OM Prakash Lovevanshi

OM Prakash Lovevanshi "Sangam" Lives in Kota, Rajasthan, India

Writer, poet, teacher, motivater

https://www.instagram.com/sangam_banna

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स्वर्ण आभूषणों की तरह
चमकते हुए 
अमलतास के पीले -पीले
फूलों के गुच्छे  
तुम्हारे लिए 
तोड़ कर लाता था,  
तब तुम फूलों की तरह 
महक जाती थी,  
अब भी मैं 
अमलतास के 
फूल लाता हूँ  
तुम्हारे लिए, 
तुम वापस लौट आओ, 
मुझसे वो  अमलतास 
अब भी पूछता है,
कि किसके लिए 
ले जाते हो तुम 
सुनहरे फूलों को, ।
मैं हमेशा ही मुस्कुराकर
तुम्हारा नाम बता देता हूँ, 
फिर मन ही मन सोचता हूँ 
कि तुमको लेकर चलूँ  
एक दिन वहीं पर 
इतने में आंखें भर आती है
याद कर तुम्हें ....!!

©OM Prakash Lovevanshi "Sangam"

अब तक  सहेज कर रखा है, तुम्हारी हर बात को यादों में,  तुम्हारा खत  आज भी रखा है, मेरी डायरी में! तुम कितनी भोली थी  अब चंचल हो गई हो,  बहुत याद आती है  तुम्हारी. . .  तू रुठती भी थी मुझसे  और मैं मनाता भी था,  अब आओ -ना  फिर से तुम  फिर से रुठो  और मैं फिर से मनाऊंगा,  हर लम्हे , हर किस्से को  सहेज रखा है,  बहुत याद  आती है तेरी,  आँखें नम हो जाती है  जब भी याद करता हूँ , तुम्हें और तुम्हारी  नटखट हरकतों को. ।। ©OM Prakash Lovevanshi "Sangam"

#कविता #sangam_kota  अब तक 
सहेज कर रखा है,
तुम्हारी हर बात को
यादों में, 
तुम्हारा खत 
आज भी रखा है,
मेरी डायरी में!
तुम कितनी भोली थी 
अब चंचल हो गई हो, 
बहुत याद आती है 
तुम्हारी. . . 
तू रुठती भी थी मुझसे 
और मैं मनाता भी था, 
अब आओ -ना 
फिर से तुम 
फिर से रुठो 
और मैं फिर से मनाऊंगा, 
हर लम्हे ,
हर किस्से को 
सहेज रखा है, 
बहुत याद 
आती है तेरी, 
आँखें नम हो जाती है 
जब भी याद करता हूँ ,
तुम्हें और तुम्हारी 
नटखट हरकतों को. ।।

©OM Prakash Lovevanshi "Sangam"

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12 Love

तुमसे कुछ तो बोलता वो पागल लड़का इसलिए साथ डोलता वो पागल लड़का कोरोना में लॉकडाऊन जब से लगा है खिड़की से झाँकता वो पागल लड़का सबको जल्दी गुड़ नाइट बोलकर खुद रातभर जागता वो पागल लड़का कितने ही गम,मुश्किलें साथ चलती सपनों के पीछे भागता वो पागल लड़का जब भी मोबाईल की घण्टी बजती झट से देखता वो पागल लड़का बैठा बैठा न जाने कहाँ खो जाता हैं क्या क्या सोचता वो पागल लड़का सब सोचते चैटिंग पर ये बिजी रहता ऑनलाईन पढ़ता वो पागल लड़का ©OM Prakash Lovevanshi "Sangam"

#OM_Prakash_Lovevanshi_Sangam #शायरी  तुमसे कुछ तो बोलता वो पागल लड़का
      इसलिए साथ डोलता वो पागल लड़का

      कोरोना में लॉकडाऊन जब से लगा है
       खिड़की से झाँकता वो पागल लड़का

          सबको जल्दी गुड़ नाइट बोलकर
       खुद रातभर जागता वो पागल लड़का

        कितने ही गम,मुश्किलें साथ चलती
    सपनों के पीछे भागता वो पागल लड़का

       जब भी मोबाईल की घण्टी बजती
         झट से देखता वो पागल लड़का

        बैठा बैठा न जाने कहाँ खो जाता हैं
       क्या क्या सोचता वो पागल लड़का

       सब सोचते चैटिंग पर ये बिजी रहता
        ऑनलाईन पढ़ता वो पागल लड़का

©OM Prakash Lovevanshi "Sangam"
#OM_Prakash_Lovevanshi_Sangam #कविता #Motivational #OM_Prakash #kitaabein  

जब तूने लक्ष्य बना ही लिया
तो अब क्यों रुकता हैं,
जब ऊपर उठना ही हैं
तो अब क्यों झुकता हैं।

ठान लिया मन में, अब मंजिल पाना हैं,
करते करते अभ्यास, सब हल पाना हैं,

वक़्त भी अब ज्यादा शेष नहीं
परिस्थितियां भी तेरी विशेष नहीं,

तू सारा ध्यान लगा लक्ष्य पर
सारी विचलित बातें बिसरा कर,
तेरी टक्कर में कोई आ न सके
तू  विविध ज्ञान का पहरा कर।

दिन-रात एक करना होगा
संघर्षों को भी सहना होगा
मेहनत में कोई कमी ना रहे
क़िताबों में तुझको खोना होगा!

©OM Prakash Lovevanshi "Sangam"
#ओम_प्रकाश_लववंशी_संगम #OM_Prakash_Lovevanshi_Sangam #शायरी #sangam  किसी दिन तुम
मुझे तुम्हारे घर आए
अख़बार में पाओगे।

जब तुम शिक्षक बनोगे 
तो हो सकता हैं तुम
मेरी लिखी कविता
अपने बच्चों को पढ़ाओगे

©OM Prakash Lovevanshi "Sangam"
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