किसी ख़्वाब सा बन बिखरता गया वो शख्स,
दिल की गहराइयों से उतरता गया वो शख्स,
उसे लोगों की किस्सों ,कहानियों में अपना किरदार
खूबसूरत नही चाहिए था शायद,
अपनी लिखी तमाम कहानियों में निखरता गया वो शख्स.
जिंदगी कहानियों सी थी उसकी,
दर्द,इश्क ,खुशी , सब्र...ये सब था
खैर
कविताओं ,गजलों ,नज्मों में
अपनी जिंदगी लिख ,जीता गया वो शख्स..!
आदर्श कुमार
©@Adarsh
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