शब्दों की आश !
धेर्य रख - सब्र रख
जो तू बिखरा है ना वो भी सिमट जाएगा
वक़्त की लिहाज कर वक़्त फिर तेरी ओर आएगा,,...
हं थोड़ा खुद को संभाल कर रख
जंग तो तुझे ही लडनी है
जो तू सोच रहा -------
सहारा कोई नहीं यहां !
पराया क्या अपना भी कोई नहीं यहां-
खुद -टूटी सही दर्द से भरी सही !
अपनी ही हिम्मत पे फिर खड़ा उतरना तुझे
मरहम की आश मे- ना तोड़ हिम्मत को अपने !
हनन अभी जो तू बिखरा है वो भी सिमट जाएगा !!!!!!
वो भी सिमट जाएगा !
धर्य रख - सब्र रख
यह वक़्त भी गुजर जाएगा !!!!
@जूही_ऎहसस
©juhi
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