Kunal Tanwar

Kunal Tanwar Lives in Bikaner, Rajasthan, India

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प्रश्न और तर्क के सभी उत्तर मिलना असंभव है क्यूंकि अस्तित्व के पास इसका कोई उत्तर है ही नहीं इसका कारण हमारे प्रश्न है वो बिल्कुल ऐसे हैं जैसे कि कोई पूछे दिन अच्छा है या रात और तर्क ऐसे हैं जैसे कोई कहे दिन अच्छा है क्योंकि उसके पास रोशनी है और रात बुरी है क्यूंकि उस में अंधेरा है। अगर सभी प्रश्न और तर्क गिरा दिए जाएं उनकी व्यर्थता को समझते हुए तो वास्तविक समाधान हो जाता है इसे ही समाधि या आत्मज्ञान कहा गया है - अज्ञात ©Kunal Tanwar

#Quotes #boat  प्रश्न और तर्क के सभी उत्तर मिलना असंभव है क्यूंकि अस्तित्व के पास इसका कोई उत्तर है ही नहीं इसका कारण हमारे प्रश्न है वो बिल्कुल ऐसे हैं जैसे कि कोई पूछे दिन अच्छा है या रात और तर्क ऐसे हैं जैसे कोई कहे दिन अच्छा है क्योंकि उसके पास रोशनी है और रात बुरी है क्यूंकि उस में अंधेरा है।
अगर सभी प्रश्न और तर्क गिरा दिए जाएं उनकी व्यर्थता को समझते हुए तो वास्तविक समाधान हो जाता है इसे ही समाधि या आत्मज्ञान कहा गया है

                                                              -  अज्ञात

©Kunal Tanwar

#boat

16 Love

हम लोग जन्म को लेकर बेकार की बहस में उलझे रहते हैं।कोई कहता है एक ही जन्म है कोई कहता है कई जन्म होते हैं। आगे भी जन्म लेना पड़ेगा और पहले भी तुम्हारा पुराना जन्म था। और इसी के चलते हम लोग बहस से मारपीट तक उतर आते हैं लेकिन अगर गौर से देखें तो ये हम कर क्या रहें हैं? अगर एक ही जन्म है अगर हम सब को एक ही जीवन मिला है तो फिर ये लड़ाई झगड़ा क्यूं ये इतना मार पीट क्यूं? क्यूंकि अगर सच यही है कि एक ही जन्म है तो हमें अपनी सीमितता को तुरंत देखना चाहिए। हम ये सब क्यूं करे हमें तो फिर इस जीवन का जितना हो सके उतना उपयोग करना चाहिए । इस जीवन की हर ऊंची से ऊंची संभावना देखनी चाहिए । जीवन को जितना हो सके उतना जी भर कर जी लेना चाहिए क्योंकि हमारा अस्तित्व बस कुछ दिन कुछ साल का ही और है फिर हम नही होंगे और हमारा अनुभव ये कहता है कि मौत का तो कोई निश्चित समय भी तय नहीं है कि 70 साल बाद आएगी या अगले पल ही घट जाए। हर पल जीवन का आनंद उठाना चाहिए की मैं जीवित हूं और क्या चाहिए। हम दुखों के दलदल में क्यूं फसे रहते हैं। पूरा जीवन अगर दुख में ही चला जायेगा तो हमने जीया ही क्या और किया ही क्या यहां आके भी और जन्म लेके भी । हम ये सब कैसे बेकार की बातों में फंसे हैं। और अगर एक जन्म नहीं है और कई अनेक जन्म लेने पड़ेंगे तो तो फिर तो हमें दोगुनी सजगता से और दोगुनी जागरूकता से जीवन को जीना चाहिए क्योंकि बहिखाते का एक नियम है whatever is remaning will carry forward to next account यही नियम हमारे जन्मों पर भी लागू होता है तो अगर हम जीवन को समग्रता से और इतनी जागरूकता से जिए की दुख आसपास ही न फटक पाए और जीवन का आनंद बढ़ता ही चला जाए तो फिर न हमें डरने की जरूरत है न ही बहस करने की चूंकि अगर इस जीवन में हमने शांति की एक झलक भी देख ली सुख की एक छाया भी हमारे ऊपर पड़ गई तो अगला जन्म तो उसी शांति और छाया में घटेगा और धीरे धीरे वो शांति आनंद में बदल जायेगी और हमारा ध्येय पूरा हो जाएगा लेकिन वहीं अगर इस जीवन में ही शांति न कमा सके खुशी की झलक न ले सके और दुख के पहाड़ नफरत के पहाड़ ही बनाने में अपनी सारी ऊर्जा लगा दी तो फिर ये पहाड़ ही पिघलकर दलदल रूपी ज्वालामुखी बन जायेंगे जिसके दलदल में तुम आज फंसना शुरू करोगे और आज जलना शुरू करोगे और आने वाले हर जन्म में इसी दलदल में फंसते और जलते चले जाओगे। क्यूंकि तुम्हारे पुराने बहिखाते तुम्हारी यही कमाई दिखाएंगे। ©Kunal Tanwar

 हम लोग जन्म को लेकर बेकार की बहस में उलझे रहते हैं।कोई कहता है एक ही जन्म है कोई कहता है कई जन्म होते हैं। आगे भी जन्म लेना पड़ेगा और पहले भी तुम्हारा पुराना जन्म था। और इसी के चलते हम लोग बहस से मारपीट तक उतर आते हैं लेकिन अगर गौर से देखें तो ये हम कर क्या रहें हैं? अगर एक ही जन्म है अगर हम सब को एक ही जीवन मिला है तो फिर ये लड़ाई झगड़ा क्यूं ये इतना मार पीट क्यूं?
   क्यूंकि अगर सच यही है कि एक ही जन्म है तो हमें अपनी सीमितता को तुरंत देखना चाहिए। हम ये सब क्यूं करे हमें तो फिर इस जीवन का जितना हो सके उतना उपयोग करना चाहिए । इस जीवन की हर ऊंची से ऊंची संभावना देखनी चाहिए । जीवन को जितना हो सके उतना जी भर कर जी लेना चाहिए क्योंकि हमारा अस्तित्व बस कुछ दिन कुछ साल का ही और है फिर हम नही होंगे और हमारा अनुभव ये कहता है कि मौत का तो कोई निश्चित समय भी तय नहीं है कि 70 साल बाद आएगी या अगले पल ही घट जाए। 
हर पल जीवन का आनंद उठाना चाहिए की मैं जीवित हूं और क्या चाहिए। हम दुखों के दलदल में क्यूं फसे रहते हैं। पूरा जीवन अगर दुख में ही चला जायेगा तो हमने जीया ही क्या और किया ही क्या यहां आके भी और जन्म लेके भी । हम ये सब कैसे बेकार की बातों में फंसे हैं।
  और अगर एक जन्म नहीं है और कई अनेक जन्म लेने पड़ेंगे तो तो फिर तो हमें दोगुनी सजगता से और दोगुनी जागरूकता से जीवन को जीना चाहिए क्योंकि बहिखाते का एक नियम है whatever is remaning will carry forward to next account यही नियम हमारे जन्मों पर भी लागू होता है तो अगर हम जीवन को समग्रता से और इतनी जागरूकता से जिए की दुख आसपास ही न फटक पाए और जीवन का आनंद बढ़ता ही चला जाए तो फिर न हमें डरने की जरूरत है न ही बहस करने की चूंकि अगर इस जीवन में हमने शांति की एक झलक भी देख ली सुख की एक छाया भी हमारे ऊपर पड़ गई तो अगला जन्म तो उसी शांति और छाया में घटेगा और धीरे धीरे वो शांति आनंद में बदल जायेगी और हमारा ध्येय पूरा हो जाएगा 
लेकिन वहीं अगर इस जीवन में ही शांति न कमा सके खुशी की झलक न ले सके और दुख के पहाड़ नफरत के पहाड़ ही बनाने में अपनी सारी ऊर्जा लगा दी तो फिर ये पहाड़ ही पिघलकर दलदल रूपी ज्वालामुखी बन जायेंगे जिसके दलदल में तुम आज फंसना शुरू करोगे और आज जलना शुरू करोगे और आने वाले हर जन्म में इसी दलदल में फंसते और जलते चले जाओगे। क्यूंकि तुम्हारे पुराने बहिखाते तुम्हारी यही कमाई दिखाएंगे।

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जन्म

16 Love

If we want peace of mind and happiness ,do nothing just question our right - wrong, good - bad, you - me, soon we will find the meaningless equation where our thoughts, mind and believes are stucked very tightly which are nothing but only a viewpoint to situation ©Kunal Tanwar

#thinkdifferent #realityoflife #Our_happiness #nojoenglish #quotation  If we want peace of mind and happiness ,do nothing just question our right - wrong, good - bad, you - me, soon we will find the meaningless equation where our thoughts, mind and believes are stucked very tightly which are nothing but only a viewpoint to  situation

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कहीं भगवान को भोग और दूध की मिठाइयां खिलाई जा रहीं हैं तो कहीं भगवान सड़क पर ही भूखा सो रहा है वाह रे इंसान भगवान को भगवान से ही अलग करने वाला तू तो बड़ा महान है🙏👌 ©Kunal Tanwar

#Motivational #sunrays  कहीं भगवान को भोग और दूध की मिठाइयां खिलाई जा रहीं हैं तो कहीं भगवान सड़क पर ही भूखा सो रहा है
वाह रे इंसान 
भगवान को भगवान से ही अलग करने वाला तू तो बड़ा महान है🙏👌

©Kunal Tanwar

GOD IS EVERYWHERE... #sunrays

8 Love

यारी निभाई देखी न जात धर्म न जाना न राजमुकूट का अहम किया न सोचा क्या कहेगा ज़माना रथ पर कर सवार दिखाया जो द्वारकाधीश ने आज तक किसी ने मीत का ऐसा अर्थ न जाना जरा भी न भेदभाव करा बिछा दिया चरणों में फूलों का बिछौना बरसों बाद जल ही क्या दुग्ध अभिषेक भी करा तोहफे के नाम पर खा गए एक एक चावल का दाना संभव नहीं अब यहां ऐसी प्रीत न मीत पर ह्रदय में बसा लें इस रिश्ते के पग की धूल भी गर तो सरल हो जाए हर रिश्ता निभाना जिसे संसार कहता है कृष्ण और सुदामा HAPPY FRIENDSHIP DAY ❤️❤️🤗🤗 ©Kunal Tanwar

#Dosti❤️se #hindi_poetry #Krishnalove #HindiPoem #kavishala  यारी निभाई देखी न जात धर्म न जाना
न राजमुकूट का अहम किया 
न सोचा क्या कहेगा ज़माना
रथ पर कर सवार दिखाया जो द्वारकाधीश ने 
आज तक किसी ने मीत का ऐसा अर्थ न जाना
जरा भी न भेदभाव करा 
बिछा दिया चरणों में फूलों का बिछौना
बरसों बाद जल ही क्या दुग्ध अभिषेक भी करा
तोहफे के नाम पर खा गए एक एक चावल का दाना
संभव नहीं अब यहां ऐसी प्रीत न मीत पर
ह्रदय में बसा लें इस रिश्ते के पग की धूल भी गर
तो सरल हो जाए हर रिश्ता निभाना 
जिसे संसार कहता है कृष्ण और सुदामा

HAPPY FRIENDSHIP DAY ❤️❤️🤗🤗

©Kunal Tanwar

बचपन के दिन, टीवी की बहार गर्मी की दोपहर, मैदानों की शाम ठंडी हवाओं में सुकून की नींद हाथों में बल्ला और बिना नशे के जाम चाहे जितना भी याद कर लें वो पल लफ्जों को उतार दे चाहे कलम के नाम नहीं मिलता दिल को फिर भी वो चैन जो जिया था उन लम्हों में वो हंसी वो मुस्कान यार उस गुजरे हुए वक्त के ही नाम ©Kunal Tanwar

#hiddenfeelings #hindi_shayari #hindi_poetry #KaviBhitar #Shaayari  बचपन के दिन, टीवी की बहार
गर्मी की दोपहर, मैदानों की शाम
ठंडी हवाओं में सुकून की नींद
हाथों में बल्ला और बिना नशे के जाम 
चाहे जितना भी याद कर लें वो पल
लफ्जों को उतार दे चाहे कलम के नाम
नहीं मिलता दिल को फिर भी वो चैन 
जो जिया था उन लम्हों में
वो हंसी वो मुस्कान यार 
उस गुजरे हुए वक्त के ही नाम

©Kunal Tanwar

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11 Love

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