कवि आर डी उपाध्याय

कवि आर डी उपाध्याय

poet and writer

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जमाने मे हमेशा से तो बस तकदीर चलती है। नही सोचो जरा तो राम को वन धाम क्या होता? गुलो से ही कभी गुलशन अगर गुलज़ार होते तो। बताओ फिर जरा काँटो का इसमें काम क्या होता?

#शायरी  जमाने मे हमेशा से तो बस तकदीर चलती है।
नही सोचो जरा तो राम को वन धाम क्या होता?
गुलो से ही कभी गुलशन अगर गुलज़ार होते तो।
बताओ फिर जरा काँटो का इसमें काम क्या होता?

मुक्तक

13 Love

आप मिली भी तो परीक्षा हॉल में अब हम नकल करते या मोहब्बत 😍

#कविता  आप मिली भी तो परीक्षा हॉल में 
अब हम नकल करते या मोहब्बत 😍

कविता

14 Love

मैं खड़ा हूँ समंदर के बहुत पास पर की जी रहा हूँ मोहब्बत के प्यास पर।। टूट जाएंगी जीवन का हर तार तो। जोड़ लूंगा मैं जीवन के हर आस पर।।

#शायरी  मैं खड़ा हूँ समंदर के बहुत पास पर
की जी रहा हूँ मोहब्बत के प्यास पर।।
टूट जाएंगी जीवन का हर तार तो।
जोड़ लूंगा मैं जीवन के हर आस पर।।

मैं खड़ा हूँ समंदर के बहुत पास पर की जी रहा हूँ मोहब्बत के प्यास पर।। टूट जाएंगी जीवन का हर तार तो। जोड़ लूंगा मैं जीवन के हर आस पर।।

31 Love

आँख भर रोज निहारती थी तुम्हे आँचल से रोज छुपाती थी तुम्हे माँ पे जाने क्या बीत रही होगी जहां की नजरो से बचाती थी तुम्हे।।।।।।।।।।।।।

#कविता  आँख भर रोज निहारती थी तुम्हे 
आँचल से रोज छुपाती थी तुम्हे
माँ पे जाने क्या बीत रही होगी 
जहां की नजरो से बचाती थी तुम्हे।।।।।।।।।।।।।

मुक्तक

25 Love

मेरे मालिक मेरे जीवन मे यही काम हो अब। मेरे मन में सदा ही मेरा घनश्याम हो अब।। मेरे कानों में गूंजे सदा ही बांसुरी की धुन। मेरे होठो पे राधे राधे बस नाम हो अब।।।

#कविता  मेरे मालिक मेरे जीवन मे यही काम हो अब।
मेरे मन में सदा ही मेरा घनश्याम हो अब।।
मेरे कानों में गूंजे सदा ही बांसुरी की धुन।
मेरे होठो पे राधे राधे बस नाम हो अब।।।

मुक्तक

32 Love

हर इक मौसम कंवारा होता है। सभी का दिल आवारा होता है।। रुलाओ मत किसी गरीब बच्चे को भी। वो भी अपने माँ का दुलारा होता है।।

#कविता  हर इक मौसम कंवारा होता है।
सभी का दिल आवारा होता है।।
रुलाओ मत किसी गरीब बच्चे को भी।
वो भी अपने माँ का दुलारा होता है।।

मुक्तक

41 Love

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