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महाराणा प्रताप जयंती प्रताप के ताप की कहानी नवीन नव बीगोद प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ । करतार के प्रताप के गीत गुन गुनाता हूँ ।। पन्द्रह सौ चालीस में आया था वो जहान में । जीवन अपना लुटा गया इस माटी के मान में ।। उदयसिंह का बेटा कीका जयवंता का लाड़ला । जयमल से पाई थी शिक्षा,भक्त महाकाल का ।। महाबली योद्धा को शत-शत शीश नवाता हूँ । प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।। पन्द्रह सौ बहत्तर में राज मुकुट माथे साजे । दो क्विंटल आठ किलो वजन काया पे साधे ।। सात फीट पाँच इंच सिंह-सी महाकाया । क्विंटल एकदस किलो वजन था उसने पाया ।। ऐसे बलशाली योद्धा को नैनन में बसाता हूं । प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।। भील सेना सेनापति हकीम खा सुर पठान था । महल त्यागा घास निवाला योद्धा महान था ।। वित विपदा आई भारी अडिग वो सरदार का । अकबर भी कांप गया तीखी वो तलवार था ।। महाबली महाराणा की सबको याद दिलाता हूं । प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।। जलाल खां मानसिंह ,भगवंतदास ,टोडरमल । आए राणा को दिखाने सुनहरा हर पल ।। अर्ध हिन्द का मालिक होगा त्याग दे मान को । धन दौलत होगी तेरी छोड़ स्वाभिमान को ।। राणा बोला ,कह देना जाके, तुर्की शैतान को । शीश कटे पर झुके नहीं छोड़े ना हम मान को ।। हिंदुजा सूरज त्याग मूरत मन में उसे बसाता हूँ । प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।। ©नवीन नव

#MaharanPratapJayanti  महाराणा प्रताप जयंती

          प्रताप के ताप की कहानी
                नवीन नव बीगोद 

   प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ । 
   करतार के प्रताप के गीत गुन गुनाता हूँ ।।

 पन्द्रह सौ चालीस में आया था वो जहान में ।
 जीवन अपना लुटा गया इस माटी के मान में ।।

उदयसिंह का बेटा कीका जयवंता का लाड़ला ।
जयमल से पाई थी शिक्षा,भक्त महाकाल का ।। 

महाबली योद्धा को शत-शत शीश नवाता हूँ ।
प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।।

पन्द्रह सौ बहत्तर में राज मुकुट माथे साजे  ।
दो क्विंटल आठ किलो वजन काया पे साधे ।।

सात फीट पाँच इंच सिंह-सी महाकाया ।
क्विंटल एकदस किलो वजन था उसने पाया ।।

ऐसे बलशाली योद्धा को नैनन में बसाता हूं ।
प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।।

भील सेना सेनापति हकीम खा सुर पठान था ।
महल त्यागा घास निवाला योद्धा  महान था ।।

वित विपदा आई भारी अडिग वो सरदार का ।
अकबर भी कांप गया तीखी वो तलवार था ।।

महाबली महाराणा की सबको याद दिलाता हूं ।
प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।।

जलाल खां मानसिंह ,भगवंतदास ,टोडरमल  ।
आए  राणा को दिखाने सुनहरा हर पल    ।।

अर्ध हिन्द का मालिक होगा त्याग दे मान को ।
धन दौलत होगी तेरी छोड़ स्वाभिमान को ।।

राणा बोला ,कह देना जाके, तुर्की शैतान को ।
शीश कटे पर झुके नहीं छोड़े ना हम मान को ।।

हिंदुजा सूरज त्याग मूरत मन में उसे बसाता हूँ ।
प्रताप के ताप की कहानी मैं सुनाता हूँ ।।

©नवीन नव

महाराणा प्रताप जयंती #MaharanPratapJayanti

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विश्व परिवार दिवस की हार्दिक शुभकामना जहाँ प्यार प्रेम पनपता है संवरते संस्कार है । कर्तव्य निभाने को समझते अपना अधिकार है ।। जहाँ हर सदस्य समर्पण को ही माने सर्वोपरि । वो ही सही मायने में बेस्ट सर्वश्रेष्ठ परिवार है ।। नवीन नव बीगोद ©नवीन नव

#Internationalfamilyday  विश्व परिवार दिवस की हार्दिक शुभकामना

जहाँ प्यार प्रेम पनपता है संवरते संस्कार है ।
कर्तव्य निभाने को समझते अपना अधिकार है ।।
जहाँ हर सदस्य समर्पण को ही माने सर्वोपरि ।
वो ही सही मायने में बेस्ट सर्वश्रेष्ठ परिवार है ।।

            नवीन नव बीगोद

©नवीन नव

विश्व परिवार दिवस #Internationalfamilyday

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ईद मुबारक अमन,चैन भाईचारा फैलाये । घर पे रहकर ,ईद मनाये ।। रब जल्दी बरसाये रहमत । मिलकर यही पुकार लगाये ।। नवीन नव बीगोद ©नवीन नव

 ईद मुबारक

अमन,चैन भाईचारा फैलाये ।
घर पे रहकर ,ईद मनाये ।।
रब जल्दी बरसाये रहमत ।   
मिलकर यही पुकार लगाये ।।

             नवीन नव बीगोद

©नवीन नव

ईद मुबारक

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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई डॉक्टर भगवान नर्स वरदान फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म दिवस । मनाते है अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस ।। क्रीमियन युद्ध सैनिकों का इलाज । लेडी विद द लैंप कहलाई प्रथम नर्स ।। नर्स का व्यक्तित्व माँ सा दुलार है ,हाथों में । दया स्नेह प्यार है, बातों में ।। जब भी कोई रोगी कराहता । दौड़ी चली आती ,रातों में ।। दिन रात करती देखभाल । लेती रहती सार संभाल ।। बड़े प्यार से जवाब देती । जब कोई पूछता सवाल ।। प्रेग्नेंसी हो या कोई ऐक्सिडेंट । आईसीयू में भर्ती कोई पेशेंट ।। न घबराती हैं न चिल्लाती है । केयर करतीं है हैंड टू हैण्ड ।। नवजात शिशु को सहलाना । परिजनों को गुड न्यूज सुनाना ।। कराहते रोगी हो या परिजन । सबका हर पल ,संबल बढ़ाना ।। डॉक्टर दवाइयां लिखते हे । नर्सेज दवाइयां खिलाते है ।। इनके स्नेह ,देखभाल से । मरे इंसान भी जी उठते है ।। कोरोना महामारी में डटे है । रात दिन एक टाँग पे खड़े है ।। संक्रमित रोगियों के बीच । कोरोना से जमकर लड़े है ।। ये महज एक नौकरी नहीं । तनख्वाह की टोकरी नहीं ।। ये ईश्वर के भेजे फरिश्ते है । बिन रिश्तों के बने रिश्ते है ।। डॉक्टर भगवान,ये वरदान है । कोशिश से बचाते, जान है ।। मानव सेवा परम सेवा है । इनका कर्म सबसे महान है ।। अनहोनी होने पर धीरज धरों । गलती से भी अपमान ना करो ।। ये मानव को बचाने वाले है । इनका हमेशा ही सम्मान करो ।। डिस्चार्ज होने पर आभार करो । उनके संग अच्छा व्यवहार करो ।। उनकी शहादत को कभी भूलो ना । खेरियत में दुआ ,हर बार करो ।। नवीन नव बीगोद ©नवीन नव

#COVIDVaccine  अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई 

डॉक्टर भगवान नर्स वरदान

फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म दिवस ।
मनाते है अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस ।।
क्रीमियन युद्ध सैनिकों का इलाज ।
लेडी विद द लैंप कहलाई प्रथम नर्स ।।

नर्स का व्यक्तित्व 

माँ सा दुलार है ,हाथों में ।
दया स्नेह प्यार है, बातों में ।।
जब भी कोई रोगी कराहता ।
दौड़ी चली आती ,रातों में ।।

दिन रात करती देखभाल । 
लेती रहती  सार संभाल  ।।
बड़े प्यार से जवाब देती ।
जब कोई पूछता सवाल ।।

प्रेग्नेंसी हो या कोई ऐक्सिडेंट ।
आईसीयू में भर्ती कोई पेशेंट ।।
न घबराती हैं न चिल्लाती है ।
केयर करतीं है  हैंड टू हैण्ड  ।।

नवजात शिशु को  सहलाना ।
परिजनों को गुड न्यूज सुनाना ।।
कराहते रोगी हो या परिजन ।
सबका हर पल ,संबल बढ़ाना ।।

डॉक्टर दवाइयां लिखते हे ।
नर्सेज दवाइयां खिलाते है ।।
इनके स्नेह ,देखभाल से ।
मरे इंसान भी जी उठते  है ।।

कोरोना महामारी में डटे है  ।
रात दिन एक टाँग पे खड़े है ।।
संक्रमित रोगियों के बीच ।
कोरोना से जमकर लड़े है ।।

ये महज एक नौकरी नहीं ।
तनख्वाह की टोकरी नहीं ।।
ये ईश्वर के भेजे फरिश्ते है ।
बिन रिश्तों के बने रिश्ते है ।।

डॉक्टर भगवान,ये वरदान है ।
कोशिश से बचाते, जान है ।।
मानव सेवा परम सेवा है ।
इनका कर्म सबसे महान है ।।

अनहोनी होने पर धीरज धरों ।
गलती से भी अपमान ना करो ।।
ये मानव को बचाने वाले है ।
इनका हमेशा ही सम्मान करो ।।

डिस्चार्ज होने पर आभार करो ।
उनके संग अच्छा व्यवहार करो ।।
उनकी शहादत को कभी भूलो ना ।
खेरियत में दुआ ,हर बार करो ।।

नवीन नव बीगोद

©नवीन नव

अन्तर्राष्ट्रीय नर्स डे #COVIDVaccine

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काव्योत्कर्ष 2.0 का हुआ आयोजन मेरी प्रस्तुति नवीन नव बीगोद

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माँ नसीब है नवीन नव बीगोद माँ से बचपन ,माँ से लड़कपन है । माँ से खिलता यौवन, पूरा जीवन है ।। माँ से मेवे मक्खन ,महकते बर्तन । माँ के हाथों का भोजन,भोग छप्पन हैं ।। माँ से ही भूख प्यास, सारी मनुहार हैं । माँ के आशीष से ,पूरे होते सपन हैं ।। माँ से रोशन है घर ,उजियारी दर । माँ कान्हा- सा रखती, करती जतन हैं ।। माँ से त्योहार,उपहार और प्यार हैं । माँ से पूजन भजन ,दान कीर्तन हैं ।। माँ ने आज भी संजोये है रीति रिवाज । छुअन से छूमंतर, करती क्रंदन है ।। माँ नहीं तो कुछ नहीं फीकी है जिन्दगी । महलों में बस, पसरा सूनापन है ।। माँ नहीं तो जग में कोई अपना नहीं । चहुंओर अक्खड़-पन ,रूखापन है ।। नसीब तेरा नव ,तुझे माँ नसीब है । लाखों ने बिन माँ के, गुज़ारा जीवन है ।। ©नवीन नव

#Flower  माँ  नसीब है

नवीन नव बीगोद

माँ से बचपन ,माँ से लड़कपन है ।
माँ से खिलता यौवन, पूरा जीवन है ।।

माँ से मेवे मक्खन ,महकते बर्तन  ।
माँ के हाथों का भोजन,भोग छप्पन हैं ।।

माँ से ही भूख प्यास, सारी मनुहार हैं ।
माँ के आशीष से ,पूरे होते सपन हैं ।।

माँ से रोशन है घर ,उजियारी दर ।
माँ कान्हा- सा रखती, करती जतन हैं ।।

माँ से त्योहार,उपहार और प्यार हैं ।
माँ से पूजन भजन ,दान कीर्तन हैं ।।

माँ ने आज भी संजोये है रीति रिवाज ।
 छुअन से छूमंतर, करती क्रंदन है ।।

माँ नहीं तो कुछ नहीं फीकी है जिन्दगी ।
महलों में बस, पसरा सूनापन है ।।

माँ नहीं तो जग में कोई अपना  नहीं   ।
चहुंओर अक्खड़-पन ,रूखापन है  ।।

नसीब तेरा नव ,तुझे माँ नसीब है ।
लाखों ने बिन माँ के, गुज़ारा जीवन है ।।

©नवीन नव

मां नसीब है #Flower

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