhwaab #khwaab #Vibhapathak #banarasi_writes #Bihari_writes #bihar #Banaras

75 View

#विचार #Dahej  पापा ने समझाया था कि ना हम कुछ लाए थे, ना हम कुछ देंगे, 
बेटी इसी तरह तो हम समाज को बदलेंगे, 

पर आप गलत थे पापा" क्योंकि दहेज तो गरीब से गरीब बाप भी देता है ये बात बाद में पता चलता है।। 

पढ़ाया लिखाया ताकि मैं कुछ कर सकु पर आप गलत थे "शायद आपको रसोई का काम सिखाना था" और 
"ननद के पाव में तेल कैसे लगाते हैं ये बताना था"

©Vibha Pathak

#Dahej दहेज

27 View

#vibhapathakquote #शायरी #banarasi_writes #Vibhapathak #saza

हम चुप चाप अपनी सज़ा कुबूल करेंगे... #vibhapathakquote #saza #Vibhapathak #banarasi_writes

66 View

#vibhapathakquote #विचार #Banarasivibha #Vibhapathak  लड़का दूसरी जाति का था 
इसलिए पापा नहीं माने

अब खुश है कि बिटिया पिट तो रही है, 
पर अपनी जाति वाले से।।

©Vibha Pathak
#जानकारी #Bihar_vibhapathak #banarasi_writes #Casteisminbihar #bihariwriter #Vibhapathak  काला है तो जरूर चमार होगा

©Vibha Pathak

इतना काला आदमी तो चमार ही हो सकता है। हम सब की अब आदत सी बन गयी है हर रोज़ किसी न किसी को उसके रंग रूप, पहनावे से उसे जज करना, हर किसी ने अपने परिवार से देखा और सिखा है कि जब भी कोई शेड्यूल ट्राइब जनजाति से आए , तो उसको पुरानी सी ग्लास, या कप में चाय देते हैं.. जब मैं और एक मित्र हमलोगों के ही एक मयूचुअल फ्रेंड के घर पर गए थे। मित्र ने मुझे तो एक बढ़िया ग्लास में चाय दी, जबकि मेरे साथी दोस्त को एक गंदी सी ग्लास में। दरअसल, कभी जातिवाद का सामना हुआ नहीं था, इसलिए इस किस्म के भेदभाव का अदाज़ा नहीं था मुझे। चाय पीने के बाद हमलोग वहां से घर की ओर निकल गए लेकिन गंदी ग्लास में चाय वाली बात मुझे लगातार परेशान कर रही थी।

25,860 View

Trending Topic