Manjul mahoba

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कवि

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रंग बदलना जानते सो, आदर्श गिरगिट को रखें। चरण किसके चूमना कब,परख की हम क्या कहें। दलों को दल दल समझते,हैं बिना दल रहते सदा, हैं सितारे उदित जिसके,साथ बस उसके रहें। ©Manjul mahoba

#गिरगिटकीतरहरंगबदलेलोग #कविता #Dussehra  रंग  बदलना  जानते सो, आदर्श गिरगिट को रखें।
चरण किसके चूमना कब,परख की हम क्या कहें।
दलों को दल दल समझते,हैं बिना दल रहते सदा,
हैं  सितारे  उदित  जिसके,साथ  बस  उसके  रहें।

©Manjul mahoba
#जिसको_उनने_ठगा_नहीं #कविता
#कविता  मिलेंगे  बहुतल कम ऐसे, जिन्हें सिद्धांत भाते हैं।
चमकते आवरण में जो, नहीं खुद को छिपाते हैं।
प्रलोभन छल नहीं पाएं, फकीरी है जहाँ बसती।
सिकन्दर  चूमकर   चौखट, यहाँ  से लौट जाते।

©Manjul mahoba

जिन्हें सिद्धांत भाते हैं....

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#बलरामकृष्ण #समाज  श्रीकृष्ण    के    प्यारे   भइय्या, 
      हलधर श्री बलराम।
अडिग और अविचल रहने की,
     दें अशीष सुख धाम।

©Manjul mahoba
#हरियाली #कविता  🌳 🌎 😔
#शायरी #योग  योग साधना।
मित्र जानना।
लाभ अनेकों,
मिलें मानना।

©Manjul mahoba

#योग

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