Mohit Shukla

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मेरे वतन से प्यारा कोई खूब नही है तिरंगें से प्यारा कोई महबूब नही है! आन, शान जान सब कुर्बान इस गुलिस्तान पर अब भी चमक वही है ,कि सूरज डूब नही है!! जय हिन्द जय भारत🙏 आप सभी को 74 वे गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. स्वरचित.. मोहित शुक्ला🖋.. अमेठी.. ©Mohit Shukla

#कविता #IndianRepublic  मेरे वतन से प्यारा कोई खूब नही है
तिरंगें से प्यारा कोई महबूब नही है! 
आन, शान जान सब कुर्बान इस गुलिस्तान पर
अब भी चमक वही है ,कि सूरज डूब नही है!! 

जय हिन्द जय भारत🙏

आप सभी को 74 वे गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

स्वरचित.. मोहित शुक्ला🖋.. अमेठी..

©Mohit Shukla

सब अधूरा #IndianRepublic

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समझदार हो गए हैं या समझो बदल गए है हम! अब जो मिलते है, मिलते है उनसे बेवजह का मिलना कर दिया है कम!! मोहित शुक्ला🖋____अमेठी... 24/11/22 ©Mohit Shukla

#शायरी #akelapan  समझदार हो गए हैं
या समझो बदल गए है हम!

अब जो मिलते है, मिलते है उनसे
बेवजह का मिलना कर दिया है कम!!

मोहित शुक्ला🖋____अमेठी... 

24/11/22

©Mohit Shukla

सब अधूरा #akelapan

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#शायरी  माँ तेरे आँचल में रहने की ख्वाहिश बहुत है
तेरे पास मैं आ जाऊँ मेरी आजमाईस बहुत है
तेरी ममता के जोड़ का कोई दूसरा नही जहां में
बाकी इस झूठी दुनियाँ में प्यार की नुमाईस बहुत है!! 
write by__प्रवीण द्दिवेदी🖋

©Mohit Shukla

सब अधूरा

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माँ तेरे आँचल में रहने की ख्वाहिश बहुत है तेरे पास मैं आ जाऊँ मेरी आजमाईस बहुत है तेरी ममता के जोड़ का कोई दूसरा नही जहां में बाकी इस झूठी दुनियाँ में प्यार की नुमाईस बहुत है!! write by__प्रवीण द्दिवेदी🖋 ©Mohit Shukla

#शायरी  माँ तेरे आँचल में रहने की ख्वाहिश बहुत है
तेरे पास मैं आ जाऊँ मेरी आजमाईस बहुत है
तेरी ममता के जोड़ का कोई दूसरा नही जहां में
बाकी इस झूठी दुनियाँ में प्यार की नुमाईस बहुत है!!

write by__प्रवीण द्दिवेदी🖋

©Mohit Shukla

सब अधूरा

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है सभी फिराक में करने को चाँद का दीद मानो जनम जनम से हो चाँद से गहरी प्रीत!! मोहित शुक्ला____अमेठी।। 13/10/22 ©Mohit Shukla

#शायरी #KarwachauthFast  है सभी फिराक में करने को चाँद का दीद

मानो जनम जनम से हो चाँद से गहरी प्रीत!! 



मोहित शुक्ला____अमेठी।। 
13/10/22

©Mohit Shukla

सब अधूरा #KarwachauthFast

9 Love

ए चाँद जरा तु जल्दी आना मेरे छत के कोनें पर मैं अपना व्रत खोलू गी तेरे सामने होने पर।। प्रेम सुधा रस आयेंगें अधरों पर तेरे ही आने पर ए चाँद जरा तु जल्दी आना मेरे छत के कोनें पर।। रहे खनकती चूड़ियाँ मेरी कलाई पर लग जाए मेरी उमारियाँ साजन की भलाई पर।। उठा कर आ बादलों से अब तु यू देर न कर ए चाँद जरा तु जल्दी आना मेरे छत के कोनें पर।। मोहित शुक्ला__अमेठी।। ©Mohit Shukla

#कविता #parent  ए चाँद जरा तु जल्दी आना
मेरे छत के कोनें पर
मैं अपना व्रत खोलू गी
तेरे सामने होने पर।।
प्रेम सुधा रस आयेंगें अधरों पर
तेरे ही आने पर
ए चाँद जरा तु जल्दी आना
मेरे छत के कोनें पर।।

रहे खनकती चूड़ियाँ 
मेरी कलाई पर
लग जाए मेरी उमारियाँ
साजन की भलाई पर।। 
उठा कर आ बादलों से
अब तु यू देर न कर
ए चाँद जरा तु जल्दी आना
मेरे छत के कोनें पर।।


मोहित शुक्ला__अमेठी।।

©Mohit Shukla

सब अधूरा #parent

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